१९९६ “ईश्वरीय शान्ति के सन्देशवाहक” ज़िला अधिवेशन
आध्यात्मिक रूप से तरो-ताज़ा करनेवाले कार्यक्रम के लिए कृतज्ञता की सच्ची अभिव्यक्तियाँ, भारत में १९९५ “आनन्दित स्तुतिकर्ता” ज़िला अधिवेशनों में उपस्थित होनेवाले २३,४४७ में से अनेकों से सुनी गयीं। यहोवा के ८६१ स्तुतिकर्ताओं को पानी में बपतिस्मे द्वारा अपने समर्पण को चिन्हित करते हुए देखने पर हमारे हृदय आनन्द से भर गए। हम दो नए प्रकाशनों, यहोवा के साक्षी और शिक्षा (अंग्रेज़ी) और ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है को पाने से हर्षित हुए थे। गत वर्ष हमारे ऐसे प्रेरक कार्यक्रम का आनन्द उठाने से हमें १९९६ “ईश्वरीय शान्ति के सन्देशवाहक” ज़िला अधिवेशनों के लिए प्रबन्ध किए जा रहे कार्यक्रम में उपस्थित होने के वास्ते हर प्रयास करने के लिए सचमुच प्रेरित होना चाहिए। निश्चय ही हम सभी को अपने बाइबल विद्यार्थियों को आमंत्रित करना चाहिए और उन्हें हमारे साथ वहाँ होने के लिए मदद देनी चाहिए। इन अन्तिम दिनों में जैसे-जैसे हम आनन्दपूर्वक यहोवा की सेवा करना जारी रखते हैं, ये अधिवेशन प्रोत्साहन और शक्ति के सच्चे स्रोत साबित होंगे।
२ अपने अधिवेशन प्रबन्धों को काफ़ी पहले ही कर लेने का निश्चय कीजिए ताकि आप आनन्ददायी आध्यात्मिक कार्यक्रम का आनन्द उठाने के लिए वहाँ शुरूआत के गीत से लेकर समाप्ति प्रार्थना तक उपस्थित रह सकें। प्रेमपूर्वक ऐसे लोगों को अपनी योजनाओं में शामिल कीजिए जिन्हें शायद सहायता की ज़रूरत हो, विशेषकर नई-नई दिलचस्पी रखनेवाले जन, ताकि वे भी हर सत्र के लिए उपस्थित हो सकें। ऐसे किसी भी बाइबल विद्यार्थी के साथ इस अंतःपत्र में दी गयी जानकारी पर विचार करना सहायक होगा, जो शायद उपस्थित होने की योजना बनाएँ। (गल. ६:६, १०) इस वर्ष का ज़िला अधिवेशन कार्यक्रम निश्चित ही हमें अपनी ईश्वरीय शान्ति बनाए रखने में मदद देगा, और दूसरों को ऐसी शान्ति पाने में मदद देने में हमारी भूमिका को समझाएगा। क्या आपने अपनी योजनाएँ बना ली हैं ताकि आप किसी भी कार्यक्रम से न चूकें?
३ एक तीन-दिवसीय कार्यक्रम: गत वर्ष के “आनन्दित स्तुतिकर्ता” ज़िला अधिवेशन के बारे में एक प्रशंसात्मक टिप्पणी ने अनेक लोगों की भावनाओं को अभिव्यक्त किया: “यहोवा की स्तुति करने में शान्तिपूर्ण, संयुक्त संगति में तीन बढ़िया दिन बिताने के लिए हम कितने आनन्दित हैं! हमारे अधिवेशन ने पुष्टि की है कि हम एक ख़ूबसूरत आध्यात्मिक परादीस में रहते हैं। इस अशान्त संसार में भी आनन्द से जयजयकार करने के लिए हमारे पास सचमुच कारण है।” हम जानते हैं कि आप इस वर्ष के अधिवेशन का भी पूरा-पूरा आनन्द उठाएँगे और नवीकृत बल के साथ घर लौटेंगे। (२ इति. ७:१०) इस वर्ष हमारा फिर से तीन-दिवसीय कार्यक्रम होगा। क्या आपने लौकिक कार्य से छुट्टी लेने के लिए पहले ही प्रबन्ध कर लिया है ताकि आप पूरे समय के लिए उपस्थित हो सकें? कई अधिवेशन ऐसे समय पर हैं जब स्कूल की छुट्टियाँ नहीं हैं। यदि आपके स्कूल जानेवाले बच्चे हैं, तो क्या आपने उनके शिक्षकों को आदरपूर्वक सूचित कर दिया है कि वे उनके धार्मिक प्रशिक्षण के इस महत्त्वपूर्ण भाग के लिए एकाध दिन अनुपस्थित रहेंगे?
