यशायाह
61 सारे जहान के मालिक यहोवा की पवित्र शक्ति मुझ पर है,+
यहोवा ने मेरा अभिषेक किया है कि मैं दीन लोगों को खुशखबरी सुनाऊँ।+
उसने मुझे भेजा है ताकि मैं टूटे मनवालों की मरहम-पट्टी करूँ,
बंदियों को रिहाई का पैगाम दूँ,
कैदियों को संदेश दूँ कि उनकी आँखें खोली जाएँगी,+
2 यहोवा की मंज़ूरी पाने के साल का प्रचार करूँ,
हमारे परमेश्वर के बदला लेने के दिन+ के बारे में बताऊँ,
शोक मनानेवाले सभी लोगों को दिलासा दूँ,+
3 सिय्योन पर मातम मनानेवालों को
राख के बजाय सुंदर पगड़ी दूँ,
मातम के बजाय उन पर हर्ष का तेल मलूँ
और निराश मन के बजाय उन्हें तारीफ का कपड़ा पहनाऊँ।
4 वे पुराने खंडहरों को फिर से खड़ा करेंगे,
लंबे समय से उजाड़ पड़ी जगहों को दोबारा बसाएँगे,+
तहस-नहस हो चुके शहरों की मरम्मत करेंगे,+
हाँ, उन जगहों की जो पीढ़ी-पीढ़ी से उजाड़ पड़ी थीं।+
5 “पराए लोग आकर तेरे झुंड के चरवाहे बनेंगे,
परदेसी+ तेरे खेत के किसान बनेंगे और तेरे अंगूरों के बाग के माली होंगे।+
7 शर्मिंदगी की जगह अब मेरे लोगों को दुगना भाग मिलेगा,
बेइज़्ज़ती की जगह वे अपना हिस्सा पाकर जयजयकार करेंगे,
हाँ, उन्हें अपने देश में दुगना भाग मिलेगा।+
उनकी खुशी का कोई अंत नहीं होगा।+
मैं पूरी ईमानदारी से उन्हें उनका इनाम दूँगा
और उनके साथ सदा का करार करूँगा।+
देखनेवाला हर कोई पहचान लेगा
कि ये वही संतान हैं, जिन पर यहोवा की आशीष है।”+
10 मैं यहोवा के कारण खुशियाँ मनाऊँगा,
मेरा मन अपने परमेश्वर के कारण झूम उठेगा,+
क्योंकि उसने मुझे उद्धार की पोशाक पहनायी है।+
जैसे एक दूल्हा, याजक की तरह पगड़ी पहनता है,+
जैसे दुल्हन गहनों से खुद को सजाती है,
वैसे ही उसने मुझे नेकी का बागा पहनाया है।