मसीही जलसों की कदर करना
“प्रेम, और भले कामों में उस्काने के लिये एक दूसरे की चिन्ता किया करें। और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना न छोड़ें।”—इब्रानियों १०:२४, २५.
१, २. (क) सच्चे मसीहियों के जलसों में हाज़िर होना एक विशेषाधिकार क्यों है? (ख) किस अर्थ में यीशु अपने अनुयायियों के जलसों में मौजूद होता है?
एक मसीही जलसे में हाज़िर होना क्या ही विशेषाधिकार है चाहे यह दस से कम या यहोवा के कई हज़ार लोगों से मिलकर बना हो, क्योंकि यीशु ने कहा: “जहां दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं, वहां मैं उन के बीच में होता हूं”! (मत्ती १८:२०) यह सच है कि जब यीशु ने यह वायदा किया था तब वह न्यायिक मामलों के बारे में चर्चा कर रहा था जिन्हें कलीसिया में अगुवाई करनेवाले लोगों द्वारा ठीक-ठीक निपटाने की ज़रूरत थी। (मत्ती १८:१५-१९) लेकिन क्या यीशु के इस वायदे को सभी मसीही जलसों पर लागू किया जा सकता है जो उसके नाम पर प्रार्थना से शुरू और खत्म होते हैं? बेशक। याद कीजिए, जब यीशु ने अपने अनुयायियों को चेला बनाने का काम सौंपा था, तब उसने वायदा किया: “देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं।”—मत्ती २८:२०.
२ इसमें कोई शक नहीं कि मसीही कलीसिया का सिर, प्रभु यीशु मसीह अपने वफादार अनुयायियों के सभी जलसों में गहरी दिलचस्पी रखता है। इसके अलावा, हम निश्चित हो सकते हैं कि वह परमेश्वर की पवित्र आत्मा के माध्यम से उनके साथ मौजूद है। (प्रेरितों २:३३; प्रकाशितवाक्य ५:६) यहोवा परमेश्वर भी हमारे एक साथ इकट्ठे होने में दिलचस्पी रखता है। इन सभाओं का पहला मकसद “सभाओं में” परमेश्वर के सामने स्तुति पहुँचाना है। (भजन २६:१२) कलीसिया सभाओं में हमारा हाज़िर होना उसके लिए हमारे प्रेम का सबूत है।
३. किन महत्त्वपूर्ण कारणों के लिए हम मसीही जलसों की कदर करते हैं?
३ मसीही जलसों की कदर करने के हमारे पास दूसरे ठोस कारण हैं। पृथ्वी से जाने से पहले, यीशु मसीह ने अपने अभिषिक्त चेलों को “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” के रूप में काम करने की ज़िम्मेदारी सौंपी थी ताकि विश्वास के घराने को सही वक्त पर आध्यात्मिक भोजन दें। (मत्ती २४:४५) एक महत्त्वपूर्ण तरीका जिसके द्वारा यह आध्यात्मिक भोजन खिलाया जाता है, कलीसिया सभाएँ साथ ही बड़े जलसे—सम्मेलन और अधिवेशन हैं। प्रभु यीशु मसीह विश्वासयोग्य दास को ऐसे जलसों में उन सभी लोगों को अहम जानकारी देने के लिए मार्गदर्शन देता है जो इस दुष्ट व्यवस्था के अंत से बचना और परमेश्वर के धर्मी नए संसार में जीवन पाना चाहते हैं।
४. बाइबल में किस खतरनाक “रीति” का ज़िक्र किया गया है और इससे दूर रहने में क्या बात हमारी मदद करेगी?
