यूहन्ना को दिया गया प्रकाशितवाक्य
18 इसके बाद मैंने एक और स्वर्गदूत को स्वर्ग से उतरते देखा जिसके पास बड़ा अधिकार था। उसकी महिमा के तेज से पृथ्वी रौशन हो गयी। 2 और उसने ज़ोरदार आवाज़ में चिल्लाकर कहा, “गिर पड़ी! महानगरी बैबिलोन गिर पड़ी+ और वह दुष्ट स्वर्गदूतों का अड्डा और ऐसी जगह बन गयी है जहाँ दुष्ट स्वर्गदूत* और अशुद्ध और घिनौने पक्षी छिपकर रहते हैं!+ 3 उसने अपने नाजायज़ यौन-संबंधों* की, हाँ वासनाओं* की मदिरा सारे राष्ट्रों को पिलायी है और वे उसके शिकार बने हैं।+ पृथ्वी के राजाओं ने उसके साथ नाजायज़ यौन-संबंध रखे+ और पृथ्वी के सौदागर* उसकी शर्मनाक ऐयाशियों से मालामाल हो गए।”
4 मैंने स्वर्ग से एक और आवाज़ सुनी जो कह रही थी, “मेरे लोगो, उसमें से बाहर निकल आओ।+ अगर तुम उसके पापों में हिस्सेदार नहीं होना चाहते और नहीं चाहते कि उस पर आनेवाले कहर तुम पर भी आएँ, तो उसमें से निकल आओ।+ 5 क्योंकि उसके पापों का अंबार आसमान तक पहुँच गया है+ और उसने जो अन्याय किया है* उसे परमेश्वर ने याद किया है।+ 6 उसने दूसरों के साथ जो किया है वही उसके साथ करो+ और उसने जो काम किए हैं उसकी दुगनी सज़ा उसे दो।+ उसने प्याले+ में जो मिलाया है, उसका दुगना उसे मिलाकर दो।+ 7 उसने जितनी शानो-शौकत कमायी और बेशर्म होकर जो ऐयाशियाँ कीं, उसे उतना ही तड़पाओ ताकि वह मातम मनाए। क्योंकि वह अपने दिल में कहती है, ‘मैं तो राजगद्दी पर बैठी रानी हूँ, मैं कोई विधवा नहीं। मुझे कभी मातम नहीं मनाना पड़ेगा।’+ 8 इसलिए एक ही दिन में उस पर मौत, मातम और अकाल ये सारे कहर टूट पड़ेंगे और उसे आग में पूरी तरह जला दिया जाएगा,+ क्योंकि यहोवा* परमेश्वर जिसने उसे सज़ा सुनायी है वह ताकतवर है।+
9 और पृथ्वी के राजा, जिन्होंने उसके साथ नाजायज़ यौन-संबंध* रखे और शर्मनाक ऐयाशी की, जब उसके जलने से उठनेवाला धुआँ देखेंगे, तो उसके लिए रोएँगे और दुख के मारे छाती पीटेंगे। 10 और इस डर से दूर खड़े रहेंगे कि कहीं उन्हें भी उसकी तरह न तड़पाया जाए। और कहेंगे, ‘हाय, महानगरी बैबिलोन,+ हाय! तेरे साथ कितना बुरा हुआ। तू जो मज़बूत नगरी थी, एक ही घड़ी में तुझे सज़ा मिल गयी!’
11 पृथ्वी के सौदागर भी उसके लिए रोएँगे और मातम मनाएँगे, क्योंकि उनका सारा माल खरीदनेवाला कोई नहीं रहा, 12 वह माल जिसमें सोना, चाँदी, अनमोल रत्न, मोती, बढ़िया मलमल, बैंजनी कपड़े, रेशम और सुर्ख लाल कपड़े हैं। और खुशबूदार लकड़ी से बनी हर तरह की चीज़ और हाथी-दाँत, बेशकीमती लकड़ी, ताँबे, लोहे और संगमरमर से बनी हर किस्म की चीज़ है। 13 और दालचीनी, मसाला,* धूप, खुशबूदार तेल, लोबान, दाख-मदिरा, जैतून का तेल, मैदा, गेहूँ, मवेशी, भेड़ें, घोड़े, बग्घियाँ, दास और आदमी भी हैं। 14 हाँ, जिस बढ़िया फल की तुझे लालसा थी वह अब तुझसे दूर हो गया है और हर तरह का लज़ीज़ खाना और तड़क-भड़कवाली चीज़ें तुझसे दूर हो गयी हैं और वे फिर कभी नहीं मिलेंगी।
15 जो सौदागर इन चीज़ों को बेचते थे और उस नगरी की बदौलत मालामाल हो गए थे, वे इस डर से दूर खड़े रहेंगे कि कहीं उन्हें भी उसकी तरह न तड़पाया जाए। वे रोएँगे और मातम मनाएँगे 16 और कहेंगे, ‘हाय, इस महानगरी के साथ कितना बुरा हुआ। यह बढ़िया मलमल, बैंजनी और सुर्ख लाल कपड़े पहनती थी और सोने के गहनों, कीमती रत्नों और मोतियों से सजती-सँवरती थी।+ 17 मगर इसकी बेशुमार दौलत एक ही घड़ी में कैसे तबाह हो गयी!’
और हर जहाज़ का कप्तान, यात्री, नाविक और वे सभी जो समुंदर से अपनी रोज़ी-रोटी कमाते हैं, दूर खड़े रहे 18 और उसके जलने से उठनेवाला धुआँ देखकर वे चिल्ला उठे, ‘क्या कोई नगरी है जो इस महानगरी जैसी हो?’ 19 उन्होंने अपने सिर पर धूल डाली, वे रोने-बिलखने और मातम मनाने लगे और कहने लगे, ‘हाय, इस महानगरी के साथ कितना बुरा हुआ। इसकी महँगी चीज़ों की भरमार से वे सभी मालामाल हुए थे जिनके समुद्री जहाज़ हैं। हाय, एक ही घड़ी में यह तबाह हो गयी!’+
20 हे स्वर्ग और हे पवित्र जनो,+ प्रेषितो और भविष्यवक्ताओ, तुम सब उसके हाल पर खुशियाँ मनाओ।+ क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारी खातिर उस नगरी को सज़ा सुनायी है!”+
21 और एक ताकतवर स्वर्गदूत ने चक्की के पाट जैसा एक बड़ा पत्थर उठाया और यह कहते हुए उसे समुंदर में फेंका, “इसी तरह महानगरी बैबिलोन को तेज़ी से नीचे फेंक दिया जाएगा और फिर कभी उसका नामो-निशान नहीं मिलेगा।+ 22 और तेरे यहाँ फिर कभी सुरमंडल पर गीत गानेवालों, संगीतकारों, बाँसुरी बजानेवालों और तुरही फूँकनेवालों की आवाज़ नहीं सुनायी देगी। और तेरे यहाँ फिर कभी कोई कारीगर नहीं मिलेगा और चक्की चलने की आवाज़ फिर कभी नहीं सुनायी देगी। 23 तेरे यहाँ फिर कभी दीपक की रौशनी नहीं चमकेगी, न ही दूल्हा-दुल्हन की आवाज़ फिर कभी सुनायी देगी। क्योंकि तेरे सौदागर पृथ्वी के रुतबेदार आदमी थे और तेरे जादू-टोने से+ सभी राष्ट्र गुमराह हुए थे। 24 हाँ, इसी नगरी में भविष्यवक्ताओं, पवित्र जनों और उन सबका खून पाया गया+ जिनका धरती पर कत्ल किया गया था।”+