४ प्रहरीदुर्ग, १९९६ के जुलाई १ और १५ के अंकों में भारत के सभी १५ अधिवेशनों की तारीख़ व स्थानों की सूची दी गयी है। अंग्रेज़ी के अलावा, कन्नड़, गुजराती, तमिल, तेलगू, बंगला, मलयालम, और हिन्दी में अधिवेशन होंगे। तीनों ही दिन कार्यक्रम सुबह ९.३० बजे शुरू होगा और रविवार को लगभग शाम ४ बजे समाप्त होगा। दरवाज़े सुबह ८ बजे खुलेंगे। इससे पहले प्रवेश करने की अनुमति केवल उन लोगों को दी जाएगी जिनकी कार्य नियुक्तियाँ हैं, और इन्हें तब तक सीटें बचाने की अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक कि सब के लिए इमारत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाती। क्या हम ऐसे क्षेत्रों में सीटों को खाली छोड़ने के द्वारा, जहाँ सीटें ज़्यादा सुविधाजनक और आरामदेह हैं, अपने बुज़ुर्गों और अपाहिज भाइयों के लिए कृपा प्रदर्शित करेंगे? याद रखिए: “प्रेम . . . अपनी भलाई नहीं चाहता।”—१ कुरि. १३:४, ५; फिलि. २:४.
५ क्या आप तेज़ होंगे?: नीतिवचन २७:१७ (NHT) को, “लोहा, लोहे को तेज़ करता है,” उद्धृत करने के बाद, अगस्त १५, १९९३ की प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी) ने कहा: “हम ऐसे औज़ारों के जैसे हैं जिन्हें नियमित रूप से तेज़ किए जाने की ज़रूरत है। चूँकि यहोवा के लिए प्रेम व्यक्त करना और हमारे विश्वास पर आधारित निर्णय करने का अर्थ है संसार से भिन्न होना, हमें अधिकांश लोगों से मानो निरन्तर एक भिन्न मार्ग अपनाना है।” हम इस सलाह को कैसे लागू कर सकते हैं?
६ हम संसार से भिन्न हैं और हमें संसार से भिन्न रहना है। इसे पूरा करने के निरन्तर प्रयास को बनाए रखना ज़रूरी है यदि हमें भले कार्यों में सरगर्म होना है। (तीतु. २:१४) इसीलिए ऊपर उद्धृत प्रहरीदुर्ग लेख ने आगे कहा: “जब हम ऐसे अन्य लोगों के साथ होते हैं जो यहोवा से प्रेम करते हैं, तब हम एक दूसरे को तेज़ करते हैं—हम एक दूसरे को प्रेम और भले कामों में उस्काते हैं।” ज़िला अधिवेशन यहोवा की ओर से एक प्रबन्ध है ताकि हमें आध्यात्मिक रूप से तेज़ रहने में मदद मिल सके। ऐसा हो कि अधिवेशन के तीनों दिन के दौरान हर सत्र में उपस्थित होने के लिए हम दृढ़संकल्प हों। हम कार्यक्रम के किसी भी भाग को चूक नहीं सकते।
७ एक बुद्धिमान व्यक्ति ध्यान से सुनेगा: हम शायद सुनने की क्षमता के साथ पैदा हुए हों, लेकिन हम ध्यान से सुनने की क्षमता के साथ पैदा नहीं हुए हैं। ध्यान से सुनना एक कला है जिसे विकसित किया जाना है। ऐसा कहा गया है कि एक साधारण व्यक्ति को जो उसने सुना है उसका लगभग केवल आधा ही याद रहता है—चाहे वह यह क्यों न सोचे कि उसने कितना ध्यानपूर्वक सुना था। चूँकि हम विकर्षणों के युग में जीते हैं, कभी-कभी हम शायद लम्बे समय तक एकाग्र रहना कठिन पाएँ। क्या हम अपनी एकाग्रता-अवधि को बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं, विशेषकर जब बहुत बड़े श्रोतागण में बैठकर किसी को बोलते हुए सुन रहे हों? यदि आपसे अधिवेशन से घर लौटने के बाद हर दिन के कार्यक्रम का सारांश देने के लिए कहा जाए, तो क्या आप ऐसा करने में समर्थ होंगे? हम सभी ध्यान से सुनने और अधिवेशन कार्यक्रम में प्रस्तुत किए गए हरेक भाग पर निकटता से ध्यान देने की अपनी क्षमता को कैसे सुधार सकते हैं?
८ तीव्र दिलचस्पी अत्यावश्यक है, क्योंकि इसके बिना याददाश्त की ईश्वरीय देन दक्षता से कार्य नहीं कर सकती है। उदाहरण के लिए, किसी विषय पर जितनी ज़्यादा दिलचस्पी एक व्यक्ति दिखाता है, भाषण या कार्यक्रम के भाग के मुख्य मुद्दों को याद रखना उतना आसान होता है। फिर भी, ज़िला अधिवेशनों में जो सुनने का हमारे पास विशेषाधिकार है, उस पर हमारा सामान्य से ज़्यादा ध्यान देने पर काफ़ी कुछ निर्भर है। क्या हुआ होता यदि सा.यु.पू. १५१३ में मिस्र में कुछ इस्राएली परिवारों ने फसह के निर्देशों पर कम ध्यान दिया होता? निर्गमन १२:२८ कहता है: “इस्राएलियों ने जाकर, जो आज्ञा यहोवा ने मूसा और हारून को दी थी, उसी के अनुसार किया।” ईश्वरीय निर्देशों का पालन करने का अर्थ था इस्राएल के पहिलौठों का संरक्षण। अधिवेशन कार्यक्रम के हर भाग में हमारी तीव्र दिलचस्पी और एकाग्रता का हमारी वर्तमान आध्यात्मिक स्थिति, साथ ही हमारी भावी प्रत्याशाओं से सम्बन्ध है। अधिवेशनों में हमें यहोवा के तरीक़ों के बारे में सिखाया जाता है और हमें जीवनरक्षक कार्य को पूरा करने के लिए निर्देश दिए जाते हैं। (१ तीमु. ४:१६) मान लीजिए कि आप एक जहाज़ हैं जो तूफ़ान से थपेड़े खा रहे समुद्र में है। यहोवा की प्रतिज्ञाएँ आशा के ठोस लंगर हैं। यदि एक व्यक्ति मसीही कार्यक्रमों में एकाग्र नहीं है और अपने मन को भटकने देता है, तब क्या हो सकता है? वह सलाह और निर्देश के अत्यावश्यक मुद्दों को चूक सकता है जो उसे आध्यात्मिक पोतभंग के दुःख से बचा सकते थे।—इब्रा. २:१; ६:१९.