४ इसलिए, कोई भी मसीही ऐसी खतरनाक रीति अपनाना गवारा नहीं कर सकता जिसके बारे में प्रेरित पौलुस ने लिखा: “प्रेम, और भले कामों में उस्काने के लिये एक दूसरे की चिन्ता किया करें। और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना न छोड़ें, जैसे कि कितनों की रीति है, पर एक दूसरे को समझाते रहें; और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आते देखो, त्यों त्यों और भी अधिक यह किया करो।” (इब्रानियों १०:२४, २५) मसीही जलसों में हाज़िर होने के विशेषाधिकार और इसके लाभों पर मनन करना हमें ऐसे जलसों का निष्ठा से और पूरे हृदय से समर्थन करने में मदद करेगा।
सभाएँ जो दृढ़ करती हैं
५. (क) हमारी ज़बान का सभाओं पर क्या असर होना चाहिए? (ख) दिलचस्पी दिखानेवाले लोगों को सभाओं के लिए आमंत्रित करने में हमें देर क्यों नहीं करनी चाहिए?
५ क्योंकि मसीही प्रार्थना करते हैं कि यहोवा की पवित्र आत्मा मसीही सभाओं पर काम करे, हाज़िर होनेवाले हरेक व्यक्ति को आत्मा के अनुसार काम करने में अपना भरसक प्रयास करना चाहिए और ‘परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित नहीं’ करना चाहिए। (इफिसियों ४:३०) जब प्रेरित पौलुस ने ये ईश्वर-प्रेरित शब्द लिखे, तब वह ज़बान के सही इस्तेमाल के बारे में चर्चा कर रहा था। जो हम कहते हैं उसे हमेशा “आवश्यकता के अनुसार” होना चाहिए “जो उन्नति के लिये उत्तम हो, ताकि उस से सुननेवालों पर अनुग्रह हो।” (इफिसियों ४:२९) यह मसीही जलसों में खास तौर पर महत्त्वपूर्ण है। कुरिन्थियों को लिखी अपनी पत्री में, पौलुस ने इस ज़रूरत पर ज़ोर दिया कि सभाएँ दृढ़ करनेवाली, सिखानेवाली और प्रोत्साहन देनेवाली होनी चाहिए। (१ कुरिन्थियों १४:५, १२, १९, २६, ३१) हाज़िर सभी लोग, जिनमें नए लोग भी शामिल हैं ऐसी सभाओं से लाभ उठाते हैं और शायद इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं: “सचमुच परमेश्वर तुम्हारे बीच में है।” (१ कुरिन्थियों १४:२५) इस कारण, हमें नए दिलचस्पी दिखानेवाले लोगों को अपने साथ इकट्ठा होने के लिए बुलाने में देर नहीं करनी चाहिए, क्योंकि शीघ्रता करने से हम उनकी आध्यात्मिक उन्नति में तेज़ी लाएँगे।
६. कौन-सी कुछ बातें हैं जो सभाओं को प्रोत्साहक बनाने में मदद देती हैं?
६ उन सभी लोगों को जिन्हें मसीही सभा में भाषण, साक्षात्कार या प्रदर्शन दिए जाते हैं, निश्चित करना चाहिए कि उनकी बोली प्रोत्साहक हो साथ ही परमेश्वर के लिखित वचन, बाइबल के मुताबिक हो। सही बोली का इस्तेमाल करने के साथ-साथ हमें ऐसी भावनाएँ और मनोभाव व्यक्त करने चाहिए जो परमेश्वर और मसीह के प्रेममय व्यक्तित्व के मुताबिक हैं। अगर सभा के कार्यक्रम में भाग लेनेवाले सभी लोग ‘परमेश्वर की आत्मा के फल’ जैसे आनंद, धीरज और विश्वास दिखाने में सचेत रहते हैं, तब हाज़िर सभी लोग वाकई दृढ़ महसूस करेंगे।—गलतियों ५:२२, २३.
७. सभी हाज़िर होनेवाले कैसे योगदान दे सकते हैं ताकि समूह प्रोत्साहक हो?
