सफ़री ओवरसियर —मनुष्यों में भेंट
“जब वह ऊँचे पर चढ़ा वह बँधुओं को ले गया; उसने मनुष्यों में भेंट दीं।”—इफिसियों ४:८, NW.
१. इस पत्रिका में १८९४ में कौन-से नए कार्य की घोषणा की गयी थी?
एक शताब्दी से ज़्यादा समय पहले, प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी) ने एक नयी बात की घोषणा की। इसका वर्णन “कार्य की एक और शाखा” के तौर पर किया गया था। इस नए कार्य में क्या अंतर्ग्रस्त था? यह सफ़री ओवरसियरों के कार्य का आधुनिक-दिन प्रारंभ था। इस पत्रिका के सितम्बर १, १८९४ अंक ने समझाया कि अब से योग्य भाई बाइबल विद्यार्थियों के समूहों को ‘सत्य में उन्हें बनाने के उद्देश्य से’ भेंट किया करेंगे।
२. सर्किट और ज़िला ओवरसियरों के कौन-से कार्य होते हैं?
२ सामान्य युग प्रथम शताब्दी में, पौलुस और बरनबास जैसे ओवरसियर मसीही कलीसियाओं में भेंट किया करते थे। इन विश्वासयोग्य पुरुषों का उद्देश्य कलीसियाओं को ‘बनाना’ था। (२ कुरिन्थियों १०:८) आज, हमें ऐसे हज़ारों पुरुषों की आशीष प्राप्त है जो व्यवस्थित रीति से ऐसा कर रहे हैं। यहोवा के साक्षियों के शासी निकाय ने उन्हें सर्किट और ज़िला ओवरसियरों के तौर पर नियुक्त किया है। सर्किट ओवरसियर वर्ष में लगभग दो बार क़रीब २० कलीसियाओं में, एक सप्ताह प्रति कलीसिया, कार्य करता है। वह रिकार्ड जाँचता है, भाषण देता है, और स्थानीय राज्य प्रकाशकों के साथ क्षेत्र सेवकाई में भाग लेता है। ज़िला ओवरसियर अनेक सर्किटों के प्रत्येक वार्षिक सर्किट सम्मेलनों का सभापति होता है, मेज़बान कलीसियाओं के साथ क्षेत्र सेवकाई में भाग लेता है, और बाइबल-आधारित भाषणों में प्रोत्साहन देता है।
उनकी आत्म-त्यागी भावना
३. सफ़री ओवरसियरों के लिए आत्म-त्यागी भावना होना ज़रूरी क्यों है?
३ सफ़री ओवरसियर हमेशा सफ़र करते रहते हैं। यह अपने आप में आत्म-त्यागी भावना की माँग करता है। एक कलीसिया से दूसरी कलीसिया सफ़र करना अकसर मुश्किल हो सकता है, लेकिन ये पुरुष और उनकी पत्नियाँ एक आनन्दमय मनोवृत्ति से ऐसा करते हैं। एक सर्किट ओवरसियर ने कहा: “मेरी पत्नी बहुत ज़्यादा सहयोग देती है और शिकायत नहीं करती . . . अपनी आत्म-त्यागी भावना के लिए वह ढेर सारे सम्मान के योग्य है।” कुछ सर्किट ओवरसियर कलीसियाओं के बीच १,००० से ज़्यादा किलोमीटर का सफ़र तय करते हैं। अनेक मोटरगाड़ियाँ चलाते हैं, लेकिन अन्य सार्वजनिक परिवहन, साइकिल द्वारा, घोड़े पर, या पैदल एक से दूसरी जगह पहुँचते हैं। एक अफ्रीकी सर्किट ओवरसियर को तो एक कलीसिया तक पहुँचने के लिए अपने कंधों पर अपनी पत्नी को उठाए एक नदी पार करनी पड़ती है। अपनी मिशनरी यात्राओं पर, प्रेरित पौलुस को सर्दी-गर्मी, भूख-प्यास, बिन नींद की रातों, विभिन्न ख़तरों, और हिंसक सताहट का सामना करना पड़ता था। उसे “सब कलीसियाओं की चिन्ता” भी थी—जो आज सफ़री ओवरसियरों के लिए एक सामान्य अनुभव है।—२ कुरिन्थियों ११:२३-२९.
