यहोवा की वफादारी और उसके माफ करने के गुण की कदर कीजिए
“हे प्रभु, तू भला और क्षमा करनेवाला है, और जितने तुझे पुकारते हैं उन सभों के लिये तू अति करुणामय है।”—भज. 86:5.
1, 2. (क) हम सभी ऐसे दोस्त क्यों पसंद करते हैं, जो वफादार हों और माफ करने के लिए तैयार रहते हों? (ख) हम किन सवालों पर चर्चा करेंगे?
आप एक सच्चा दोस्त किसे कहेंगे? ऐश्ली नाम की एक मसीही बहन कहती है, “मुझे लगता है एक सच्चा दोस्त वह है जो हमेशा हमारा साथ देता है और जब हम गलती करते हैं, तो हमें माफ कर देता है।” हम सभी ऐसे दोस्त पसंद करते हैं, जो वफादार हों और माफ करने के लिए तैयार रहते हों। उनका साथ हमें भाता है क्योंकि हम जानते हैं कि वे हमसे प्यार करते हैं और हमेशा हमारा साथ देंगे।—नीति. 17:17.
2 वफादारी दिखाने और माफ करने के मामले में यहोवा से बढ़कर और कोई दोस्त नहीं हो सकता। जैसा कि भजनहार ने यहोवा के बारे में कहा: “हे प्रभु, तू भला और क्षमा करनेवाला है, और जितने तुझे पुकारते हैं उन सभों के लिये तू अति करुणामय [या “वफादार,” एन.डब्ल्यू.] है।” (भज. 86:5) वफादार होने और माफ करने का क्या मतलब है? यहोवा ये खूबसूरत गुण कैसे दिखाता है? और हम उसकी मिसाल पर कैसे चल सकते हैं? इन सवालों के जवाब जानने से हमें अपने सबसे अच्छे दोस्त, यहोवा के लिए अपना प्यार बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, हम एक-दूसरे के साथ अपनी दोस्ती और मज़बूत कर पाएँगे।—1 यूह. 4:7, 8.
यहोवा वफादार है
3. वफादारी क्या है?
3 वफादारी उनके बीच दिखायी जाती है जो एक करीबी रिश्ते में जुड़े होते हैं। एक वफादार इंसान हमेशा अपने दोस्त की मदद करके और उसका साथ देकर उसे प्यार दिखाता है। वह सिर्फ अच्छे वक्त में ही नहीं बल्कि मुश्किल घड़ी में भी यह गुण ज़ाहिर करता है। बाइबल बताती है कि यहोवा “वफादार परमेश्वर” है। उससे बढ़कर वफादार और कोई नहीं!—प्रका. 16:5.
4, 5. (क) यहोवा किस तरह वफादारी दिखाता है? (ख) यहोवा की वफादारी पर मनन करने से हमारा हौसला कैसे बढ़ता है?
4 यहोवा किस तरह वफादारी दिखाता है? वह अपने सेवकों का साथ कभी नहीं छोड़ता। उनमें से एक था, राजा दाविद, जिसने यहोवा के बारे में कहा: “किसी वफादार के साथ तू वफादारी से पेश आएगा।” (2 शमू. 22:26, एन.डब्ल्यू.) जब दाविद परीक्षाओं के दौर से गुज़र रहा था, तब यहोवा ने उसे सही राह दिखाकर, उसकी हिफाज़त करके और उसे बचाकर अपनी वफादारी का सबूत दिया। (2 शमू. 22:1) दाविद जानता था कि यहोवा सिर्फ शब्दों से ही नहीं, बल्कि अपने कामों से भी वफादारी दिखाता है। यहोवा दाविद के साथ वफादारी से क्यों पेश आया? क्योंकि खुद दाविद भी “वफादार” था। यहोवा अपने सेवकों की वफादारी देखकर बहुत खुश होता है, और बदले में उनके साथ भी वफादारी से पेश आता है।—नीति. 2:6-8.
5 जब हम यहोवा की वफादारी पर मनन करते हैं, तो हमारा हौसला बढ़ता है। रीड नाम का एक मसीही भाई कहता है, “जब भी मैं पढ़ता हूँ कि यहोवा दाविद के साथ मुश्किल घड़ी में कैसे पेश आया, तो मुझे बहुत मदद मिलती है। यहाँ तक कि जब दाविद भगोड़े की ज़िंदगी जी रहा था, और उसे कभी एक गुफा में ठहरना पड़ता, तो कभी दूसरी में, तब भी यहोवा ने हर वक्त उसे सँभाले रखा। इससे मुझे बहुत हिम्मत मिलती है! यह बात मुझे याद दिलाती है कि चाहे मेरे हालात कैसे भी हों, मुझे कोई उम्मीद नज़र न आए, लेकिन यहोवा मेरा साथ कभी नहीं छोड़ेगा, बशर्ते मैं उसका वफादार बना रहूँ।” बेशक, आपने भी ऐसा ही महसूस किया होगा।—रोमि. 8:38, 39.
