बाइबल की किताब नंबर 30—आमोस
लेखक: आमोस
लिखने की जगह: यहूदा
लिखना पूरा हुआ: लगभग सा.यु.पू. 804
आमोस न तो एक भविष्यवक्ता था और ना ही भविष्यवक्ता का बेटा। वह भेड़-बकरियों का चरानेवाला और गूलर पेड़ के फलों का बेधनेवाला था। लेकिन फिर भी, यहोवा ने उसे बुलाकर न सिर्फ उसके अपने देश, यहूदा में बल्कि खासकर उत्तर के इस्राएल राज्य में भविष्यवाणी करने के लिए भेजा। वह उन भविष्यवक्ताओं में से एक था जिनका ज़िक्र 2 राजा 17:13, 22, 23 में किया गया है। वह यहूदा के तकोई या तकोआ नगर से था, जो यरूशलेम से 16 किलोमीटर दूर, दक्षिण की ओर था। और दस गोत्रवाले इस्राएल राज्य की दक्षिणी सीमा से इस नगर तक पहुँचने के लिए एक दिन का सफर था।—आमो. 1:1; 7:14, 15.
2 आमोस की किताब की पहली आयत बताती है कि उसने यहूदा के राजा उज्जिय्याह के, और योआश के पुत्र और इस्राएल के राजा यारोबाम द्वितीय के दिनों में, एक बड़े भूकंप से दो वर्ष पहले भविष्यवाणी का काम शुरू किया था। इससे हिसाब लगाया जाता है कि आमोस ने सा.यु.पू. 829 से लगभग सा.यु.पू. 804 तक यानी 26 साल तक भविष्यवाणी की, और उस दौरान यहूदा और इस्राएल पर उन दो राजाओं का शासन चल रहा था। जकर्याह नबी उज्जिय्याह के दिनों में आए उस बड़े और विनाशकारी भूकंप का ज़िक्र करता है जिससे लोग डर के मारे भाग खड़े हुए थे। (जक. 14:5) यहूदी इतिहासकार जोसीफस कहता है कि एक भूकंप तब आया था, जब उज्जिय्याह ने अपनी मर्यादा पार करके मंदिर में धूप जलाने की कोशिश की थी। लेकिन ऐसा मालूम होता है कि जिस भूकंप का आमोस ने ज़िक्र किया था, वह उज्जिय्याह की हुकूमत के शुरूआती सालों में आया था।
3 आमोस नाम का मतलब है, “बोझ बनना” या “बोझ ढोनेवाला।” हालाँकि उसने इस्राएल और यहूदा (साथ ही, कई विधर्मी देशों) तक विपत्तियों से भरे संदेश का बोझ ढोया, मगर उसने दिलासा का यह संदेश भी दिया कि यहोवा के लोगों को बहाल किया जाएगा। आमोस के पास इस्राएल के खिलाफ विपत्ति का संदेश सुनाने की जायज़ वजह थीं। देश में धन की बारिश हो रही थी, और हर कहीं ऐयाशी और बदचलनी का बोलबाला था। लोगों ने यहोवा की व्यवस्था को ताक पर रख दिया था। दौलत की चमक ने उन्हें इस कदर अंधा कर दिया था कि उन्हें होश ही नहीं रहा कि वे विनाश की ओर बढ़ रहे हैं। उनकी हालत ऐसे पके हुए फलों की तरह हो गयी थी जो अब सड़ने लगे थे। आमोस ने यह भविष्यवाणी की कि कुछ ही सालों में, दस गोत्रवाले राज्य को बंधुआ बनाकर दमिश्क से भी दूर देश ले जाया जाएगा। इस भविष्यवाणी के ज़रिए आमोस ने यहोवा की धार्मिकता और हुकूमत की बड़ाई की, और न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन के मुताबिक, उसने अपनी पूरी किताब में 21 बार यहोवा को ‘पूरे जहान का महाराजाधिराज’ कहा।—आमो. 1:8, NW.