४. सफ़री ओवरसियरों और उनकी पत्नियों के जीवन पर स्वास्थ्य-सम्बन्धी समस्याओं का कैसा प्रभाव हो सकता है?
४ पौलुस के साथी तीमुथियुस की तरह, सफ़री ओवरसियरों और उनकी पत्नियों को कभी-कभी स्वास्थ्य-सम्बन्धी समस्याएँ होती हैं। (१ तीमुथियुस ५:२३) यह उन पर अतिरिक्त दबाव डालता है। एक सर्किट ओवरसियर की पत्नी समझाती है: “जब मेरी तबियत ठीक नहीं होती तब हमेशा भाइयों के साथ होना एक तनाव होता है। रजोनिवृत्ति की शुरूआत के कारण, मैं ने यह ख़ासकर मुश्किल पाया है। हर सप्ताह अपना सारा सामान बाँधकर कहीं और जाना वास्तव में एक चुनौती है। अकसर, मुझे रुककर यहोवा से प्रार्थना करनी पड़ती है कि काम करते रहने के लिए मुझे शक्ति दें।”
५. विभिन्न कठिनाइयों के बावजूद, सफ़री ओवरसियरों और उनकी पत्नियों द्वारा कौन-सी भावना दिखायी गयी है?
५ स्वास्थ्य समस्याओं और अन्य कठिनाइयों के बावजूद, सफ़री ओवरसियर और उनकी पत्नियाँ अपनी सेवा में ख़ुशी पाते हैं और आत्म-त्यागी प्रेम प्रदर्शित करते हैं। कुछ लोगों ने सताहट या युद्ध के समय में आध्यात्मिक सहायता देने के लिए अपने जीवन को जोखिम में डाला है। कलीसियाओं में भेंट करते वक़्त, उन्होंने पौलुस जैसी भावना प्रदर्शित की है, जिसने थिस्सलुनीके के मसीहियों को कहा: “जिस तरह माता अपने बालकों का पालन-पोषण करती है, वैसे ही हम ने भी तुम्हारे बीच में रहकर कोमलता दिखाई है। और वैसे ही हम तुम्हारी लालसा करते हुए, न केवल परमेश्वर का सुसमाचार, पर अपना अपना प्राण भी तुम्हें देने को तैयार थे, इसलिये कि तुम हमारे प्यारे हो गए थे।”—१ थिस्सलुनीकियों २:७, ८.
६, ७. मेहनती सफ़री ओवरसियर कौन-सा सकारात्मक प्रभाव छोड़ सकते हैं?
६ मसीही कलीसिया में अन्य प्राचीनों की तरह, सफ़री ओवरसियर “सुनाने और सिखाने में परिश्रम करते हैं।” ऐसे सभी प्राचीनों को ‘दो गुने आदर के योग्य समझा जाना’ चाहिए। (१ तीमुथियुस ५:१७) अगर ‘ध्यान से उन के चाल-चलन का अन्त देखकर हम उन के विश्वास का अनुकरण करें,’ तो उनका उदाहरण लाभदायक साबित हो सकता है।—इब्रानियों १३:७.
