दूसरा राजा
9 फिर भविष्यवक्ता एलीशा ने भविष्यवक्ताओं के बेटों में से एक को बुलाया और उससे कहा, “अपनी कमर कस ले और तेल की यह सुराही लेकर फौरन रामोत-गिलाद+ जा। 2 वहाँ पहुँचकर तू येहू+ को ढूँढ़ना, जो यहोशापात का बेटा और निमशी का पोता है। तू उसके पास जाना और उसे उसके भाइयों के बीच से बुलाकर अंदर के कमरे में ले जाना। 3 यह तेल उसके सिर पर उँडेलना और उससे कहना, ‘यहोवा ने कहा है, “मैं तेरा अभिषेक करके तुझे इसराएल का राजा ठहराता हूँ।”’+ इसके बाद दरवाज़ा खोलकर तुरंत वहाँ से भाग निकलना।”
4 तब भविष्यवक्ता का सेवक रामोत-गिलाद के लिए निकल पड़ा। 5 जब वह वहाँ पहुँचा तो सेनापति बैठे हुए थे। उसने कहा, “हे प्रधान, मैं तेरे लिए एक संदेश लाया हूँ।” येहू ने पूछा, “हममें से किसके लिए?” उसने येहू से कहा, “प्रधान, तेरे लिए।” 6 येहू उठा और घर के अंदर गया। फिर सेवक ने उसके सिर पर तेल उँडेलकर कहा, “इसराएल के परमेश्वर यहोवा ने कहा है, ‘मैं यहोवा तेरा अभिषेक करके तुझे अपनी प्रजा इसराएल का राजा ठहराता हूँ।+ 7 तू अपने मालिक अहाब के घराने को मिटा देना। मैं अपने सभी भविष्यवक्ताओं के खून का और यहोवा के उन सभी सेवकों के खून का बदला लूँगा जो इज़ेबेल के हाथों मारे गए थे।+ 8 अहाब का पूरा घराना नाश हो जाएगा। मैं उसके घराने के हर आदमी और लड़के को मार डालूँगा, यहाँ तक कि इसराएल के बेसहारा और कमज़ोर लोगों को भी मिटा दूँगा।+ 9 मैं अहाब के घराने का वही हश्र करूँगा जो मैंने नबात के बेटे यारोबाम के घराने का+ और अहियाह के बेटे बाशा के घराने का किया था।+ 10 और इज़ेबेल की लाश को यिजरेल की ज़मीन के उस टुकड़े पर कुत्ते खा जाएँगे+ और उसे कोई नहीं दफनाएगा।’” इतना कहकर उसने दरवाज़ा खोला और भाग गया।+
11 जब येहू राजा के दूसरे सेनापतियों के पास लौटा तो वे उससे पूछने लगे, “सब ठीक तो है न? वह पागल तेरे पास क्यों आया था?” उसने कहा, “तुम तो उन आदमियों को जानते हो, बेसिर-पैर की बातें करते हैं।” 12 मगर उन्होंने कहा, “नहीं, कुछ तो बात है। क्या तू हमें नहीं बताएगा?” येहू ने कहा, “उसने मुझसे ऐसा-ऐसा कहा और फिर यह संदेश दिया: ‘यहोवा ने कहा है, “मैं तेरा अभिषेक करके तुझे इसराएल का राजा ठहराता हूँ।”’”+ 13 तब उन सबने फौरन अपना-अपना कपड़ा लिया और येहू के आगे सीढ़ियों पर बिछाया+ और नरसिंगा फूँककर कहा, “येहू राजा बन गया है!”+ 14 इसके बाद येहू+ ने, जो यहोशापात का बेटा और निमशी का पोता था, यहोराम के खिलाफ साज़िश रची।
यहोराम पूरी इसराएली सेना के साथ रामोत-गिलाद गया हुआ था+ ताकि सीरिया के राजा हजाएल+ से उस शहर की रक्षा कर सके। 15 बाद में वह यिजरेल+ लौट आया क्योंकि सीरिया के राजा हजाएल से लड़ते वक्त वह ज़ख्मी हो गया था।+
अब येहू ने दूसरे सेनापतियों से कहा, “अगर तुम मेरी तरफ हो, तो शहर में से किसी को भी बाहर मत जाने देना ताकि यह खबर यिजरेल तक न पहुँचे।” 16 फिर येहू अपने रथ पर सवार होकर यिजरेल गया क्योंकि यहोराम ठीक होने के लिए वहाँ गया था। यहोराम को देखने यहूदा का राजा अहज्याह वहाँ आया हुआ था। 17 यिजरेल की मीनार पर तैनात पहरेदार ने देखा कि येहू के आदमियों का दल पास आ रहा है। उन्हें देखते ही उसने कहा, “मुझे आदमियों का एक बड़ा दल आता दिखायी दे रहा है।” यहोराम ने कहा, “एक घुड़सवार से कहो कि वह उनसे मिलने जाए और पूछे, ‘तुम शांति के इरादे से ही आए हो न?’” 18 तब एक घुड़सवार निकला और जाकर येहू से मिला और उसने कहा, “राजा ने पूछा है, ‘तुम शांति के इरादे से ही आए हो न?’” मगर येहू ने कहा, “तू कौन होता है यह पूछनेवाला? मेरे पीछे चल!”