6. यहोवा और किन तरीकों से वफादारी दिखाता है? इससे उसके सेवकों को कैसे फायदा होता है?
6 यहोवा और किन तरीकों से वफादारी दिखाता है? वह हमेशा अपने ठहराए स्तरों के मुताबिक काम करता है। वह हमें यकीन दिलाता है, “तुम्हारे बुढ़ापे में भी मैं वैसा ही बना रहूंगा।” (यशा. 46:4) वह हमेशा सही और गलत के ठहराए अपने स्तरों के आधार पर फैसले लेता है और उसके स्तर कभी बदलते नहीं। (मला. 3:6) इसके अलावा, यहोवा अपने वादे का पक्का रहकर भी वफादारी दिखाता है। (यशा. 55:11) इस तरह, यहोवा की वफादारी से उसके सभी वफादार सेवकों को फायदा होता है। कैसे? जब हम यहोवा के स्तरों के मुताबिक जीने की पूरी कोशिश करते हैं, तो हम यह भरोसा रख सकते हैं कि वह हमें आशीष देने का अपना वादा ज़रूर निभाएगा।—यशा. 48:17, 18.
यहोवा की तरह वफादारी दिखाइए
7. यहोवा की तरह वफादारी दिखाने का एक तरीका क्या है?
7 हम यहोवा की तरह वफादारी कैसे दिखा सकते हैं? एक तरीका है, जो मुश्किल हालात में हैं, उनके लिए कुछ अच्छे काम करना। (नीति. 3:27) मिसाल के लिए, क्या आप किसी ऐसे भाई या बहन को जानते हैं जो खराब सेहत, परिवार की तरफ से आनेवाले विरोध या अपनी किसी कमज़ोरी की वजह से निराश है? क्यों न आप पहल करके उस भाई या बहन को “अच्छी और दिलासा देनेवाली बातें” कहें? (जक. 1:13, एन.डब्ल्यू.)a ऐसा करके, आप यह साबित करेंगे कि आप एक वफादार और सच्चे दोस्त हैं, जो “भाई से भी अधिक मिला रहता है।”—नीति. 18:24.
8. हम यहोवा की वफादारी की मिसाल पर कैसे चल सकते हैं, जैसे शादीशुदा ज़िंदगी में?
8 अपने अज़ीज़ों को वफादारी दिखाकर भी हम यहोवा की वफादारी की मिसाल पर चल सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर हम शादीशुदा हैं, तो हम जानते हैं कि हमें अपने जीवन-साथी के वफादार रहना चाहिए। (नीति. 5:15-18) इसलिए हम ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाते, जो आगे चलकर हमें व्यभिचार की ओर ले जा सकता है। (मत्ती 5:28) इसके अलावा, अपने भाई-बहनों की बुराई न करके और उनके बारे में झूठी बातें न फैलाकर भी हम दिखाते हैं कि हम उनके वफादार हैं। यहाँ तक कि हम ऐसी बातों को सुनना तक नहीं चाहते।—नीति. 12:18.
9, 10. (क) हम सबसे बढ़कर किसके वफादार बने रहना चाहते हैं? (ख) यहोवा की आज्ञाएँ मानना हमेशा आसान क्यों नहीं होगा?
9 लेकिन सबसे बढ़कर, हम यहोवा के वफादार रहना चाहते हैं। यह हम कैसे कर सकते हैं? हर मामले में यहोवा का नज़रिया अपनाकर, यानी जिन बातों से वह प्यार करता है, उनसे प्यार करके और जिन बातों से वह नफरत करता है, उनसे नफरत करके। (भजन 97:10 पढ़िए।) जैसे-जैसे हम अपनी सोच और भावनाएँ यहोवा की सोच और भावनाओं के मुताबिक ढालेंगे, वैसे-वैसे हमारे लिए उसकी आज्ञाएँ मानना और आसान होता जाएगा।—भज. 119:104.