७ हालाँकि कलीसिया सभाओं के कार्यक्रम में केवल कुछ ही लोगों को भाग मिलता है, सभी योगदान दे सकते हैं ताकि समूह प्रोत्साहक हो। अकसर श्रोताओं को सवालों के जवाब देने के अवसर मिलते हैं। यह हमारे विश्वास की सार्वजनिक घोषणा करने के मौके हैं। (रोमियों १०:९) इन्हें कभी-भी अपने खुद के विचारों को बढ़ावा देने, अपनी उपलब्धियों की डींग मारने या संगी विश्वासियों की नुकताचीनी करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। क्या ऐसा करना परमेश्वर की आत्मा को शोकित नहीं करेगा? संगी विश्वासियों के साथ मन-मुटाव को सही तरह अकेले में और प्यार की आत्मा से निपटाया जाता है। बाइबल कहती है: “एक दूसरे पर कृपाल, और करुणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो।” (इफिसियों ४:३२) मसीही जलसे हमें इस उत्तम सलाह को लागू करने का क्या ही शानदार मौका देते हैं! ऐसा करने के लिए बहुत-से लोग सभाओं में पहले आते हैं और खत्म होने के काफी देर बाद तक रहते हैं। यह दिलचस्पी लेनेवाले नए लोगों की भी मदद करता है जिन्हें स्वीकारे जाने की खास ज़रूरत होती है। इस तरह सभी समर्पित मसीहियों को ‘प्रेम, और भले कामों में उस्काने के लिये एक दूसरे की चिन्ता करने’ के द्वारा सभाओं को प्रोत्साहक बनाने में एक भूमिका निभानी है।
अच्छी तैयारी कीजिए
८. (क) सभाओं में हाज़िर होने के लिए कुछ लोग कौन-से तारीफ के काबिल त्याग करते हैं? (ख) एक चरवाहे के रूप में यहोवा कौन-सा उदाहरण रखता है?
८ जबकि कुछ लोगों के लिए मसीही जलसों में हाज़िर होना शायद ज़्यादा आसान हो, बाकी लोगों से यह लगातार त्याग की माँग करता है। उदाहरण के लिए, एक मसीही माँ जो अपने घर की ज़रूरतों में हाथ बँटाने के लिए नौकरी करती है, आमतौर पर काम से थकी-माँदी घर लौटती है। उसके बाद शायद उसे खाना पकाना पड़े और सभा के लिए अपने बच्चों को तैयार करना पड़े। अन्य मसीहियों को सभाओं तक पहुँचने के लिए शायद लंबी दूरी तय करनी पड़ती हो, या बीमारी अथवा बुढ़ापे की वजह से वे शायद मजबूर हों। निश्चित ही, यहोवा परमेश्वर सभा में हाज़िर होनेवाले हरेक वफादार व्यक्ति की परिस्थिति को समझता है, ठीक जैसे एक प्रेममय चरवाहा अपने झुण्ड की हर भेड़ की खास ज़रूरतों को समझता है। बाइबल कहती है “[यहोवा] चरवाहे की नाईं,” “अपने झुण्ड को चराएगा, वह भेड़ों के बच्चों को अंकवार में लिए रहेगा और दूध पिलानेवालियों को धीरे-धीरे ले चलेगा।”—यशायाह ४०:११.
९, १०. हम सभाओं का ज़्यादा-से-ज़्यादा लाभ कैसे उठा सकते हैं?