७ कुछ सफ़री प्राचीनों ने दूसरों पर कौन-सा प्रभाव छोड़ा है? “भाई पी—— का मेरे जीवन पर कैसा बढ़िया प्रभाव था!” यहोवा के एक साक्षी ने लिखा। “वो मेक्सिको में १९६० के वर्ष से सफ़री ओवरसियर थे। मैं बच्चा था, और मैं आशा और आनन्द से उनकी भेंटों की प्रतीक्षा करता। जब मैं दस साल का था उन्होंने मुझ से कहा, ‘तुम भी एक सर्किट ओवरसियर बनोगे।’ किशोरावस्था के कठिन वर्षों में, मैं उन्हें बार-बार खोज निकालता क्योंकि उनके पास हमेशा बताने के लिए बुद्धि से भरी बातें होतीं। झुंड की रखवाली करना उनका जीवन था! अब जबकि मैं एक सर्किट ओवरसियर हूँ, मैं हमेशा युवजनों को समय देने की कोशिश करता हूँ और उनके आगे ईश्वरशासित लक्ष्य रखता हूँ जैसे उन्होंने मेरे लिए किया था। उनके जीवन के आख़री वर्षों में भी, दिल के दौरे की समस्या के बावजूद, भाई पी—— हमेशा प्रोत्साहक बात कहने की ताक में रहते थे। फरवरी १९९५ में उनकी मृत्यु के केवल एक दिन पहले, वे मेरे साथ एक ख़ास सम्मेलन दिन के लिए आए और एक भाई के सामने उत्तम लक्ष्य रखे जो एक वास्तुकार है। इस भाई ने तुरन्त बेथेल में सेवा करने के लिए आवेदन दिया।”
उनकी क़दर की जाती है
८. इफिसियों अध्याय ४ में वर्णित “मनुष्यों में भेंट” कौन हैं, और वे कलीसिया को कैसे लाभ पहुँचाते हैं?
८ सफ़री ओवरसियर और अन्य प्राचीन जिन्हें परमेश्वर के अपात्र अनुग्रह के कारण सेवा की कार्यनियुक्तियों की आशीष मिली है उन्हें “मनुष्यों में भेंट” पुकारा जाता है। यहोवा के प्रतिनिधि और कलीसिया के सिर के तौर पर, यीशु ने इन आध्यात्मिक मनुष्यों को प्रदान किया है ताकि हम व्यक्तिगत रीति से प्रोत्साहित हों और प्रौढ़ता प्राप्त करें। (इफिसियों ४:८-१५) किसी भी भेंट के लिए क़दरदानी व्यक्त करना उचित है। यह विशेषकर ऐसी भेंट के बारे में सच है जो हमें यहोवा की सेवा करते रहने के लिए मज़बूत करती है। तो फिर, हम सफ़री ओवरसियरों के कार्य के लिए अपनी क़दरदानी कैसे दिखा सकते हैं? किन तरीक़ों से हम दिखा सकते हैं कि हम ‘ऐसों का आदर करते’ रहते हैं?—फिलिप्पियों २:२९.
९. हम किन तरीक़ों से सफ़री ओवरसियरों के लिए क़दरदानी दिखा सकते हैं?
९ जब सर्किट ओवरसियर की भेंट की घोषणा होती है, हम योजनाएँ बनाना शुरू कर सकते हैं ताकि उस सप्ताह के लिए कलीसिया की गतिविधियों में पूरा भाग लें। संभवतः भेंट के दौरान क्षेत्र सेवा के प्रबंधों को समर्थन देने के लिए हम अतिरिक्त समय अलग रख सकते हैं। हम उस महीने सहयोगी पायनियरों के तौर पर सेवा करने के लिए शायद समर्थ हों। निश्चित ही हम अपनी सेवकाई को बेहतर करने के लिए सर्किट ओवरसियर के सुझावों पर अमल करना चाहेंगे। ऐसी ग्रहणशील भावना हमें लाभ पहुँचाएगी और उसे आश्वस्त करेगी कि उसकी भेंट उपयोगी है। जी हाँ, सफ़री ओवरसियर हमें प्रोत्साहित करने के लिए कलीसिया से भेंट करते हैं, लेकिन उन्हें भी आध्यात्मिक रूप से प्रोत्साहित होने की ज़रूरत है। ऐसा समय था जब पौलुस प्रोत्साहन की ज़रूरत में था, और उसने अकसर संगी मसीहियों से उसके लिए प्रार्थना करने के लिए कहा। (प्रेरितों २८:१५; रोमियों १५:३०-३२; २ कुरिन्थियों १:११; कुलुस्सियों ४:२, ३; १ थिस्सलुनीकियों ५:२५) समान रूप से वर्तमान दिन के सफ़री ओवरसियरों को हमारी प्रार्थनाओं और प्रोत्साहन की ज़रूरत है।
१०. सफ़री ओवरसियर के कार्य को आनन्ददायक बनाने के लिए हम कैसे मदद कर सकते हैं?