10 यह सच है कि यहोवा की आज्ञाएँ मानना हमेशा आसान नहीं होगा। कई बार वफादार बने रहने के लिए हमें शायद संघर्ष करना पड़े। मिसाल के लिए, कुछ अविवाहित मसीही जो शादी करना चाहते हैं, उन्हें शायद यहोवा की सेवा करनेवाला कोई सही जीवन-साथी न मिल रहा हो। (1 कुरिं. 7:39) हो सकता है एक अविवाहित बहन के साथ काम करनेवाले अविश्वासी लोग हमेशा उसे किसी-न-किसी लड़के से मिलवाने की कोशिश करते रहते हों। और-तो-और शायद यह बहन अकेलेपन की भावनाओं से भी जूझ रही हो। फिर भी, वह यहोवा की तरफ खराई बनाए रखने की पूरी कोशिश करती है। वफादारी बनाए रखनेवाली इन बेहतरीन मिसालों की क्या हम कदर नहीं करते? बेशक, यहोवा ऐसे सभी लोगों को इनाम देगा जो मुश्किलों के बावजूद उसके वफादार बने रहते हैं।—इब्रा. 11:6.
यहोवा माफ करनेवाला परमेश्वर है
11. माफ करने का क्या मतलब है?
11 यहोवा के सबसे मनभावने गुणों में से एक है, उसका माफ करने के लिए हमेशा तैयार रहना। माफ करने का क्या मतलब है? माफ करनेवाला इंसान दूसरों के लिए अपने दिल में नाराज़गी नहीं पाले रखता, फिर भले ही दूसरों ने उसके खिलाफ कुछ किया हो। लेकिन इसका यह मतलब हरगिज़ नहीं कि वह उसके गलत काम को जायज़ ठहरा रहा है या फिर उस काम को अनदेखा कर रहा है। इसके बजाय, वह फैसला करता है कि वह गलती करनेवाले से नाराज़ नहीं रहेगा। बाइबल सिखाती है कि जो सच्चा पछतावा दिखाते हैं, उन्हें यहोवा “क्षमा करने को तत्पर रहता है।”—भज. 86:5, अ न्यू हिंदी ट्रांस्लेशन।
12. (क) यहोवा किस हद तक माफ करता है? (ख) पतरस ने जब कहा कि एक इंसान के पाप “मिटाए” जा सकते हैं, तो उसका क्या मतलब था?
12 यहोवा किस हद तक माफ करता है? बाइबल बताती है कि यहोवा “पूरी रीति से” माफ करता है, यानी वह पूरी तरह और हमेशा के लिए माफ कर देता है। (यशा. 55:7) हम कैसे जानते हैं कि यहोवा पूरी तरह माफ करता है? गौर कीजिए कि प्रेषितों 3:19 में हमें किस बात का यकीन दिलाया गया है? (पढ़िए।) प्रेषित पतरस ने अपने सुननेवालों को बढ़ावा दिया: “पश्चाताप करो और पलटकर लौट आओ।” जब कोई पापी सच्चा पश्चाताप करता है, तो इसका मतलब है कि उसे अपने किए पर बहुत अफसोस होता है। वह यह भी ठान लेता है कि वह अपना पाप दोहराएगा नहीं। (2 कुरिं. 7:10, 11) साथ ही, सच्चा पश्चाताप एक पापी को ‘पलटकर लौट आने’ के लिए उकसाता है, यानी उसे गलत रास्ता छोड़कर ऐसा रास्ता अपनाने के लिए उकसाता है जिससे परमेश्वर खुश होता है। अगर पतरस की सुननेवाले इस तरह का सच्चा पश्चाताप दिखाते, तो इसका क्या नतीजा होता? पतरस कहता है कि उनके पाप “मिटाए” जाते। जिस यूनानी शब्द का अनुवाद ‘मिटाना’ किया गया है, उसका मतलब है “पोंछ देना।” इसलिए जब यहोवा हमें माफ करता है, तो वह मानो स्पंज से स्लेट को पूरी तरह पोंछकर साफ कर देता है। जी हाँ, यहोवा हमारे पापों को पूरी तरह माफ कर देता है।—इब्रा. 10:22; 1 यूह. 1:7.
13. “मैं . . . उनका पाप फिर स्मरण न करूंगा,” ये शब्द हमें किस बात का यकीन दिलाते हैं?
13 हम कैसे जानते हैं कि यहोवा हमारे पापों को हमेशा के लिए माफ कर देता है? अभिषिक्त मसीहियों के साथ किए गए नए करार के बारे में यिर्मयाह की भविष्यवाणी पर गौर कीजिए, जिससे फिरौती पर विश्वास करनेवालों को सही मायनों में अपने पापों की माफी मिल सकती है। (यिर्मयाह 31:34 पढ़िए।) यहोवा कहता है: “मैं उनका अधर्म क्षमा करूंगा, और उनका पाप फिर स्मरण न करूंगा।” यहोवा हमें भरोसा दिलाता है कि एक बार जब वह हमारे पाप माफ कर देता है, तो वह फिर कभी उन पापों की वजह से हमारे खिलाफ कोई कदम नहीं उठाएगा। वह हमारे पापों को दोबारा याद नहीं करता, ताकि वह बार-बार हम पर दोष लगा सके या हमें सज़ा दे सके। इसके बजाय, यहोवा उन पापों को माफ कर देता है और हमेशा के लिए उन्हें भूल जाता है।—रोमि. 4:7, 8.
