दिलचस्पी उत्तेजित करनेवाले प्रस्तुतीकरण
हमें हमेशा एक स्नेही, व्यक्तिगत दिलचस्पी दिखानी चाहिए, उन लोगों में जिन से हम क्षेत्र सेवकाई में मुलाक़ात करते हैं। अनेक मामलों पर उनकी राय माँगने से उनके दृष्टिकोण के प्रति हमारा आदर दर्शाया जाता है। हमारे द्वारा पेश किया गया विषय और पूछे गए सवालों से शायद उनकी विचार-शक्ति उत्तेजित होगी और उन्हें परमेश्वर के बारे में और मानवजाति के लिए उसके उद्देश्य के बारे में ज़्यादा सीखने की चाह प्रेरित होगी।
२ अक्तूबर के दौरान हम सृष्टि की सच्चाई की ओर ध्यान केंद्रित कर रहे होंगे, जब हम लाइफ़—हाउ डिड् इट् गेट् हियर? बाय एवोल्यूशन ऑर बाय क्रिएशन? किताब पेश करेंगे। इस प्रकाशन पर व्यक्तिगत रूप से पुनर्विचार करने के लिए समय लें और कुछ विशेष मुद्दों को चुनें जिन्हें आप विशिष्ट कर सकते हैं। क्रिएशन किताब में दी गयी जानकारी पर विचार-विमर्श करते समय, उसे खोलें और गृहस्थ के हाथ में दें। विशेष विषयों और चित्रों का ज़िक्र करें। इस चित्ताकर्षक प्रकाशन की उपयोगिता दर्शाने में उत्साही रहें।
३ स्नेही रूप से अपना परिचय देने के बाद, आप कह सकते हैं:
▪“इस आधुनिक वैज्ञानिक दुनिया में, क्या यह विश्वास करना युक्तियुक्त है कि एक परमेश्वर है जिसने हमें और इस खूबसूरत पृथ्वी को सृजा, जिस पर हम जी रहे हैं? [जवाब के लिए समय दें.] जब हम इस पृथ्वी और सारे विश्वमण्डल की विशालता और अद्भुत बातों पर ग़ौर करते हैं, हम उसकी व्यवस्था और रचना से प्रभावित होते हैं। क्या यह एक सृष्टिकर्ता के अस्तित्व का सबूत नहीं? इस मामले में बाइबल के तर्क पर ध्यान दें। [इब्रानियों ३:४ पढ़ें.] तो फिर तर्कसंगत रूप से, हर इमारत का एक रचयिता और बान्धनेवाला रहा है। [क्रिएशन किताब निकालकर पृष्ठ ११४ पर दिए गए चित्र खोलें.] हमारा विश्वमण्डल विस्मय-प्रेरक है! क्या आपको लगता है कि यह सब खुद-ब-खुद अस्तित्व में आ सकता था?” फिर पृष्ठ १२२ खोलें और घड़ी की तस्वीर के नीचे दी गयी टिप्पणी पढ़ें। पृष्ठ १२७ पर दिया गया चित्र और वहाँ उद्धृत शास्त्रवचन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। रीज़निंग् किताब के पृष्ठ ८४-८ में अतिरिक्त सहायक मुद्दे पाए जा सकते हैं।
४ या आप कह सकते हैं:
▪“आपकी राय में इस पृथ्वी पर मानवजाति को सच्ची शान्ति और खुशी पाने के लिए क्या ज़रूरी है? [जवाब के लिए समय दें.] बाइबल कहती है कि हमें परमेश्वर का भय मानना चाहिए और उसे आकाश और पृथ्वी का सृष्टिकर्ता क़बूल करना चाहिए।” प्रकाशितवाक्य १४:७ पढ़ें, और फिर क्रिएशन किताब का पृष्ठ १४० और १४१ खोलें, शायद परिच्छेद २४ और २५ पढ़ते हुए, जहाँ समझाया गया है कि पृथ्वी इंसानों के रहने के लिए रची गयी थी। अगर गृहस्थ की दिलचस्पी से और भी बातचीत करना उचित हो, तो अध्याय १९ खोलें और समझाए कि किस तरह पार्थिव परादीस जल्द ही एक असलियत होगी।
५ अगर गृहस्थ सृष्टिकर्ता के अस्तित्व के बारे में शक व्यक्त करे, तो आप कह सकते हैं:
▪“दुनिया में ख़ास तौर से इतनी सारी दुःख-तक़लीफ़ों को देखते हुए, अनेक लोगों के यही जज़बात हैं। अगर कोई परमेश्वर है, तो वह दुःख-तक़लीफ़ की अनुमति क्यों देगा? क्या आप कोई तर्कसंगत जवाब सोच निकाल सकते हैं?” उसके जवाब के अनुसार, आप विचार-विमर्श को बढ़ाने के लिए क्रिएशन किताब का अध्याय १६ इस्तेमाल करके बातचीत जारी रख सकते हैं। या अगर वह सीमित दिलचस्पी से सुनता है, आप प्रहरीदुर्ग के अँग्रेज़ी संस्करण के सितम्बर १५, १९९२, अंक के “व्हाय डू गुड पीपल् सफ़्फ़र?” (“अच्छे लोगों पर दुःख-तक़लीफ़ें क्यों आती हैं?”) लेख में से एक-दो विशेष मुद्दों को विशिष्ट कर सकते हैं। रीज़निंग किताब, पृष्ठ ३९९-४०० में इस सवाल पर अतिरिक्त सहायक जवाब पाए जा सकते हैं। कभी-कभी क्यों आप बाइबल पर विश्वास कर सकते हैं? ट्रैक्ट छोड़ना उचित होगा।
६ हमारा मक़सद न सिर्फ़ राज्य के सन्देश में दिलचस्पी उत्तेजित करना है पर बाइबल अध्ययन शुरू करना भी है। हम कितने खुश हैं कि हमारे पास यह खूबसूरत रीति से चित्रित किताब है जिस में सृष्टि की सच्चाई के बारे में समझाया गया है और जिस से हमारे महान् सृष्टिकर्ता का सम्मान होता है! आइए हम अक्तूबर के दौरान जिन सच्चे-दिलवालों से मिलते हैं, उनकी दिलचस्पी उत्तेजित करने के लिए इसका अच्छा उपयोग करें।