१० क्या हमने सर्किट ओवरसियर और उसकी पत्नी को बताया है कि हम उनकी भेंटों की कितनी क़दर करते हैं? जो सहायक सलाह वह हमें देता है क्या उसके लिए हम उसका धन्यवाद करते हैं? जब उसके क्षेत्र सेवा सुझाव सेवकाई में हमारे आनन्द को बढ़ा देते हैं क्या हम उसे बताते हैं? अगर हम ऐसा करते हैं, तो यह उसके कार्य को आनन्दमयी बनाने में योगदान देगा। (इब्रानियों १३:१७) स्पेन के एक सर्किट ओवरसियर ने विशेषकर बताया कि वह और उसकी पत्नी कलीसियाओं से भेंट करने के बाद उन्हें प्राप्त धन्यवाद की पर्चियों को कितना बहुमूल्य समझते हैं। “हम ये कार्ड संभालकर रखते हैं और जब हम निरुत्साहित महसूस करते हैं तब इन्हें पढ़ते हैं,” वह कहता है। “वे वास्तविक प्रोत्साहन का स्रोत हैं।”
११. क्यों हमें सर्किट और ज़िला ओवरसियरों की पत्नियों को महसूस करवाना चाहिए कि उनसे प्रेम किया जाता है और उनकी क़दर की जाती है?
११ सफ़री ओवरसियर की पत्नी प्रशंसा के शब्दों से निश्चित ही लाभ उठाती है। उसने सेवा के इस क्षेत्र में अपने पति की सहायता करने के लिए बड़े बलिदान किए हैं। ये विश्वासयोग्य बहनें अपना घर बसाने की, और अनेक मामलों में बच्चे पैदा करने की स्वाभाविक इच्छा को त्याग देती हैं। यिप्तह की बेटी यहोवा की एक सेविका थी जिसने अपने पिता द्वारा दिए गए वचन के कारण स्वेच्छा से विवाह करने और घर बसाने के अवसर को त्याग दिया। (न्यायियों ११:३०-३९) उसके बलिदान को कैसे देखा जाता था? न्यायियों ११:४० कहता है: “इस्राएली स्त्रियां प्रतिवर्ष यिप्तह गिलादी की बेटी का यश गाने को वर्ष में चार दिन तक जाया करती थीं।” यह कितना उत्तम है जब हम सर्किट और ज़िला ओवरसियरों की पत्नियों को यह कहने का निश्चय करते हैं कि उनसे प्रेम किया जाता है और उनकी क़दर की जाती है!
