यशायाह
26 उस दिन यहूदा देश में यह गीत गाया जाएगा:+
“हमारा शहर बहुत मज़बूत है।+
जो उद्धार परमेश्वर दिलाता है,
वह इसकी शहरपनाह और सुरक्षा की ढलान है।+
3 तू उन्हें सलामत रखेगा जो पूरी तरह तुझ पर निर्भर हैं,*
तू पल-पल उन्हें शांति देगा,+
क्योंकि वे तुझ पर भरोसा रखते हैं।+
5 जो नगरी ऊँचाई पर खड़ी घमंड से इतरा रही थी,
परमेश्वर ने उसका गुरूर तोड़ दिया,
उसे नीचे गिरा दिया,
उसे ज़मीन पर धूल में गिरा दिया।
6 वह पैरों तले रौंदी जाएगी,
दीन-दुखी और सताए हुए लोग उसे कुचल देंगे।”
7 नेक जन की राह, सीधाई की राह* होती है।
हे परमेश्वर, तू सीधा-सच्चा है,
इसलिए तू नेक जन की राह को समतल करेगा।
8 हे यहोवा, हमने तुझ पर आस लगायी है
कि हम तेरे न्याय की राह पर चल सकें।
तेरे लिए और तेरे नाम के लिए* हम तड़प उठते हैं।
9 रात को मेरा रोम-रोम तेरे लिए तरसता है,
मेरा मन तुझे ढूँढ़ता फिरता है।+
जब तू धरती का न्याय करता है,
तो लोग सीखते हैं कि नेकी क्या होती है।+
11 हे यहोवा, तेरा हाथ उन पर उठा हुआ है, फिर भी वे नहीं देखते।+
वे यह देखकर शर्मिंदा होंगे कि तुझे अपने लोगों के लिए कैसी धुन है,
हाँ, तेरी यही आग तेरे दुश्मनों को भस्म कर देगी।
13 हे हमारे परमेश्वर यहोवा, तेरे अलावा हम पर दूसरे मालिकों ने भी राज किया,+
मगर हम सिर्फ तेरे नाम की तारीफ करेंगे।+
तूने उनके खिलाफ कदम जो उठाया था,
उन्हें नाश करने, उनका नामो-निशान मिटाने की जो ठानी थी।
15 हे यहोवा, तूने राष्ट्र के लोगों की गिनती बढ़ायी है,
हाँ, तूने उनकी गिनती बढ़ायी है,
16 हे यहोवा, दुख में वे तेरी तरफ मुड़े,
जब तूने उन्हें सुधारने के लिए सज़ा दी, तो दबी आवाज़ में उन्होंने प्रार्थना की,
तेरे सामने अपना दिल खोलकर रख दिया।+
17 हे यहोवा, तेरी वजह से हमारा यह हाल है,
हम उस गर्भवती के जैसे हो गए हैं, जिसे प्रसव-पीड़ा उठी है
और जो दर्द से तड़प रही है, चीख रही है।
हम देश को बचा नहीं पाए,
उसे आबाद करने के लिए कोई पैदा नहीं हुआ।
19 परमेश्वर कहता है, “तेरे जो लोग मर गए हैं, वे उठ खड़े होंगे,
तुम जो मिट्टी में जा बसे हो,+ जागो!
खुशी से जयजयकार करो!
तेरी ओस सुबह की ओस* जैसी है!
कब्र में पड़े बेजान लोगों को धरती लौटा देगी कि वे ज़िंदा किए जाएँ।
थोड़ी देर के लिए छिप जाओ,
जब तक कि मेरी जलजलाहट शांत नहीं हो जाती।+
21 देखो! मैं यहोवा अपनी जगह से आ रहा हूँ
कि उस देश के निवासियों से उनके गुनाहों का हिसाब लूँ।
देश में जितना खून बहाया गया, वह खुलकर सामने आएगा,
वहाँ मारे गए लोगों को नहीं छिपाया जाएगा।”