९ वे लोग जो सभाओं में नियमित आने के लिए बड़े-बड़े त्याग करते हैं, चर्चा किए जानेवाले विषय को पहले से तैयार करने के लिए शायद कम समय पाएँ। साप्ताहिक बाइबल पठन के साथ-साथ रहना ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल में हाज़िरी को और भी ज़्यादा फलदायक बनाता है। इसी तरह, बाकी सभाओं के लिए पहले से तैयारी करना, जैसे प्रहरीदुर्ग अध्ययन और कलीसिया पुस्तक अध्ययन को और अधिक लाभदायक बनाता है। अध्ययन सामग्री को पहले-से पढ़ने और हवाला दिए गए बाइबल पाठों में कम-से-कम कुछ-एक पर ध्यान देने के द्वारा, वे लोग जिनकी पारिवारिक ज़िम्मेदारियाँ ज़्यादा हैं, ऐसी महत्त्वपूर्ण बाइबल चर्चाओं में अर्थपूर्ण भाग लेने के लिए ज़्यादा तैयार होंगे।
१० अन्य, जिनके हालात ऐसे हैं कि उन्हें ज़्यादा खाली समय मिलता है, सभा की तैयारी में ज़्यादा वक्त दे सकते हैं। मिसाल के तौर पर, वे उन शास्त्रवचनों पर खोज कर सकते हैं जिनका हवाला दिया गया है लेकिन उद्धरण नहीं। इस तरह सभी सभाओं का ज़्यादा-से-ज़्यादा लाभ उठाने के लिए तैयार रह सकते हैं और अपने भाषणों और जवाबों से कलीसिया को प्रोत्साहित करने में बढ़िया भूमिका अदा कर सकते हैं। अच्छी तैयारी करने के द्वारा, प्राचीन और सहायक सेवक छोटे और सटीक जवाब देने में बढ़िया उदाहरण रखेंगे। यहोवा के इंतज़ामों के लिए आदर की वज़ह से, हाज़िर हुए लोग ऐसी आदतों से दूर रहेंगे जो सभाओं के वक्त ध्यान भंग करती हैं।—१ पतरस ५:३.
११. सभाओं के लिए तैयारी में आत्म-अनुशासन की ज़रूरत क्यों है?
११ ऐसी गतिविधियाँ और मनोरंजन जो हमारी आध्यात्मिक सेहत के लिए अनिवार्य नहीं हैं शायद हमारा बहुत ज़्यादा वक्त बरबाद करें। अगर ऐसा है, तो हमें अपनी जाँच करने की और समय के अपने इस्तेमाल में ‘निर्बुद्धि न होने’ की ज़रूरत है। (इफिसियों ५:१७) हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि कम महत्त्वपूर्ण कामों से ‘समय को मोल लें’ ताकि व्यक्तिगत बाइबल अध्ययन और सभा की तैयारी साथ ही राज्य सेवा में ज़्यादा-से-ज़्यादा वक्त गुज़ार सकें। (इफिसियों ५:१६, NW) मानना होगा कि यह हमेशा आसान नहीं होता और इसमें आत्म-अनुशासन की ज़रूरत होती है। युवा लोग जो इस पर ध्यान देते हैं भविष्य में प्रगति के लिए अच्छी बुनियाद डाल रहे हैं। पौलुस ने अपने युवा साथी तीमुथियुस को लिखा: “उन बातों [तीमुथियुस को दी गई पौलुस की सलाह] को सोचता रह और उन्हीं में अपना ध्यान लगाए रह, ताकि तेरी उन्नति सब पर प्रगट हो।”—१ तीमुथियुस ४:१५.
परमेश्वर के वचन से उदाहरण
१२. शमूएल के परिवार ने कौन-सा शानदार उदाहरण रखा?
१२ शमूएल के परिवार के शानदार उदाहरण पर गौर कीजिए, जो अपने संगी उपासकों के साथ जलसों के इंतज़ाम में नियमित रूप से इकट्ठा हुआ जब परमेश्वर का निवासस्थान शीलो में था। पर्व मनाने के लिए सालाना दौरा करने की केवल पुरुषों से माँग की गई थी। लेकिन शमूएल के पिता एल्काना ने, अपने पूरे परिवार को साथ लिया और “वह पुरुष प्रति वर्ष अपने नगर से सेनाओं के यहोवा को दण्डवत् करने और मेलबलि चढ़ाने के लिये शीलो में जाता था।” (१ शमूएल १:३-५) शमूएल का अपना नगर, रामातैमसोपीम संभवतः आज के रेनतिस के तट के निकट स्थित था जो “एप्रैम के पहाड़ी देश” की तलहटी में है। (१ शमूएल १:१) इस तरह शीलो का सफर लगभग ३० किलोमीटर का रहा होगा, जो उन दिनों में थका देनेवाला सफर था। एल्काना का परिवार निष्ठा से ‘प्रति वर्ष ऐसा ही करता था; जब वे यहोवा के भवन को जाते थे।’—१ शमूएल १:७.