९ संसार के अनेक भागों में, हमारे भाई सभाओं में उपस्थित होने के लिए काफ़ी शारीरिक प्रयत्न करते हैं। अधिवेशनों में उनके तल्लीन ध्यान को देखना बहुत ही बढ़िया है। लेकिन, कुछ जगहों में व्यक्तियों ने सत्रों के दौरान अधिवेशन मैदानों के चारों ओर चक्कर काटने के द्वारा दूसरों को विकर्षित किया है। दूसरे देर से आते हैं। पिछले कुछ अधिवेशनों में, गलियारे और बैठने के क्षेत्रों के पीछे बहुत सारे लोगों के घूमने की वजह से कार्यक्रम के पहले कुछ क्षणों को सुनना मुश्किल था। ये सामान्यतः ऐसे भाई नहीं होते हैं जिनकी कार्य नियुक्तियाँ होती हैं या ऐसी माताएँ नहीं होती हैं जो अपने छोटे बच्चों की ज़रूरतों की देखभाल कर रही होती हैं। अधिकांश बाधा ऐसे लोगों के कारण होती है जो मात्र धूम-फिर रहे होते हैं और गप्पे लड़ा रहे होते हैं। इस साल परिचारक विभाग इस समस्या पर ज़्यादा ध्यान देगा, और आशा है कि सभी लोग बैठे होंगे जब सभापति हमें ऐसा करने के लिए आमंत्रित करता है। इस सम्बन्ध में आपके सहयोग की काफ़ी क़दर की जाएगी।
१० कौन-से व्यावहारिक सुझाव हमें अधिवेशन कार्यक्रम में ज़्यादा एकाग्र होने, और जो प्रस्तुत किया जाता है, उसकी ज़्यादा बातों को याद रखने में मदद देंगे? पिछले सालों में जो कहा जा चुका है, उसे दोहराने की ज़रूरत है: (क) अधिवेशन शहर को जाने के मुख्य कारण पर ध्यान केन्द्रित कीजिए। यह मनोरंजन में मशग़ूल होने के लिए नहीं, बल्कि ध्यान से सुनने और सीखने के लिए है। (व्यव. ३१:१२) हर रात को पर्याप्त नींद पाने की कोशिश कीजिए। यदि आप अधिवेशन में बहुत थके हुए आते हैं, तो एकाग्रता मुश्किल होगी। (ख) एक सीट पाने और कार्यक्रम शुरू होने से पहले बैठ जाने के लिए पर्याप्त समय लीजिए। सीटों की ओर अन्तिम क्षण में भागने से साधारणतया आप शुरू का कुछ भाग चूक जाएँगे। (ग) मुख्य मुद्दों के संक्षिप्त नोट्स लीजिए। अत्यधिक नोट्स लेना अच्छी तरह ध्यान लगाकर सुनने में बाधा हो सकती है। लिखते वक़्त, निश्चित कीजिए कि अपने नोट्स में एकाग्र होने की वजह से आप दूसरे मुद्दों को चूकते नहीं हैं। (घ) जब एक अधिवेशन भाग की प्रस्तावना दी जाती है, तो उसे उत्सुक प्रत्याशा से देखिए। अपने आप से पूछिए, ‘मैं इस भाग से क्या जानकारी प्राप्त कर सकता हूँ जो यहोवा के लिए मेरी क़दरदानी और प्रेम को बढ़ाएगी? जानकारी और भी पूरी तरह से नए मनुष्यत्व को प्रकट करने में मेरी मदद कैसे कर सकती है? यह मुझे अपनी सेवकाई में उन्नति करने में कैसे मदद देगी?’