तब पहरेदार ने यहोराम से कहा, “दूत उन तक पहुँचा तो है, मगर अभी तक लौटा नहीं।” 19 फिर एक और घुड़सवार भेजा गया। वह जाकर येहू और उसके दल से मिला और उसने कहा, “राजा ने पूछा है, ‘तुम शांति के इरादे से ही आए हो न?’” मगर येहू ने कहा, “तू कौन होता है यह पूछनेवाला? मेरे पीछे चल!”
20 तब पहरेदार ने यहोराम से कहा, “दूत उन तक पहुँचा तो है, मगर अभी तक लौटा नहीं। मुझे कोई तेज़ी से रथ हाँकता हुआ दिखायी दे रहा है। उसका रथ चलाना निमशी के पोते* येहू जैसा है क्योंकि वही पागलों की तरह रथ दौड़ाता है।” 21 यहोराम ने कहा, “जल्दी से मेरा रथ तैयार करो!” उसका युद्ध-रथ तैयार किया गया और इसराएल का राजा यहोराम और यहूदा का राजा अहज्याह+ येहू से मिलने अपने-अपने रथ पर निकल पड़े। वे येहू से यिजरेली नाबोत+ की ज़मीन पर मिले।
22 जैसे ही यहोराम ने येहू को देखा, उसने पूछा, “येहू, तू शांति के इरादे से ही आया है न?” मगर येहू ने कहा, “जब तक तेरी माँ इज़ेबेल बदचलनी+ और टोना-टोटका करती रहेगी,+ तब तक कहाँ से शांति हो सकती है?” 23 यहोराम ने वहाँ से भाग निकलने के लिए फौरन अपना रथ घुमाया और अहज्याह से कहा, “अहज्याह, यह एक चाल है!” 24 तब येहू ने अपनी कमान उठायी और यहोराम की पीठ पर ऐसा तीर मारा कि वह उसके दिल के आर-पार हो गया और वह रथ पर ही ढेर हो गया। 25 येहू ने अपने सहायक सेना-अधिकारी बिदकर से कहा, “इसे उठाकर यिजरेली नाबोत की इसी ज़मीन पर फेंक दे।+ याद है न, जब हम दोनों इसके पिता अहाब के पीछे-पीछे रथ चला रहे थे तब यहोवा ने अहाब को यह सज़ा सुनायी थी,+ 26 ‘यहोवा ऐलान करता है, “कल नाबोत और उसके बेटों का जो खून बहाया गया था वह मैंने देखा है।”+ यहोवा ऐलान करता है, “मैं इसी ज़मीन पर तुझसे उनके खून का बदला लूँगा।”’+ इसलिए बिदकर, तू इसे उठाकर नाबोत की इसी ज़मीन पर फेंक दे, ठीक जैसे यहोवा ने कहा था।”+
27 जब यहूदा के राजा अहज्याह+ ने यह सब देखा, तो वह बगीचे के घर के रास्ते से भाग गया। (बाद में येहू ने उसका पीछा किया और अपने आदमियों से कहा, “उसे भी मार डालो!” जब अहज्याह अपने रथ पर सवार ऊपर गूर की तरफ जा रहा था, जो यिबलाम+ के पास है, तो येहू के आदमियों ने उस पर वार किया। मगर वह भागता ही रहा और भागते-भागते मगिद्दो पहुँचा जहाँ उसकी मौत हो गयी। 28 अहज्याह के सेवक उसकी लाश रथ में रखकर यरूशलेम ले आए और दाविदपुर+ में उसके पुरखों की कब्र में उसे दफना दिया। 29 अहज्याह,+ अहाब के बेटे यहोराम के राज के 11वें साल में यहूदा का राजा बना था।)
30 जब येहू यिजरेल+ आया तो इसकी खबर इज़ेबेल+ को मिली। इसलिए इज़ेबेल ने अपनी आँखों में काजल लगाया, अपने बाल सँवारे और खिड़की से नीचे देखने लगी। 31 जैसे ही येहू फाटक से अंदर आया, इज़ेबेल ने कहा, “याद है, जिमरी का क्या हुआ था जिसने अपने मालिक का कत्ल किया था?”+ 32 येहू ने ऊपर खिड़की की तरफ देखकर कहा, “कौन है मेरी तरफ? कौन?”+ फौरन ऊपर से दो-तीन दरबारियों ने उसे देखा। 33 येहू ने उनसे कहा, “उस औरत को नीचे फेंक दो!” दरबारियों ने उसे नीचे फेंक दिया और उसके खून के छींटे दीवार पर और घोड़ों पर पड़े। येहू ने अपने घोड़ों से उसे रौंद दिया। 34 इसके बाद येहू अंदर गया और उसने खाया-पीया। फिर उसने कहा, “उस शापित औरत की लाश ले जाकर दफना दो, आखिर वह एक राजा की बेटी जो है।”+ 35 मगर जब वे उसे दफनाने के लिए वहाँ गए तो उन्होंने देखा कि वहाँ सिर्फ उसकी खोपड़ी, पैर और हथेलियाँ बची हैं।+ 36 जब उन्होंने लौटकर यह बात येहू को बतायी तो उसने कहा, “आज यहोवा का वह वचन पूरा हुआ है+ जो उसने अपने सेवक तिशबे के रहनेवाले एलियाह से कहलवाया था, ‘यिजरेल की इसी ज़मीन पर कुत्ते इज़ेबेल का माँस खा जाएँगे+ 37 और उसकी लाश यिजरेल की ज़मीन पर खाद बन जाएगी ताकि कोई यह न कह सके, “यह इज़ेबेल है।”’”