१३. यीशु के पृथ्वी पर रहते समय वफादार यहूदियों ने क्या उदाहरण रखा?
१३ यीशु भी एक बड़े परिवार में बड़ा हुआ। हर साल यह परिवार नासरत से लगभग १०० किलोमीटर दक्षिण में फसह का पर्व मनाने यरूशलेम जाता था। वे दो रास्तों से जा सकते थे। एक सीधा रास्ता था जिससे मगिद्दो की तराई में उतरकर सामरिया के क्षेत्र से खड़ी चढ़ाई पर ६०० मीटर चढ़कर यरूशलेम पहुँचना था। दूसरा ज़्यादा मशहूर रास्ता था जिस पर यीशु ने सा.यु. ३३ में यरूशलेम को अपना आखिरी सफर तय किया। इसमें समुद्र तल से नीचाई पर यरदन की तराई में नीचे उतरना था ताकि वह “यहूदिया के सिवानों में . . . यरदन के पार” आ सके। (मरकुस १०:१) यहाँ से, “यरूशलेम को जाते हुए मार्ग” की दूरी करीब ३० किलोमीटर है, जिसमें १,१०० से ज़्यादा मीटर की चढ़ाई शामिल है। (मरकुस १०:३२) नियमित रूप से, पर्व मनानेवाले वफादार लोगों की भीड़ गलील से यरूशलेम तक का यह दुर्गम सफर करती थी। (लूका २:४४) आज, अमीर देशों में रहनेवाले यहोवा के सेवकों के लिए क्या ही शानदार उदाहरण, जिनमें से कई बहुत कम परेशानी से मसीही जलसों में हाज़िर हो सकते हैं, आधुनिक यातायात के तरीकों की मेहरबानी से!
१४, १५. (क) हन्नाह ने कैसा उदाहरण रखा? (ख) सभा में हाज़िर होनेवाले कुछ नए लोगों द्वारा दिखाई गई उत्तम मनोवृत्ति से हम क्या सीख सकते हैं?
१४ एक और उदाहरण ८४-वर्षीया विधवा हन्नाह का है। बाइबल बताती है कि वह “मन्दिर को नहीं छोड़ती थी।” (लूका २:३७) इसके अलावा, हन्नाह ने दूसरों में प्रेममय दिलचस्पी दिखायी। बालक यीशु को देखकर और यह जानकर कि वह प्रतिज्ञात मसीहा था, उसने क्या किया? उसने परमेश्वर का धन्यवाद किया और “उन सभों से, जो यरूशलेम के छुटकारे की बाट जोहते थे, उसके विषय में बातें करने लगी।” (लूका २:३८) क्या ही उत्तम मनोवृत्ति आज के मसीहियों के लिए एक आदर्श!
१५ जी हाँ, हमारी सभाओं में हाज़िरी और हिस्सा लेना ऐसी खुशी की बात होनी चाहिए कि हन्नाह की तरह हम उन्हें कभी छोड़ना न चाहें। अनेक नए लोग ऐसा ही महसूस करते हैं। अंधकार से परमेश्वर की अद्भुत ज्योति में आने के बाद, वह जितना सीख सकते हैं उतना सीखना चाहते हैं और अनेक लोग मसीही सभाओं के लिए बड़ा जोश दिखाते हैं। दूसरी ओर, जो लोग बहुत समय से सच्चाई में हैं उन्हें ‘पहिला सा प्रेम छोड़ देने’ के विरुद्ध चौकन्ने रहने की ज़रूरत है। (प्रकाशितवाक्य २:४) स्वास्थ्य की गंभीर समस्याएँ या अन्य कारणों से जो एक इंसान के बस के बाहर होते हैं कभी-कभी शायद सभा में आना मुश्किल हो। लेकिन भौतिकवाद, मनोरंजन या दिलचस्पी की कमी की वज़ह से हमें कभी-भी सभा में अनियमित, नातैयार, सुस्त नहीं होना चाहिए।—लूका ८:१४.