११ आचरण जो हमारी सेवकाई को सँवारता है: पौलुस ने तीतुस को ‘भले कामों के नमूने’ के तौर पर अपने आपको दिखाने के लिए प्रोत्साहित किया। अपनी शिक्षा में विशुद्धि दिखाने के द्वारा, तीतुस दूसरों को “सब बातों में हमारे उद्धारकर्त्ता परमेश्वर के उपदेश को शोभा” देने में मदद देता। (तीतु. २:७, १०) हर साल, हमारे लिए अधिवेशन से आते-जाते वक़्त, साथ ही जब हम होटलों और रॆस्तॉराँ और ख़ुद अधिवेशन में होते हैं, तब ईश्वरीय आचरण क्यों इतना महत्त्वपूर्ण है, इसके बारे में हमें कृपापूर्ण अनुस्मारक मिलते हैं। गत वर्ष हमने फिर कुछ मर्मस्पर्शी टिप्पणियाँ सुनी जो हम आपके साथ बाँटना चाहते हैं।
१२ एक होटल के मैनॆजर ने कहा: “साक्षियों को ठहरने की जगह देना हमेशा ही एक आनन्द की बात होती है क्योंकि वे धैर्यवान, सहयोगी होते हैं और अपने बच्चों पर कड़ी निगरानी रखते हैं।” एक होटल डॆस्क क्लर्क ने कहा कि यह उसकी नौकरी को “इतना आसान बनाता है जब साक्षी होटल में रजिस्टर करते और कमरा खाली करते हैं, क्योंकि, उन्हें कतार में इन्तज़ार करना पड़ता है, इसके बावजूद वे हमेशा शिष्ट, धीरजवन्त, और विचारशील होते हैं।” न्यू इंग्लैंड की एक स्त्री उसी होटल में ठहरे हुए साक्षी युवाओं के आचरण से इतनी प्रभावित हुई थी कि उसने हमारे संगठन के बारे में कुछ साहित्य का निवेदन किया।
१३ दूसरी तरफ़, कुछ क्षेत्रों में उन्नति की गुंजाइश है। हम कुछ टिप्पणियाँ बाँटना चाहते हैं जो संस्था को भेजी गयी थीं। एक सफ़री ओवरसियर ने रिपोर्ट किया कि यहोवा के साक्षियों के बच्चों को होटलों में ज़्यादा निरीक्षण की ज़रूरत है। कुछ बच्चों को गलियारों में दौड़ते हुए, लिफ़्टों में ऊपर-नीचे जाते हुए, लॉबी में काफ़ी हल्ला-गुल्ला करते हुए देखा गया, और इस प्रकार उन्होंने दूसरे मेहमानों की नींद में बाधा डाली। हमें अपने बच्चों को यह समझने के लिए प्रशिक्षित करने की ज़रूरत है कि मसीही आचरण केवल कुछ अवधियों तक ही सीमित नहीं है। जब हम अधिवेशन सुविधा से बाहर निकलते हैं तो यह तब समाप्त नहीं हो जाता। इसे दिन के २४ घंटें तक होना चाहिए। होटलों में, रॆस्तॉराँ में, और सड़कों पर हमारे आचरण को ठीक उसी प्रकार आदरणीय होना चाहिए जैसे यह तब होता है जब हम यहोवा द्वारा सिखाए जाते वक़्त अपने भाइयों के साथ सत्रों के दौरान बैठते हैं।—यशा. ५४:१३; १ पत. २:१२.
१४ चूँकि हमारे अधिवेशनों में भोजन सेवा को काफ़ी कम कर दिया गया है, तो सुविधा के किराए और विविध बातों की देखरेख करने में अन्तर्ग्रस्त अत्यधिक ख़र्च को पूरा करने के लिए हमारे ऐच्छिक अंशदानों की और ज़्यादा ज़रूरत है। किशोर बच्चोंवाली एक बहन सीमित निधि के साथ अधिवेशन में आयी। लेकिन, उसने और बच्चों ने फिर भी थोड़े-से अंशदान में मदद की। इस सम्बन्ध में हर एक व्यक्ति जो करने का निर्णय करता है वह एक निजी मामला है, लेकिन हम जानते हैं कि आप ऐसे अनुस्मारकों की क़दर करते हैं।—प्रेरि. २०:३५; २ कुरि. ९:७.
१५ हमारे कपड़े पहनने के तरीक़े से पहचाना जाना: जिस तरह से हम कपड़े पहनते हैं, वह हमारे बारे में और दूसरों के प्रति हमारी भावनाओं के बारे में काफ़ी कुछ प्रकट करता है। अधिकांश किशोर और अनेक वयस्क जन स्कूल में या अपने रोज़गार के स्थानों में सनकी, लापरवाह ढंग के परिधानों में घिरे हुए हैं। हर साल परिधान के ढंग ज़्यादा नितान्त, यहाँ तक कि स्तब्ध करनेवाले हो जाते हैं। यदि हम सावधान नहीं हैं, तो हम आसानी से सांसारिक समकक्षों द्वारा उनके जैसे कपड़े पहनने के लिए प्रभावित हो सकते हैं। अनेक ढंग उपासना की सभाओं में पहनने के लिए अनुपयुक्त हैं। पिछले साल के एक अधिवेशन के बाद प्राप्त एक नोट ने कार्यक्रम के लिए क़दरदानी अभिव्यक्त की लेकिन साथ ही यह कहा: “मैंने यह ज़रूर सोचा कि वहाँ इतनी सारी युवा लड़कियाँ इतने छोटे वस्त्रों में, गले की नीची काटवाले वस्त्रों में, और काफ़ी ऊँचे स्लिट्सवाले वस्त्रों में क्यों थीं।” निश्चय ही हम सभी दोनों, अधिवेशन में और कार्यक्रम के बाद मिलते-जुलते वक़्त ऐसे ढंग से वस्त्र पहने हुए होने की इच्छा रखते हैं जो मसीही सेवकों के योग्य है। हर समय पर प्रेरित पौलुस की “संकोच और संयम के साथ सुहावने वस्त्रों” से सँवरने की सलाह पर विचार करना हमारे लिए अच्छा होगा।—१ तीमु. २:९.