14. यहोवा के माफ करने के गुण पर मनन करने से हम कैसे दिलासा पा सकते हैं? एक उदाहरण दीजिए।
14 हम यहोवा के माफ करने के गुण पर मनन करने से दिलासा पा सकते हैं। एक उदाहरण पर गौर कीजिए। कुछ साल पहले, एक बहन का, जिसे हम इलेन कहेंगे, बहिष्कार किया गया। फिर कुछ साल बाद, उसे मंडली में बहाल कर दिया गया। वह बताती है, “हालाँकि मैं खुद से और दूसरों से भी कहती थी कि मैं मानती हूँ कि यहोवा ने मुझे माफ कर दिया है, लेकिन मुझे हमेशा ऐसा लगता था कि यहोवा मुझसे दूर है या फिर दूसरे यहोवा के ज़्यादा करीब हैं और यहोवा उनके लिए और असल है।” पर जब इलेन ने बाइबल की कुछ ऐसी आयतों पर मनन किया, जिनमें यहोवा की माफी के बारे में बताया गया है, तो उसे काफी दिलासा मिला। इलेन यह भी कहती है, “मैंने कभी इतने करीब से यहोवा के प्यार और उसकी कोमलता को महसूस नहीं किया था।” खासकर यह बात उसके दिल को छू गयी: “जब यहोवा हमारे पापों को माफ करता है, तो हमें कभी-भी यह महसूस नहीं करना चाहिए कि अब पापों के ये दाग ज़िंदगी भर नहीं मिटेंगे।”b इलेन कहती है: “मुझे एहसास हुआ कि मुझे इस बात पर भरोसा नहीं था कि यहोवा मुझे पूरी तरह माफ कर सकता है। और मैं सोचती थी कि मुझे ज़िंदगी-भर यह बोझ उठाना पड़ेगा। धीरे-धीरे ही सही, पर अब मुझे महसूस होने लगा है कि मैं सच में यहोवा के करीब जा सकती हूँ। अब ऐसा लगता है मानो मुझ पर से एक भारी बोझ हट गया हो।” सच, जिस परमेश्वर की हम उपासना करते हैं, वह कितना प्यारा और माफ करनेवाला परमेश्वर है!—भज. 103:9.
यहोवा की तरह माफ कीजिए
15. माफ करने के मामले में हम यहोवा की मिसाल पर कैसे चल सकते हैं?
15 माफ करने के मामले में यहोवा ने जो मिसाल रखी है, उस पर चलते हुए हम भी एक-दूसरे को माफ करते हैं। (लूका 17:3, 4 पढ़िए।) याद कीजिए कि जब यहोवा माफ करता है, तब वह हमारे पापों को भूल जाता है, यानी वह उन बातों को अपने दिल में नहीं रखता। जब हम दूसरों को माफ करते हैं, तो हमें भी उनकी गलतियों को भूल जाना चाहिए, यानी उनके बारे में सोचते नहीं रहना चाहिए और आगे चलकर उनका ज़िक्र नहीं करना चाहिए।
16. (क) क्या दूसरों को माफ करने का यह मतलब है कि हम उनके गलत कामों को सही ठहरा रहे हैं या फिर उनको हमारा गलत फायदा उठाने की छूट दे रहे हैं? समझाइए। (ख) अगर हम चाहते हैं कि यहोवा हमें माफ करे, तो हमें क्या करना होगा?
16 दूसरों को माफ करने का यह मतलब नहीं कि हम उनके गलत कामों को सही ठहरा रहे हैं या फिर उनको हमारा गलत फायदा उठाने की छूट दे रहे हैं। बल्कि इसका मतलब है कि हम उनके खिलाफ अपने दिल में नाराज़गी नहीं पालते। और यह याद रखना बेहद ज़रूरी है कि अगर हम चाहते हैं कि यहोवा हमें माफ करे, तो हमें भी उसकी मिसाल पर चलते हुए दूसरों को माफ करना चाहिए। (मत्ती 6:14, 15) यहोवा को एहसास है कि हम “मिट्टी ही हैं।” वह जानता है कि हम असिद्ध हैं। (भज. 103:14) इसलिए जब दूसरे हमारे खिलाफ कुछ कहते या करते हैं, तो हमें भी याद रखना चाहिए कि वे भी असिद्ध हैं और हमें दिल से उन्हें माफ कर देना चाहिए।—इफि. 4:32; कुलु. 3:13.