सबसे बढ़िया उदाहरण
१६, १७. (क) आध्यात्मिक जलसों के प्रति यीशु का क्या नज़रिया था? (ख) सभी मसीहियों को कौन-सी अच्छी रीति का पालन करने की कोशिश करनी चाहिए?
१६ यीशु ने आध्यात्मिक जलसों की कदर करने का बेमिसाल नमूना पेश किया। बारह साल की छोटी उम्र में, उसने यरूशलेम में परमेश्वर के भवन के लिए अपना प्रेम दिखाया। उसके माता-पिता उसको ढूँढ़ नहीं पा रहे थे लेकिन अंत में उन्होंने उसे मंदिर में शास्त्रियों से परमेश्वर के वचन पर चर्चा करते पाया। अपने माता-पिता की चिंता के जवाब में यीशु ने उनसे आदरपूर्वक पूछा: “क्या [तुम] नहीं जानते थे, कि मुझे अपने पिता के भवन में होना अवश्य है?” (लूका २:४९) अधीनता दिखाते हुए, छोटा यीशु अपने माता-पिता के साथ नासरत लौट गया। वहाँ पर वह उपासना के लिए सभाओं के प्रति अपना प्रेम आराधनालय में नियमित रूप से हाज़िर होने के द्वारा दिखाता रहा। इस तरह, जब उसने अपनी सेवकाई शुरू की, बाइबल बताती है: “वह नासरत में आया; जहां पाला पोसा गया था; और अपनी रीति के अनुसार सब्त के दिन आराधनालय में जा कर पढ़ने के लिये खड़ा हुआ।” (तिरछे टाइप हमारे।) इसके बाद यीशु ने यशायाह ६१:१, २ पढ़ा और समझाया, जिससे श्रोताओं ने “जो अनुग्रह की बातें उसके मुंह से निकलती थीं, उन से अचम्भा किया।”—लूका ४:१६, २२.
१७ आज मसीही सभाएँ भी इसी बुनियादी नमूने का पालन करती हैं। स्तुति के गीत और प्रार्थना के साथ सभा की शुरूआत करने के बाद, बाइबल की आयतें (या बाइबल अध्ययन साम्रगी में उद्धृत आयतें) पढ़ी और समझायी जाती हैं। सच्चे मसीही, यीशु मसीह की अच्छी रीति का पालन करने के लिए बाध्य हैं। जहाँ तक उनके हालात इज़ाज़त देते हैं, वे मसीही जलसों में नियमित रूप से हाज़िर होने में खुशी पाते हैं।
आधुनिक-दिन उदाहरण
१८, १९. सभाओं, सम्मेलनों और अधिवेशनों के बारे में गरीब देशों के भाइयों ने कौन-से शानदार उदाहरण रखे हैं?
१८ पृथ्वी के गरीब इलाकों में, हमारे अनेक भाई-बहन मसीही जलसों की कदर करने का शानदार उदाहरण पेश करते हैं। मोज़म्बिक में एक ज़िला ओवरसियर ओरलान्डू और उसकी पत्नी आमेलया को एक सम्मेलन में सेवा के लिए पहुँचने में एक ऊँचे पहाड़ पर ९० किलोमीटर का रास्ता तय करने में ४५ घंटे पैदल चलना पड़ा। उसके बाद उन्हें अगले सम्मेलन में सेवा के लिए जाने में इसी रास्ते से वापस लौटना था। ओरलान्डू ने विनम्रता से रिपोर्ट दी: “हमने महसूस किया कि हमने कुछ भी नहीं किया था, जब हम बावा कलीसिया के भाइयों से मिले। सम्मेलन में आने और वापस अपने घर जाने के लिए उन्हें करीब ४०० किलोमीटर की छः दिन की पैदल यात्रा करनी थी और उनमें से एक भाई की उम्र ६० साल थी!”