१६ किसे निर्धारित करना चाहिए कि शालीन, “सुहावने” वस्त्र क्या है? शालीन होने का अर्थ है “न तो गुस्ताख़ ना ही स्वाग्रही” होना। शब्दकोश शालीन की परिभाषा “सीधा-सादा” के तौर पर भी देता है। न तो संस्था को ना ही प्राचीनों को पहनावे या बनाव-श्रंगार के बारे में नियम स्थापित करने हैं। फिर भी, क्या यह एक मसीही को भी स्पष्ट नहीं होना चाहिए कि किस प्रकार के परिधान के ढंग बिलकुल भी शालीन या शिष्ट नहीं हैं? (फिलिप्पियों १:१० से तुलना कीजिए।) हमारे बनाव-श्रंगार और परिधान से अनुचित ध्यान आकर्षित नहीं होना चाहिए। हमें दिखाव-बनाव में मनोहर होना चाहिए, न कि सांसारिक या आपत्तिजनक। सुसमाचार के सेवकों के तौर पर, हमारे उचित रूप से कपड़े पहने हुए और सजे-सँवरे हुए होने से यहोवा को सम्मान मिलता है और संगठन पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। ज़िला अधिवेशन शहर में जितने समय तक हम रहते हैं उसके दौरान हमारे दिखाव-बनाव और पहनावे को राज्यगृह की सभाओं में उपस्थित होते वक़्त सामान्यतः जो हम पहनते हैं, उसी के अनुसार होना चाहिए। अतः, माता-पिता उदाहरण रखेंगे और फिर निश्चित करेंगे कि उनके बच्चे अवसर के लिए ढंग से कपड़े पहनें। प्राचीन अच्छा उदाहरण रखना चाहेंगे और जैसी आवश्यकता हो वैसी कृपापूर्ण सलाह पेश करने को तैयार रहेंगे।
१७ होटल: पहले हमने होटल कर्मचारीगण को उद्धृत किया जिन्होंने कहा कि वे प्रभावित हुए थे क्योंकि भाई धैर्यवान, शिष्ट, और सहयोगी थे। हम इन मसीही गुणों को प्रदर्शित करना जारी रखना चाहेंगे यदि हमें रजिस्टर कराने के लिए कतार में इन्तज़ार करना पड़े। हम ऐसे होटलों की क़दर करना चाहते हैं जिन्होंने उचित मूल्य पर कमरे प्रबन्ध करने में संस्था को सहयोग दिया है। हालाँकि हम शायद सफ़र से थके हुए हों, हमें होटल कर्मचारियों के साथ कृपापूर्ण ढंग से व्यवहार करना याद रखना चाहिए। हमारा ऐसा करना शायद कुछ लोगों को सच्चाई की और गम्भीरता से जाँच करने के लिए प्रेरित करे। इसके अतिरिक्त, होटल के कमरों में कुछ भी पकाया नहीं जाना है, जब तक कि इसकी अनुमति न हो।
१८ वीडियो कैमरे, कैमरे, और टेप रिकॉर्डर: कैमरे और अन्य रिकॉर्डिंग उपकरण जायज़ है बशर्ते कि हम उपस्थित अन्य लोगों के लिए लिहाज़ दिखाएँ। सत्रों के दौरान यदि हम यहाँ-वहाँ जाकर तस्वीरें लेते हैं, तो हम न केवल सुनने की कोशिश कर रहे लोगों को विकर्षित करेंगे बल्कि हम ख़ुद कुछ कार्यक्रम से चूक जाएँगे। वक्ताओं पर पूरा ध्यान देने और सन्तुलित नोट्स लेने के द्वारा हम साधारणतया अधिवेशन से ज़्यादा लाभ उठाते हैं। हम शायद किसी ऐसे भाई या बहन के लिए रिकॉर्ड कर रहे हों जो अपाहिज है; लेकिन, अपने प्रयोग के लिए, हम शायद घर लौटने पर पाएँगे कि कई घंटों का कार्यक्रम को टेप करने के बाद, जो हमने रिकॉर्ड किया था उस पर पुनर्विचार करने के लिए हमारे पास समय नहीं होगा। किसी भी क़िस्म के रिकॉर्ड करनेवाले यंत्र विद्युत या ध्वनि व्यवस्था के साथ नहीं जोड़े जाने चाहिए, ना ही उपकरण को गलियारे, चलने के रास्ते, या दूसरों की दृष्टि में बाधा होना चाहिए।
१९ बैठने की व्यवस्था: हम सीटें बचाकर रखने के विषय में सुधार नोट करते रहते हैं। गत वर्ष, आप में से अधिकांश ने निर्देशनों का पालन किया: सीटें आपके निकटतम परिवार के सदस्यों और जो आपके निकटतम समूह में आपके साथ शायद सफ़र कर रहे हैं, केवल उनके लिए आरक्षित की जा सकती हैं। आपने शायद इसे कम तनावपूर्ण पाया हो क्योंकि अनेक इन स्पष्ट निर्देशनों का पालन कर रहे थे। इससे भी ज़्यादा महत्त्वपूर्ण, आपका अनुपालन यहोवा और ‘विश्वासयोग्य दास’ को, जो आध्यात्मिक भोजन देते हैं, प्रसन्न करनेवाले थे।—मत्ती २४:४५.
