दाविद का सुरीला गीत। निर्देशक के लिए हिदायत।
21 हे यहोवा, तेरी ताकत पर राजा खुशी मनाता है,+
तू जो उद्धार दिलाता है उससे वह बाग-बाग हो जाता है!+
2 तूने उसके दिल की मुराद पूरी की,+
उसके होंठों की गुज़ारिश नहीं ठुकरायी। (सेला )
3 तू बेशुमार आशीषों के साथ उससे मिलता है,
उसके सिर पर शुद्ध सोने का ताज रखता है।+
4 उसने तुझसे ज़िंदगी माँगी और तूने उसे दी,+
तूने उसे लंबी उम्र दी, हमेशा-हमेशा की ज़िंदगी।
5 तू जो उद्धार दिलाता उससे वह बड़ा सम्मान पाता है।+
तू उसे गरिमा और वैभव देता है।
6 तूने तय किया है कि वह सदा आशीषें पाता रहे,+
तू उसे खुशी देता है क्योंकि तू उसके साथ रहता है।+
7 क्योंकि राजा यहोवा पर भरोसा करता है,+
परम-प्रधान के अटल प्यार के कारण उसे कभी नहीं हिलाया जा सकता।+
8 तेरा हाथ तेरे सभी दुश्मनों को पकड़ लेगा,
तेरा दायाँ हाथ तुझसे नफरत करनेवालों को पकड़ लेगा।
9 तू जाँच के समय उन्हें दहकता तंदूर बना देगा,
यहोवा क्रोध में आकर उन्हें निगल जाएगा और आग उन्हें भस्म कर देगी।+
10 तू उनके वंशजों को धरती से नाश कर देगा,
उनकी संतान को इंसानों के बीच से मिटा देगा।
11 क्योंकि उन्होंने तेरा नुकसान करना चाहा,+
तेरे खिलाफ साज़िशें रची हैं, मगर वे कामयाब नहीं होंगे।+
12 तू उन पर तीर-कमान से निशाना साधेगा,
वे पीठ दिखाकर भाग जाएँगे।+
13 हे यहोवा, उठ! अपनी ताकत दिखा।
हम तेरी महाशक्ति की तारीफ में गीत गाएँगे।