4 इस भविष्यवाणी के साथ-साथ आमोस की दूसरी भविष्यवाणियों का पूरा होना साबित करता है कि उसकी किताब सच्ची है। उसने यह भी भविष्यवाणी की थी कि इस्राएल के आस-पास के दुश्मन देशों को विनाश की आग से भस्म किया जाएगा। वे देश थे अराम, पलिश्तीन, सोर, एदोम, अम्मोन और मोआब। इतिहास गवाह है कि एक वक्त ऐसा आया जब इनमें से हर ताकतवर देश का नामो-निशान मिट गया। यहूदा और इस्राएल तो इन देशों से भी बढ़कर सज़ा पाने के लायक थे, क्योंकि वे यहोवा को छोड़कर झूठी उपासना करने लगे थे। शल्मनेसेर पंचम की अगुवाई में अश्शूरी सेना ने इस्राएल के आखिरी गढ़वाले शहर, सामरिया को घेर लिया और सा.यु.पू. 740 में उसे अपने कब्ज़े में कर लिया। (2 राजा 17:1-6) इस्राएल का जो हश्र हुआ, उसे देखकर उसकी बहन, यहूदा देश ने कोई सबक नहीं सीखा और इसलिए उसे भी सा.यु.पू. 607 में तबाह कर दिया गया।
5 आमोस ने ऐशो-आराम की ज़िंदगी बसर कर रहे इस्राएलियों की निंदा की क्योंकि वे गरीबों को लूटकर अपने लिए ‘हाथीदांत के भवन’ बना रहे थे और उनमें बड़ी-बड़ी दावतें रखकर बढ़िया दाखमधु और लज़ीज़ खाने का मज़ा ले रहे थे। (आमो. 3:15; 5:11, 12; 6:4-7) पुरातत्वज्ञानियों को सामरिया की खुदाई करते वक्त, हाथी-दाँत की ऐसी ढेरों चीज़ें मिलीं जो इस्राएल की इस खुशहाली का सबूत देती हैं। पवित्र देश में पुरातत्व की खुदाई पर इनसाइक्लोपीडिया (अँग्रेज़ी) कहती है: “हाथी-दाँत की चीज़ों को मुख्य रूप से दो समूहों में बाँटा जा सकता है: 1. ऐसे फलक जिनमें उभारदार नक्काशियाँ की गयी थीं, . . . 2. ऐसे फलक जिनमें नक्काशियों को ज़्यादा उभारा नहीं गया था और जिन पर बेशकीमती पत्थर, रंगीन काँच, सोने के वर्क वगैरह जड़े हुए थे। . . . माना जाता है कि हाथी-दाँत की इन चीज़ों को फीनीके के कारीगरों ने बनाया था और इन्हें शायद इस्राएली राजाओं के फर्नीचरों में मढ़ा जाता था। बाइबल अहाब के बनाए ‘हाथीदांत के भवन’ का ज़िक्र करती है (1 राजा 22:39) और ‘हाथी दांत के पलंगों’ के बारे में भी बताती है, जो ऐयाशी की उस ज़िंदगी को दर्शाते थे, जिसकी आमोस ने कड़ी निंदा की थी (6:4)।”a
6 इसमें कोई शक नहीं कि आमोस, बाइबल के संग्रह का हिस्सा है। आमोस की किताब सच्ची है, इसका पक्का सबूत यह है कि स्तिफनुस ने प्रेरितों 7:42, 43 में आमोस की तीन आयतों का निचोड़ दिया था और याकूब ने प्रेरितों 15:15-18 में आमोस किताब से हवाला दिया था।—आमो. 5:25-27; 9:11, 12.
क्यों फायदेमंद है
13 आमोस ने इस्राएल, यहूदा और उनके पड़ोसी देशों को जिन वजहों से चेतावनियाँ दी थीं, उन पर ध्यान देने से आज बाइबल पढ़नेवालों को फायदा हो सकता है। जो लोग यहोवा की व्यवस्था को ठुकराते हैं, गरीबों को लूटते और सताते हैं, जो लोग लालची और बदचलन हैं और मूर्तिपूजा करते हैं, उन्हें यहोवा की मंज़ूरी नहीं मिल सकती। लेकिन जो लोग इन बातों से मुँह मोड़कर पश्चाताप करते हैं, उन्हें यहोवा माफ करता है और दया दिखाता है। हमारे लिए बुद्धिमानी इसी में है कि हम इस दुष्ट संसार में बुरी संगति से दूर रहें और यहोवा की इस सलाह को मानें: “मेरी खोज में लगो, तब जीवित रहोगे।”—5:4, 6, 14.