“पहुनाई करना न भूलना”
१२, १३. (क) सफ़री ओवरसियरों और उनकी पत्नियों के प्रति पहुनाई करनेवाले बनने के लिए कौन-सा शास्त्रीय आधार है? (ख) उदाहरण देकर समझाइए कि ऐसी पहुनाई कैसे परस्पर लाभ पहुँचा सकती है।
१२ मसीही सफ़री कार्य करनेवालों के लिए प्रेम और क़दर दिखाने का एक और तरीक़ा है पहुनाई करना। (इब्रानियों १३:२) प्रेरित यूहन्ना ने गयुस की ऐसे लोगों की पहुनाई करने के लिए प्रशंसा की जो कलीसिया में सफ़री मिशनरियों के तौर पर भेंट कर रहे थे। यूहन्ना ने लिखा: “हे प्रिय, जो कुछ तू उन भाइयों के साथ करता है, जो परदेशी भी हैं, उसे विश्वासी की नाईं करता है। उन्हों ने मण्डली के साम्हने तेरे प्रेम की गवाही दी थी: यदि तू उन्हें उस प्रकार विदा करेगा जिस प्रकार परमेश्वर के लोगों के लिये उचित है तो अच्छा करेगा। क्योंकि वे उस नाम के लिये निकले हैं, और अन्यजातियों से कुछ नहीं लेते। इसलिये ऐसों का स्वागत करना चाहिए, जिस से हम भी सत्य के पक्ष में उन के सहकर्मी हों।” (३ यूहन्ना ५-८) आज, हम सफ़री ओवरसियरों और उनकी पत्नियों की समान पहुनाई करने के द्वारा राज्य प्रचार गतिविधि को आगे बढ़ा सकते हैं। निःसंदेह, स्थानीय प्राचीनों को निश्चित करना चाहिए कि रहने का स्थान संतोषजनक है, लेकिन एक ज़िला ओवरसियर ने कहा: “भाइयों के साथ हमारा सम्बन्ध इस बात पर आधारित नहीं हो सकता कि कौन हमारे लिए कुछ कर सकता है। हम ऐसा संकेत भी नहीं देना चाहेंगे। हमें अपने किसी भी भाई की पहुनाई स्वीकार करने के लिए तत्पर होना चाहिए, चाहे वह अमीर हो या ग़रीब।
१३ पहुनाई परस्पर लाभ ला सकती है। “मेरे परिवार में, हमारी रीत थी कि सफ़री ओवरसियरों को अपने साथ रहने के लिए आमंत्रित करें,” एक भूतपूर्व सर्किट ओवरसियर, अब बेथेल में कार्यरत, ज़्होर्ज़े याद करता है। “मैं महसूस करता हूँ कि इन भेंटों ने मुझे इतनी सहायता दी जिसकी तब मैं ने कल्पना भी नहीं की थी।” मेरी किशोरावस्था के दौरान, मुझे आध्यात्मिक समस्याएँ थीं। मेरी माँ इस बारे में चिन्तित थीं लेकिन नहीं जानती थीं कि ठीक-ठीक कैसे सहायता करें और इसलिए सर्किट ओवरसियर को मुझसे बात करने के लिए कहा। पहले-पहल मैं उनसे कतराता था, क्योंकि मुझे आलोचना किए जाने से डर लगता था। लेकिन उन्होंने अपने मैत्रीपूर्ण व्यवहार से मुझे आख़िरकार जीत लिया। उन्होंने एक सोमवार अपने साथ भोजन करने के लिए मुझे आमंत्रित किया, और मैं ने अपना हृदय खोल दिया क्योंकि मैं ने निश्चित महसूस किया कि मेरी बात समझी जा रही थी। उन्होंने ध्यानपूर्वक सुना। उनके व्यावहारिक सुझाव सचमुच कारगर थे, और मैं आध्यात्मिक रूप से प्रगति करने लगा।”
१४. हमें सफ़री प्राचीनों की आलोचना के बजाय क़दर क्यों करनी चाहिए?
१४ एक सफ़री ओवरसियर समान रूप से युवा और वृद्ध जनों के लिए आध्यात्मिक रूप से सहायक होने की कोशिश करता है। तो फिर, निश्चित ही हमें उसके प्रयासों के लिए अपनी क़दरदानी दिखानी चाहिए। लेकिन, तब क्या जब उसकी कमज़ोरियों के कारण अगर हम उसकी आलोचना करते या कलीसिया को भेंट करनेवाले अन्य व्यक्तियों के साथ उनकी प्रतिकूल तुलना करते? संभावना है कि यह बहुत ही निरुत्साहक होगा। पौलुस के लिए अपने कार्य की आलोचना सुनना प्रोत्साहक नहीं था। प्रत्यक्षतः, कुरिन्थ के कुछ मसीही उसके दिखाव-बनाव और बोलने की योग्यता के बारे में निन्दात्मक टिप्पणियाँ कर रहे थे। उसने स्वयं ऐसे आलोचकों को यह कहते हुए उद्धृत किया: “उस की पत्रियां तो गम्भीर और प्रभावशाली हैं; परन्तु जब देखते हैं, तो वह देह का निर्बल और वक्तव्य में हल्का जान पड़ता है।” (२ कुरिन्थियों १०:१०) लेकिन, ख़ुशी की बात है कि सफ़री ओवरसियर सामान्यतः प्रेमपूर्ण क़दरदानी के शब्द सुनते हैं।
१५, १६. सफ़री ओवरसियर और उनकी पत्नियाँ अपने संगी विश्वासियों द्वारा व्यक्त किए गए प्रेम और उत्साह से कैसे प्रभावित होते हैं?
