2 तीमुथियुस
4 मैं तुझे परमेश्वर के सामने और मसीह यीशु के सामने, जिसे जीवितों और मरे हुओं का न्यायी ठहराया गया है, और उसके ज़ाहिर होने और उसके राज के ज़रिए यह आदेश देता हूँ 2 कि तू वचन का प्रचार करने में जी-जान से लगा रह, चाहे अच्छा वक्त हो या बुरा। पूरी सहनशीलता और सिखाने की कला के साथ ताड़ना दे, डाँट और सीख देकर उकसा। 3 इसलिए कि ऐसा वक्त आएगा जब वे खरी शिक्षा को बरदाश्त न कर सकेंगे, मगर अपनी ख्वाहिशों के मुताबिक अपने लिए ऐसे शिक्षक इकट्ठे करेंगे जो उनके कानों की खुजली मिटा सकें। 4 वे सच्चाई की तरफ तो अपने कान बंद कर लेंगे मगर झूठी कहानियों पर कान लगाएँगे। 5 लेकिन तू सब बातों में चौकन्ना रह, बुराई सह, प्रचारक का काम कर, अपनी सेवा को अच्छी तरह पूरा कर।
6 मुझे अब अर्घ की तरह उंडेला जा रहा है और मेरी रिहाई का वक्त एकदम करीब है। 7 मैंने अच्छी लड़ाई लड़ी है। मैंने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैंने विश्वास को थामे रखा है। 8 अब से मेरे लिए नेकी का ताज रखा हुआ है, जिसे प्रभु जो सच्चा न्यायी है, मुझे उस दिन इनाम में देगा। यह इनाम सिर्फ मुझे नहीं बल्कि उन सभी को मिलेगा जो उसके ज़ाहिर होने का बेताबी से इंतज़ार करते हैं।
9 मेरे पास जल्द-से-जल्द आने की पूरी कोशिश कर। 10 इसलिए कि देमास ने इस ज़माने* के मोह में पड़कर मुझे छोड़ दिया है और वह थिस्सलुनीके चला गया। क्रेसकेंस गलातिया को और तीतुस दलमतिया को चला गया है। 11 सिर्फ लूका मेरे साथ है। मरकुस को अपने साथ लेते आना क्योंकि वह सेवा के लिए मेरे बहुत काम का है। 12 तुखिकुस को मैंने इफिसुस भेज दिया है। 13 जब तू आए तो मेरा वह चोगा, जिसे मैंने त्रोआस में करपुस के यहाँ छोड़ा था, और खर्रे, खासकर चर्मपत्र लेते आना।
14 तांबे का काम करनेवाले ठठेरे सिकंदर ने मुझे बहुत नुकसान पहुँचाया है। यहोवा उसकी करतूतों का बदला उसे देगा। 15 और तू भी उससे होशियार रहना क्योंकि उसने हमारे संदेश का हद-से-बढ़कर विरोध किया है।
16 अपनी सफाई देने में, मेरी पहली पेशी के वक्त कोई भी मेरा साथ देने नहीं आया। सबने मुझसे किनारा कर लिया, (काश उनके इस काम का उनसे लेखा न लिया जाए।) 17 मगर प्रभु मेरे पास खड़ा रहा और उसने मुझमें शक्ति भर दी ताकि मेरे ज़रिए अच्छी तरह प्रचार पूरा हो और सब जातियों के लोग सुन सकें। मुझे शेर के मुँह से छुड़ाया गया। 18 प्रभु मुझे हर दुष्ट चाल से ज़रूर बचाएगा और अपने स्वर्गीय राज के लिए ज़रूर बचाए रखेगा। उसकी महिमा हमेशा-हमेशा के लिए होती रहे। आमीन।
19 प्रिसका और अक्विला को, और उनेसिफुरुस के घराने को मेरा नमस्कार कहना।
20 इरास्तुस कुरिंथ में रह गया, मगर त्रुफिमुस को मैं मीलेतुस में बीमार छोड़ आया था। 21 सर्दियाँ शुरू होने से पहले मेरे पास आने की पूरी कोशिश कर।
यूबूलुस, पूदेंस, लीनुस, क्लौदिया और सारे भाई तुझे नमस्कार कहते हैं।
22 तू जिस भावना के साथ सेवा करता है, उस पर प्रभु की आशीष हो। उसकी महा-कृपा तुम लोगों पर होती रहे।