17. अगर किसी भाई या बहन ने हमें ठेस पहुँचायी है, तो उसे माफ करने में क्या बात हमारी मदद कर सकती है?
17 बेशक, दूसरों को माफ करना हमेशा आसान नहीं होता। पहली सदी के कुछ अभिषिक्त मसीहियों के लिए भी एक-दूसरे की गलतियाँ माफ करना मुश्किल था। (फिलि. 4:2) अगर किसी भाई या बहन ने हमें ठेस पहुँचायी है, तो उसे माफ करने में क्या बात हमारी मदद कर सकती है? अय्यूब की मिसाल पर गौर कीजिए। कहने को तो एलीपज, बिलदद और सोपर उसके “मित्र” थे। लेकिन जब उन्होंने अय्यूब के मुँह पर उसकी निंदा की और उस पर झूठे इलज़ाम लगाए, तो उसे बहुत ठेस पहुँची। (अय्यू. 10:1; 19:2) आखिर में, यहोवा ने उन तीनों को फटकारा और उनसे कहा कि वे अय्यूब के पास जाकर अपने पापों के लिए बलि चढ़ाएँ। (अय्यू. 42:7-9) पर यहोवा ने अय्यूब से भी कुछ करने के लिए कहा। वह क्या? उसने अय्यूब से कहा कि वह उन इलज़ाम लगानेवालों के लिए प्रार्थना करे। अय्यूब ने ठीक वैसा ही किया जैसा यहोवा ने उससे कहा था। बदले में यहोवा ने अय्यूब को आशीष दी क्योंकि अय्यूब ने माफ करने का रवैया दिखाया। (अय्यूब 42:10, 12, 16, 17 पढ़िए।) इससे हम क्या सबक सीख सकते हैं? जब हम किसी ऐसे इंसान के लिए दिल से प्रार्थना करते हैं जिसने हमें ठेस पहुँचायी है, तो इससे हमें अपनी नाराज़गी दूर करने में मदद मिल सकती है।
यहोवा के गुणों के लिए कदरदानी बढ़ाते रहिए
18, 19. हम यहोवा की खूबसूरत शख्सियत के लिए अपनी कदरदानी कैसे बढ़ाते जा सकते हैं?
18 यहोवा की खूबसूरत शख्सियत के अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा करके हमने कितनी सारी बातें सीखी हैं! हमने देखा कि कोई भी उससे बेझिझक बात कर सकता है, वह भेदभाव नहीं करता, दरियादिल है, लिहाज़ दिखाता है, वफादार है और दूसरों को माफ करने के लिए तैयार रहता है। लेकिन यहोवा के बारे में जानने के लिए और भी बहुत कुछ है। हम हमेशा-हमेशा तक उसके बारे में और जान पाएँगे और उससे हमें कितनी खुशी मिलेगी! (सभो. 3:11) हम प्रेषित पौलुस की लिखी इस बात से सहमत हैं: “वाह! परमेश्वर की दौलत और बुद्धि और ज्ञान की गहराई क्या ही अथाह है!” परमेश्वर के दूसरों गुणों के बारे में भी हम यही बात कह सकते हैं, जैसे उसका प्यार और वे छ: गुण जिनकी हमने इन लेखों में चर्चा की।—रोमि. 11:33.
19 आइए हम यहोवा की खूबसूरत शख्सियत के लिए अपनी कदरदानी बढ़ाते जाएँ। हम ऐसा तभी कर पाएँगे जब हम उसके गुणों से अच्छी तरह वाकिफ होंगे, उन पर मनन करेंगे, और उन्हें अपने जीवन में लागू करेंगे। (इफि. 5:1) जब हम ऐसा करेंगे, तो भजन के रचयिता की तरह हमारा भी इस बात पर यकीन बढ़ता जाएगा: “परमेश्वर के समीप [“आना,” एन.डब्ल्यू.], यही मेरे लिये भला है।”—भज. 73:28.
a इस मामले में कुछ कारगर सुझाव जानने के लिए, 15 जनवरी, 1995 की प्रहरीदुर्ग में दिया लेख, “क्या आपने हाल में किसी को प्रोत्साहित किया है?” और 1 अप्रैल, 1995 की प्रहरीदुर्ग में दिया लेख, “प्रेम और भले कार्यों में उत्साहित करना—कैसे?” देखिए।