१५ लैटिन अमरीका में एक सर्किट ओवरसियर दिन-भर कीचड़-भरे रास्ते तय करता है ताकि गुरिल्लाओं द्वारा नियंत्रित एक क्षेत्र में अपने आध्यात्मिक भाई-बहनों से भेंट करे। “भाई मेरी भेंट के लिए जिस रीति से अपनी क़दरदानी दिखाते हैं वह देखना मर्मस्पर्शी है,” वह लिखता है। “हालाँकि मुझे वहाँ पहुँचने के लिए बहुत प्रयास करना पड़ता है, अनेक ख़तरों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इन सब का प्रतिफल भाइयों द्वारा दिखाया गया प्रेम और उत्साह है।”
१६ अफ्रीका का एक सर्किट ओवरसियर लिखता है: “भाइयों ने जो प्रेम हमें दिखाया, उसके कारण हम तनज़ानिया के क्षेत्र से बहुत प्रेम करते थे! भाई हम से सीखने के लिए तैयार थे, और वे अपने घरों में हमें आमंत्रित करने में ख़ुशी पाते थे।” प्रेरित पौलुस और प्रथम-शताब्दी मसीही विवाहित दम्पति अक्विला और प्रिस्का के बीच एक प्रेमपूर्ण और आनन्ददायक रिश्ता था। असल में, पौलुस ने उनके बारे में कहा: “प्रिस्का और अक्विला को जो मसीह यीशु में मेरे सहकर्मी हैं, नमस्कार, जिन्होंने मेरी प्राण-रक्षा के लिए स्वयं अपना जीवन भी जोखिम में डाल दिया। न केवल मैं वरन् ग़ैरयहूदियों की सारी कलीसियाएं भी उनका धन्यवाद करती हैं।” (रोमियों १६:३, ४, NHT) सफ़री ओवरसियर और उनकी पत्नियाँ आधुनिक दिनों के अक्विलाओं और प्रिस्काओं को अपने दोस्तों के रूप में पाकर शुक्रगुज़ार हैं जो पहुनाई करने और साथ देने का ख़ास प्रयास करते हैं।
कलीसियाओं को स्थिर करना
१७. ऐसा क्यों कहा जा सकता है कि सफ़री ओवरसियरों के प्रबंध के पीछे बुद्धिमानी है, और उन्हें निर्देश कहाँ से मिलते हैं?
१७ यीशु ने कहा: “बुद्धि अपने कार्यों से प्रमाणित होती है।” (मत्ती ११:१९, NHT) सफ़री-ओवरसियर प्रबंध के पीछे बुद्धिमानी इस तरह ज़ाहिर होती है कि यह परमेश्वर के लोगों की कलीसियाओं को स्थिर करने के लिए मदद करता है। पौलुस की दूसरी मिशनरी यात्रा के दौरान, सीलास के साथ वह सफलतापूर्वक “कलीसियाओं को स्थिर करता हुआ, सूरिया और किलिकिया से होते हुए निकला।” प्रेरितों की किताब हमें बताती है: “नगर नगर जाते हुए वे उन विधियों को जो यरूशलेम के प्रेरितों और प्राचीनों ने ठहराई थीं, मानने के लिये उन्हें पहुंचाते जाते थे। इस प्रकार कलीसिया विश्वास में स्थिर होती गईं और गिनती में प्रति दिन बढ़ती गईं।” (प्रेरितों १५:४०, ४१; १६:४, ५) अन्य सभी मसीहियों की तरह वर्तमान-दिन के सफ़री ओवरसियर शास्त्र से और “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” के प्रकाशनों से आध्यात्मिक निर्देश पाते हैं।—मत्ती २४:४५.