१९ साप्ताहिक कलीसिया सभाओं की कदर करने के बारे में क्या? काशवाशवा नजाम्बा, ७० साल से ज़्यादा उम्र की कमज़ोर बहन है। वह काइसोसोसी नामक एक छोटे गाँव में रहती है, जो नामीबिया के रुन्डु गाँव के राज्यगृह से लगभग पाँच किलोमीटर दूर है। सभाओं में हाज़िर होने के लिए वह जंगल से होकर दस किलोमीटर आने-जाने का रास्ता पैदल तय करती है। कई लोगों को इस रास्ते पर लूटा गया है, लेकिन काशवाशवा बिना नागा जाती रहती है। अधिकांश सभाएँ ऐसी भाषाओं में की जाती हैं जिन्हें वह नहीं समझती। सो वह सभाओं में हाज़िरी से कैसे फायदा उठाती है? “शास्त्रवचनों पर ध्यान देने से,” काशवाशवा कहती है, “मैं अंदाज़ा लगाने की कोशिश करती हूँ कि भाषण किस बारे में है।” लेकिन वह अनपढ़ है, तो वह शास्त्रवचनों को कैसे पढ़ती है? “मैं ऐसे शास्त्रवचन पर ध्यान देती हूँ जो मुझे रटा हुआ है,” वह जवाब देती है। और कई सालों के दौरान, उसने काफी शास्त्रवचन रट लिए हैं। बाइबल का इस्तेमाल करने की अपनी योग्यता को बढ़ाने के लिए वह कलीसिया द्वारा संचालित साक्षरता पाठशाला में हाज़िर होती है। “मुझे सभाओं में जाना बहुत प्यारा लगता है,” वह कहती है। “वहाँ हमेशा नई-नई बातें सीखने को मिलती हैं। भाई-बहनों के साथ मिलना मुझे बहुत भाता है। हालाँकि मैं सबसे बात नहीं कर पाती, लेकिन वे हमेशा आकर मेरा अभिवादन करते हैं। और सबसे ज़रूरी बात, मैं जानती हूँ कि सभाओं में हाज़िर होने से मैं यहोवा के मन को आनंदित कर रही हूँ।”
२०. हमें अपने मसीही जलसों को क्यों नहीं छोड़ना चाहिए?
२० काशवाशवा की तरह, संसार भर में यहोवा के लाखों उपासक मसीही जलसों के लिए तारीफ के काबिल कदरदानी दिखाते हैं। जैसे-जैसे शैतान का संसार अपने विनाश की ओर बढ़ रहा है, हम एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना नहीं छोड़ सकते। इसके बजाय, आइए हम आध्यात्मिक रूप से जागते रहें और सभाओं, सम्मेलनों और अधिवेशनों के लिए गहरी कदर दिखाएँ। यह न सिर्फ यहोवा के मन को आनंदित करेगा बल्कि हमें भी भरपूर प्रतिफल देगा जब हम उस ईश्वरीय शिक्षा में हिस्सा लेते हैं जो अनंत जीवन की ओर ले जाती है।—नीतिवचन २७:११; यशायाह ४८:१७, १८; मरकुस १३:३५-३७.
दोबारा विचार करने के सवाल
◻ मसीही जलसों में हाज़िर होना एक विशेषाधिकार क्यों है?