२० बढ़ती संख्या में हमारे ऐसे भाई हैं जिनकी ख़ास स्वास्थ्य ज़रूरतें हैं और जो फिर भी अधिवेशन में आते हैं। कुछ पहिएदार कुरसियों में आते हैं और परिवार के सदस्यों द्वारा उनकी देखभाल की जाने की ज़रूरत है। दूसरे जीर्ण बीमारियों के लिए विभिन्न चिकित्साधीन हैं जैसे हृदय की समस्याएँ या दौरे। किसी भी आध्यात्मिक भोजन से नहीं चूकने के लिए दृढ़संकल्प इन प्रिय भाई-बहनों को अधिवेशन में देखना सचमुच हमारे हृदय को ख़ुश करता है। लेकिन, कभी-कभी कुछ व्यक्तियों का अधिवेशन के दौरान बीमार पड़ जाने की समस्या रही है, और सहायता करने के लिए परिवार या कलीसिया का कोई सदस्य नहीं होता है। कुछ मामलों में अधिवेशन प्रशासन को किसी भाई या बहन को अस्पताल ले जाने के लिए एक आपातकालीन चिकित्सीय सेवा को बुलाने की ज़रूरत पड़ी थी। चिरकालिक रूप से बीमार की देखभाल करने की ज़िम्मेदारी मुख्यतः परिवार के सदस्यों और नज़दीकी रिश्तेदारों पर होनी चाहिए। अधिवेशन का प्राथमिक उपचार विभाग चिरकालिक रूप से बीमार व्यक्ति की देखरेख का प्रबन्ध करने की स्थिति में नहीं है। यदि आपके परिवार के एक सदस्य को ख़ास देखभाल की ज़रूरत है, तो कृपया निश्चित कीजिए कि उसे अकेला नहीं छोड़ा जाता है, कहीं आपात की ज़रूरत न पड़ जाए। इसके अतिरिक्त, अधिवेशनों में ऐसे एलर्जी वालों के लिए ख़ास कमरों के कोई प्रबन्ध नहीं होंगे जो बैठने की साधारण व्यवस्था में उनका बैठना असंभव बनाता है। प्राचीन अपनी कलीसिया में किसी ऐसे व्यक्ति के प्रति सतर्क रहना चाहेंगे जिसकी ख़ास स्वास्थ्य ज़रूरतें हैं और निश्चित करना चाहेंगे कि उनकी देखरेख के लिए पहले ही निश्चित प्रबन्ध किए जाते हैं।
२१ अधिवेशन में भोजन की ज़रूरतें: हममें से कुछ लोग थोड़ा आशंकित रहें होंगे जब पिछले साल घोषणा की गयी थी कि अधिवेशन में कोई भोजन परोसा नहीं जाएगा। यदि हम थे, तो अपने अधिकांश भाइयों कि तरह, हम हल्के अल्पाहार या ख़ुद अपना भोजन लाने के लाभों से अति प्रसन्न थे। एक भाई ने लिखा: “मैं स्पष्ट रूप से इससे एक बड़ा आध्यात्मिक लाभ देख सकता हूँ। वह सारा समय और कार्य-शक्ति की दिशा अब आध्यात्मिक बातों की ओर मोड़ी जा सकती है। मैंने एक भी नकारात्मक टिप्पणी नहीं सुनी है।” एक बहन ने लिखा: “उदाहरण के ज़रिए, आप प्रिय भाई वैयक्तिक मसीहियों के तौर पर अपनी जाँच करने और अपने जीवन को सरल करने और अपनी ईश्वरशासित गतिविधि को बढ़ाने के तरीक़े ढूँढने के लिए हमें प्रोत्साहित करते हैं।” पहले के भोजन सेवा प्रबन्धों के बारे में एक सफ़री ओवरसियर ने लिखा: “पहले के प्रबन्ध की वजह से काफ़ी संख्या में भाई सम्मेलन के सम्पूर्ण कार्यक्रम को चूकते थे।” उपलब्ध हल्के अल्पाहारों और जो भोजन भाइयों ने लाया, उनके सम्बन्ध में एक प्राचीन ने लिखा: “उनको जो चाहिए था, उन्होंने वही खाया।” अंततः, एक और बहन ने लिखा: “सत्रों के बाद यह शान्तिपूर्ण और ख़ामोश था और यहाँ प्रसन्नता का माहौल था।” जी हाँ, हर एक व्यक्ति हल्का नाश्ता कर सकता है या बस इतना ला सकता है जिससे वह पूरी दोपहर चला सके। अनेकों ने इस तथ्य पर टिप्पणी की कि उनके पास दोस्तों से भेंट करने के लिए ज़्यादा समय था।
२२ इस साल फिर, कोई भोजन परोसा नहीं जाएगा लेकिन हल्के अल्पाहार उपलब्ध होंगे। व्यावहारिक, पौष्टिक भोजन वस्तुओं पर, जिन्हें अधिवेशन को ले जाया जा सकता है, सुझाव के लिए जुलाई १९९५, हमारी राज्य सेवकाई अंतःपत्र, पृष्ठ ६ पर दिए गए बक्स पर पुनर्विचार करने के लिए कृपया कुछ मिनट निकालिए। कृपया याद रखिए, काँच के बर्तन या मदिरा को अधिवेशन सुविधा के अन्दर नहीं लाना है। यदि पीने के पानी के छोटे पात्र आवश्यक हैं, तो वे आपकी सीट के नीचे अट जाने चाहिए। याद रखिए कि दोपहर के अंतराल के दौरान आप जो लाए हैं, उसे खाने और पीने के लिए पर्याप्त समय है। सभाओं के दौरान राज्यगृहों में जैसा करते हैं, हम सत्रों के दौरान खाने से हमेशा दूर रहेंगे। इस प्रकार हम उपासना के प्रबन्ध के लिए और प्रदान किए जा रहे आध्यात्मिक भोजन के लिए आदर प्रदर्शित करते हैं।