१८. सफ़री ओवरसियर कलीसियाओं को कैसे स्थिर करते हैं?
१८ जी हाँ, सफ़री प्राचीनों को यहोवा की आध्यात्मिक मेज़ से भोजन लेते रहना चाहिए। परमेश्वर का संगठन जिन कायदों और निर्देशों पर चलता है उनसे उन्हें भली-भाँति परिचित होना चाहिए। तब ऐसे पुरुष अन्य लोगों के लिए सच्ची आशीष हो सकते हैं। क्षेत्र सेवा में उत्साह के उनके उत्तम उदाहरण के माध्यम से, वे मसीही सेवकाई में तरक़्की करने के लिए संगी विश्वासियों की मदद कर सकते हैं। इन भेंट करनेवाले प्राचीनों द्वारा दिए गए बाइबल-आधारित भाषण श्रोताओं को आध्यात्मिक रूप से प्रोत्साहित करते हैं। दूसरों को परमेश्वर के वचन की सलाह को लागू करने के लिए, संसार-भर में यहोवा के लोगों के साथ एकता से सेवा करने के लिए, और ‘विश्वासयोग्य दास’ के माध्यम से परमेश्वर के आध्यात्मिक प्रबंधों को प्रयोग में लाने के लिए मदद देने के द्वारा, सफ़री ओवरसियर उन कलीसियाओं को स्थिर करते हैं जिनसे भेंट करने का उन्हें विशेषाधिकार प्राप्त है।
१९. कौन-से प्रश्नों पर विचार किया जाना बाक़ी है?
१९ क़रीब एक सौ साल पहले जब यहोवा के संगठन ने बाइबल विद्यार्थियों के बीच सफ़री प्राचीनों का कार्य शुरू किया, तब इस पत्रिका ने कहा: “हम परिणामों की और प्रभु के आगे के निर्देशन की प्रतीक्षा करेंगे।” यहोवा का निर्देशन स्पष्ट रूप से प्रकट हुआ है। उसकी आशीष के कारण और शासी निकाय के निरीक्षण के अधीन, सालों के दौरान इस कार्य का विस्तार और परिष्कार हुआ है। जिसके परिणामस्वरूप, पृथ्वी भर की यहोवा के साक्षियों की कलीसियाएँ विश्वास में स्थिर की जा रही हैं और गिनती में दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। स्पष्टतः, यहोवा इन मनुष्यों में भेंटों की इस आत्म-त्यागी भावना पर आशीष दे रहा है। लेकिन सफ़री ओवरसियर कैसे सफलतापूर्वक अपने कार्य को पूरा कर सकते हैं? उनके लक्ष्य क्या हैं? वे कैसे सबसे अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं?
आप कैसे जवाब देंगे?
◻ सर्किट और ज़िला ओवरसियरों के कुछ कार्य कौन-से हैं?
◻ सफ़री ओवरसियरों के लिए आत्म-त्यागी भावना होना ज़रूरी क्यों है?
◻ सफ़री प्राचीनों और उनकी पत्नियों के कार्य के लिए क़दर कैसे दिखायी जा सकती है?
◻ कलीसियाओं को विश्वास में स्थिर करने के लिए सफ़री ओवरसियर क्या कर सकते हैं?
[पेज 10 पर तसवीर]
हमेशा सफ़र करते रहना आत्म-त्याग की भावना की माँग करता है
[पेज 13 पर तसवीर]
क्या आपने सफ़री ओवरसियरों और उनकी पत्नियों की पहुनाई की है?