14 स्तिफनुस के शहीद होने से पहले, उसने आमोस का हवाला दिया था। उसने अपने दिनों के यहूदियों को याद दिलाया था कि इस्राएलियों के बंधुआई में जाने की नौबत इसलिए आयी थी क्योंकि उन्होंने मोलेक और रिफान जैसे झूठे देवताओं की उपासना की थी। जब स्तिफनुस ने आमोस के शब्दों को दोहराया, तो क्या उन यहूदियों को अच्छा लगा? बिलकुल नहीं! वे आग-बबूला हो उठे और उन्होंने स्तिफनुस को पत्थरवाह करके मार डाला। आमोस के शब्दों पर ध्यान न देने की वजह से सा.यु. 70 में उन पर और भी बड़ी मुसीबत आयी जब यरूशलेम का विनाश कर दिया गया।—आमो. 5:25-27; प्रेरि. 7:42, 43.
15 आमोस की ढेरों भविष्यवाणियों में से न सिर्फ न्यायदंड की भविष्यवाणियों की जाँच करना फायदेमंद है जो इस्राएल, यहूदा और बाकी देशों पर पूरी हुई थीं, बल्कि बहाली के बारे में पूरी हुई भविष्यवाणियों की जाँच करना भी फायदेमंद है। ठीक जैसे यहोवा ने आमोस के ज़रिए भविष्यवाणी की थी, सा.यु.पू. 537 में इस्राएली बंधुए वापस अपने वतन लौटे, उन्होंने अपने उजड़े हुए नगरों को फिर से बसाया और दाख की बारियाँ और बगीचे लगाए।—आमो. 9:14; एज्रा 3:1.
16 लेकिन प्रेरितों के दिनों में, आमोस की भविष्यवाणी शानदार और हौसला बढ़ानेवाले तरीके से पूरी हुई। मसीही कलीसिया में गैर-यहूदियों के इकट्ठे किए जाने की चर्चा करते वक्त, याकूब ने ईश्वर-प्रेरणा से ज़ाहिर किया कि इसकी भविष्यवाणी आमोस 9:11, 12 में की गयी थी। उसने इशारा किया कि ‘दाऊद के गिरे हुए तम्बू को फिर से खड़ा करने’ की भविष्यवाणी, मसीही कलीसिया के सिलसिले में पूरी हुई है, ताकि जैसा ‘प्रभु कहता है, शेष लोग भी और सब ग़ैरयहूदी भी जो मेरे नाम के कहलाते हैं, प्रभु की खोज करें।’ इन आयतों से एक नयी जाति के बनने का सबूत मिलता है और जैसे शमौन पतरस ने बताया था परमेश्वर, गैर-यहूदियों में से ‘अपने नाम के लिये एक प्रजा’ को इकट्ठा कर रहा है।—प्रेरि. 15:13-19, NHT.
17 इस मसीही कलीसिया के सिर, यीशु मसीह को दूसरी आयतों में “दाऊद का [पुत्र]” कहा जाता है, जिसे “उसके पिता दाऊद का सिंहासन” मिलता है और जो हमेशा के लिए राज करेगा। (लूका 1:32, 33; 3:31) इस तरह आमोस की भविष्यवाणी दिखाती है कि कैसे दाऊद के साथ बाँधी गयी राज्य की वाचा पूरी होगी। आमोस की आखिरी आयतें न सिर्फ यह शानदार भविष्यवाणी करती हैं कि ‘दाऊद का तम्बू’ खड़ा किए जाने पर चारों तरफ खुशहाली होगी, बल्कि इस बात पर भी ज़ोर देती हैं कि परमेश्वर के राज्य का कभी अंत नहीं होगा: “मैं उन्हें, उन्हीं की भूमि में बोऊंगा, और वे अपनी भूमि में से जो मैं ने उन्हें दी है, फिर कभी उखाड़े न जाएंगे, तुम्हारे परमेश्वर यहोवा का यही वचन है।” जी हाँ, जब यहोवा ‘दाऊद का तम्बू’ पूरी तरह खड़ा करेगा, तब धरती पर रहनेवालों को हमेशा के लिए बेशुमार आशीषें मिलेंगी!—आमो. 9:13-15.
[फुटनोट]
a सन् 1978, यरूशलेम, पेज 1046.