२३ जल्द ही पहला “ईश्वरीय शान्ति के सन्देशवाहक” ज़िला अधिवेशन शुरू होगा। क्या आपने उपस्थित होने की अपनी तैयारियाँ समाप्त कर दीं हैं, और क्या आप अब तीन दिनों के सुखी साहचर्य और आध्यात्मिक भली चीज़ों का आनन्द उठाने के लिए तैयार हैं? यह हमारी सच्ची दुआ है कि यहोवा इस साल के अधिवेशन में उपस्थित होने के लिए आपके प्रयासों पर आशीष देगा।
[पेज 6 पर बक्स]
ज़िला अधिवेशन अनुस्मारक
बपतिस्मा: बपतिस्मा उम्मीदवारों को शनिवार सुबह कार्यक्रम के शुरू होने से पहले ही नियुक्त भाग में अपनी सीटों पर बैठ जाना चाहिए। बपतिस्मा लेने की योजना बनानेवाले हरेक व्यक्ति को एक शालीन स्नान-वस्त्र और तौलिया लाना चाहिए। बपतिस्मा उम्मीदवारों के साथ अपनी सेवकाई (अंग्रेज़ी) पुस्तक के सवालों पर पुनर्विचार करनेवाले कलीसिया प्राचीन निश्चित करना चाहेंगे कि हर एक उम्मीदवार इन मुद्दों को समझता है। वक्ता द्वारा दिए गए बपतिस्मा भाषण और प्रार्थना के बाद, सत्र सभापति उम्मीदवारों को संक्षिप्त निर्देश देगा और फिर गीत की घोषणा करेगा। आख़री छंद के बाद, परिचारक उम्मीदवारों को निमज्जन स्थान की ओर निर्दिष्ट करेंगे। चूँकि बपतिस्मा एक व्यक्ति के समर्पण के प्रतीक में उस व्यक्ति और यहोवा के बीच एक अंतरंग और निजी मामला है, इसलिए तथाकथित साथी बपतिस्मे के लिए कोई प्रबन्ध नहीं है, जिसमें दो या अधिक बपतिस्मा उम्मीदवार बपतिस्मा लेते वक़्त गले लगते या हाथ पकड़ते हैं।
बैज कार्ड: कृपया अधिवेशन में और अधिवेशन स्थान को जाते और वहाँ से आते वक़्त १९९६ का बैज कार्ड पहनिए। यह सफ़र करते वक़्त हमारे लिए एक उत्तम साक्षी देना अकसर संभव करता है। बैज कार्ड और होल्डर अपनी कलीसिया के ज़रिए प्राप्त किए जाने चाहिए, क्योंकि ये अधिवेशन में उपलब्ध नहीं होंगे। अपने और अपने परिवार के लिए कार्ड माँगने के वास्ते अधिवेशन से कुछ दिन पहले तक इन्तज़ार मत कीजिए। अपने वर्तमान अग्रिम चिकित्सा निदेश-पत्र/निर्मुक्ति कार्ड को साथ रखने के लिए याद रखिए।
आवास का प्रबन्ध: यदि आप किसी होटल में कुछ समस्या का अनुभव करते हैं, तो कृपया अधिवेशन में आवास विभाग ओवरसियर का इसकी ओर ध्यान आकर्षित करने से संकोच मत कीजिए ताकि वह इस मामले का उसी वक़्त समाधान करने में आपकी सहायता कर सके। कलीसिया सचिवों को निश्चित करना चाहिए कि कमरा निवेदन फ़ार्म तुरन्त उपयुक्त अधिवेशन पते पर भेज दिए जाते हैं। यदि आपको अधिवेशन व्यवस्था द्वारा प्रबन्ध किया गया कोई आवास-स्थान रद्द करना है, तो आपको तुरन्त आवास विभाग को सूचित करना चाहिए ताकि कमरा दूसरों को दिया जा सके।
स्वयंसेवक सेवा: कम की गयी भोजन सेवा की वजह से, अनेक जिन्होंने पहले इस विभाग में काम किया था शायद अब पाएँ कि वे कहीं और कार्य करने के लिए अपने को अर्पित कर सकते हैं। क्या आप अधिवेशन में किसी एक विभाग में सहायता करने के लिए कुछ समय अलग रख सकते हैं? अपने भाइयों की सेवा करना, चन्द घंटों के लिए ही सही, काफ़ी सहायक हो सकता है और काफ़ी संतुष्टि ला सकता है। यदि आप सहायता कर सकते हैं, तो कृपया अधिवेशन में स्वयंसेवक सेवा विभाग को रिपोर्ट कीजिए। एक जनक या दूसरे ज़िम्मेदार वयस्क के निर्देशन के अधीन काम करने के द्वारा १६ वर्ष से कम उम्र के बच्चे भी एक बढ़िया योगदान दे सकते हैं।