◻ सभी हाज़िर होनेवाले कैसे योगदान दे सकते हैं ताकि समूह प्रोत्साहक हो?
◻ यीशु मसीह ने कौन-सा बेमिसाल उदाहरण रखा?
◻ गरीब देशों के भाइयों से क्या सबक सीखा जा सकता है?
[पेज 17 पर बक्स]
वे साप्ताहिक सभाओं की कदर करते हैं
शहरों में रहनेवाले करोड़ों लोग गरीबी और अपराध से पीड़ित हैं। ऐसे हालात के बावजूद उनके बीच रह रहे सच्चे मसीही, मसीही जलसों के लिए तारीफ के काबिल कदर दिखाते हैं। खाउटेंग, दक्षिण अफ्रीका में सॉवेटो की एक कलीसिया में सेवा कर रहा एक प्राचीन कहता है: “साठ साक्षियों और बपतिस्मा-रहित प्रकाशकों की कलीसिया में, हमारे यहाँ कभी-कभी ७० और ८० के बीच या इससे ज़्यादा लोग सभाओं में हाज़िर होते हैं। हालाँकि आने के लिए भाई-बहनों को बहुत सफर नहीं करना पड़ता, लेकिन सॉवेटो के इस इलाके में हालत बहुत खतरनाक है। सभा में आते वक्त एक भाई की पीठ में चाकू मारा गया। दो बहनों को लूटने की कोशिश करने के लिए दबोचा गया। लेकिन यह सब उन्हें सभाओं में आने से नहीं रोकता। रविवार को, प्रार्थना से सभा को समाप्त करने के बाद हम थोड़ी देर गीत गाने का अभ्यास करते हैं। करीब ९५ प्रतिशत लोग नियमित रूप से रुकते हैं और अगले हफ्ते की सभाओं में इस्तेमाल किए जानेवाले सभी गीत गाते हैं। यह दिलचस्पी लेनेवाले नए लोगों को गीत सीखने और साथ गाने में मदद करता है।”
गाँवों में रहनेवालों को दूसरी परेशानियाँ हैं, जैसे लंबा सफर जो उन्हें सप्ताह में तीन बार सभाओं में हाज़िर होने के लिए तय करना पड़ता है। दिलचस्पी रखनेवाले एक पति-पत्नी लॉबाट्सी, बोत्सवाना के राज्यगृह से १५ किलोमीटर दूर रहते हैं। पिछले साल से वे अपने दो बच्चों के साथ लगातार सभाओं में आए हैं। परिवार चलाने के लिए पति जूतों की मरम्मत का काम करता है। परिवार की कमाई में इज़ाफा करने के लिए पत्नी छोटी-मोटी चीज़ें बेचती है जिससे वे सभाओं में आने-जाने का किराया-भाड़ा निकाल सकें।
हाल में गरमियों की एक शाम को, सर्किट ओवरसियर के साथ एक सभा के बाद, यह परिवार रात ९ बजे बस स्टॉप पर अकेला खड़ा था। खराब मौसम की वज़ह से बसें पहले ही चलना बंद हो चुकी थीं। एक पुलिस अधिकारी ने वहाँ आकर अपनी वैन रोकी और पूछा कि वे वहाँ क्या कर रहे हैं। उनकी मुसीबत के बारे में सुनने पर, उसे तरस आया और वह उन्हें गाड़ी में बिठाकर १५ किलोमीटर दूर उनके घर छोड़ने गया। पत्नी ने, जो एक बपतिस्मा-रहित प्रकाशक है अपने पति से कहा: “देखा, अगर हम सभाओं को पहला दर्जा देते हैं, तो यहोवा हमेशा मदद करता है।” अब पति ने भी सुसमाचार का प्रचारक बनने की इच्छा दिखाई है।
[पेज 18 पर तसवीर]
साक्षी, जैसे रोमानिया के ये साक्षी, मसीही जलसों के लिए कदरदानी दिखाने का शानदार उदाहरण रखते हैं