चौकसी के शब्द: अनावश्यक कठिनाइयों से बचने के लिए संभावित समस्याओं के प्रति सर्तक रहिए। अकसर चोर और अन्य बेईमान व्यक्ति उन लोगों को लूटेंगे जो अपने घर के वातावरण से दूर हैं। चोर और जेब-कतरे बड़ी सभाओं में अपना ध्यान केन्द्रित करते हैं। अपनी सीट पर किसी भी मूल्यवान चीज़ को छोड़ना बुद्धिमत्ता की बात नहीं होगी। आप निश्चित नहीं हो सकते हैं कि आपके आस-पास का हरेक व्यक्ति एक मसीही है। कोई प्रलोभन पेश क्यों करें? कुछ अजनबियों द्वारा बच्चों को फुसलाकर ले जाने के प्रयासों के बारे में भी रिपोर्टें प्राप्त हुई हैं। अपने बच्चों को हमेशा अपनी नज़र में रखिए।
अनेक होटलों में जहाँ केबल टेलिविज़न और वीडियो सेवाएँ उपलब्ध हैं, वहाँ अकसर गन्दे, अश्लील कार्यक्रम पेश किए जाते हैं। इस फंदे के प्रति सतर्क रहिए, और बच्चों को बिना निरीक्षण के कमरे में टेलिविज़न चलाने की छूट मत दीजिए।
कृपया किसी अधिवेशन विषय के बारे में जानकारी प्राप्त करने की मंशा से अधिवेशन सभाभवन के प्रबन्धक को फ़ोन मत कीजिए। यदि जानकारी प्राचीनों से उपलब्ध नहीं होती है, तो आप अगस्त १९९६ की हमारी राज्य सेवकाई में सूचीबद्ध किए गए किसी भी अधिवेशन मुख्यालयों के पते पर लिख सकते हैं।
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१९९६-९७ ज़िला अधिवेशन गीत क्रमांक
सुबह दोपहर
शुक्रवार १५९ २११
५९ २१५
२६ १७४
सुबह दोपहर
शनिवार १२३ १११
१६ ४२
२०७ ३८
सुबह दोपहर
रविवार १२७ १८७
१७० १५
८ २१२
१९९६-९७ “ईश्वरीय शान्ति के सन्देशवाहक” ज़िला अधिवेशन भवन के पते - भारत
अक्तूबर ११-१३
नई दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (हिन्दी एवं अंग्रेज़ी)
Talkatora Indoor Stadium, Talkatora Gardens, Near Dr. Ram Manohar Lohia Hospital, New Delhi
अक्तूबर २५-२७
पणजी, गोवा (कोंकणी एवं अंग्रेज़ी)
Kala Academy Hall, Campal, Panaji
नवम्बर ८-१०
शिमोगा, कर्नाटक (कन्नड़)
Ku-Vempu Rangamandira, Shimoga
नवम्बर १५-१७
मुंबई, महाराष्ट्र (हिन्दी एवं अंग्रेज़ी)
Mahakavi Kalidas Natyamandir, P.K. Road, Mulund West, Mumbai
नवम्बर २२-२४
पुणे, महाराष्ट्र (हिन्दी एवं अंग्रेज़ी)
Pune-Chinchwad Municipal Corporation Auditorium, Opposite Chinchwad TELCO, Chinchwad, Pune
नवम्बर २९-दिसम्बर १
बंगलौर, कर्नाटक (तमिल एवं अंग्रेज़ी)
Corporation Community Hall, Wheeler Road, Cox Town, Bangalore
हैदराबाद, आंध्र प्रदेश (तेलगू एवं अंग्रेज़ी)
Srimathi Juluri Vajralaxmi Kalyana Mantapam Karkhana, Secunderabad
दिसम्बर ६-८
आनन्द, गुजरात, (गुजराती)
Municipal Town Hall, Anand-Vidyanagar Road, Anand
पोर्ट ब्लेयर, अंडमान द्वीप समूह (हिन्दी)
Andhra Association Hall, G.C.M. Press, Babu Lane, Port Blair
दिसम्बर २०-२२
सिलिगुरी, पश्चिम बंगाल (हिन्दी एवं नेपाली)
Railway Institute Auditorium, Central Colony, NJP Gate Bazar, Siliguri
दिसम्बर २७-२९
कलकत्ता, पश्चिम बंगाल, (बंगला, हिन्दी, एवं अंग्रेज़ी)
Rabindra Sarobar Pavilion Hall, Southern Avenue, Opposite Menoka Cinema, Calcutta
कोट्टयम, केरल (मलयालम)
Municipal Grounds, Kottayam
मद्रास, तमिलनाडु (अंग्रेज़ी एवं तमिल)
Kamaraj Arangam, 574-A, Anna Salai (Mount Road) Teynampet, Madras
मदुरई, तमिलनाडु (तमिल)
“Tamil Isai Sangam,” Raja Muthiah Mandram, Near Court, Madurai
जनवरी ३-५
कोषिकोड़, केरल (मलयालम)
Sait Maneklal Purshotham Memorial Hall (Gujarati School Auditorium), Beach Road, Kozhikode