जब घर-मालिक दूसरी भाषा में बात करता है
1. अब प्रचार करते वक्त एक-दूसरे को और भी सहयोग देना क्यों ज़रूरी हो गया है?
दुनिया भर में, राज्य प्रचारकों को अकसर दिलचस्पी दिखानेवाले ऐसे लोग मिलते हैं, जो उस भाषा में बात नहीं करते, जिस भाषा में उनकी कलीसिया की सभाएँ चलायी जाती हैं। ऐसे लोगों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए कई शाखाओं को अलग-अलग भाषाओं में, समूह या कलीसियाएँ बनाने की ज़रूरत महसूस हुई है। कभी-कभी एक ही इलाके में अलग-अलग भाषा बोलनेवाले लोग रहते हैं। इसलिए, उस इलाके में अलग-अलग भाषा बोलनेवाली कई कलीसियाएँ भी काम करती हैं। ऐसे में, ये कलीसियाएँ एक-दूसरे को कैसे सहयोग दे सकती हैं, ताकि प्रचार काम बिना किसी गड़बड़ी के किया जा सके?—1 कुरि. 14:33.
2. घर-घर प्रचार करते वक्त, हम दूसरी भाषा बोलनेवाले समूह या कलीसिया को सहयोग कैसे दे सकते हैं?
2 पूरा-पूरा सहयोग देना: सड़क पर गवाही देते समय या मौका ढूँढ़कर गवाही देते वक्त, एक प्रचारक किसी से भी जाकर बात कर सकता है, उनसे भी जो दूसरी भाषा बोलते हैं। ऐसे में, प्रचारक उसे उस भाषा में साहित्य दे सकता है, जिसमें वह पढ़ना पसंद करे। लेकिन ऐसे इलाके में घर-घर प्रचार करते वक्त, जहाँ दूसरी भाषा बोलनेवाले समूह या कलीसिया के प्रचारक भी आते हैं, प्रचारक को अपनी कलीसिया में बोली जानेवाली भाषा के लोगों पर ही ध्यान देना चाहिए। जब एक ही इलाके में कई कलीसिया के प्रचारक काम करते हैं, तो प्रचार काम का एक अच्छा रिकॉर्ड रखना निहायत ज़रूरी हो जाता है। एक ही इलाके में काम करनेवाली अलग-अलग कलीसिया के सेवा अध्यक्षों को एक-दूसरे के साथ अच्छा संपर्क रखना चाहिए और सारा इंतज़ाम सबके फायदे को ध्यान में रखकर करना चाहिए। (नीति. 11:14) लेकिन अगर कभी घर-घर प्रचार करते वक्त, प्रचारक को किसी दूसरी भाषा में बात करनेवाला कोई व्यक्ति मिलता है, और आस-पास वह भाषा बोलनेवाली कोई कलीसिया नहीं है, तो प्रचारक को ही उसे गवाही देने और उसकी दिलचस्पी बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।
3. जब अलग-अलग समूह या कलीसियाएँ एक ही इलाके में प्रचार करती हैं, तब तरतीब से प्रचार करने के लिए क्या किया जाना चाहिए?
3 काम एक ही है: जब अलग-अलग समूह या कलीसियाएँ एक ही इलाके में प्रचार करती हैं, तब तरतीब से काम करने के लिए क्या किया जाना चाहिए? सबसे पहले, सभी कलीसिया के सेवा अध्यक्ष यह जानने की कोशिश करेंगे कि उस इलाके में कौन-कौन-सी भाषाएँ बोली जाती हैं, फलाँ भाषा बोलनेवाले कितने लोग हैं, वे कहाँ-कहाँ रहते हैं, वगैरह। फिर वे तय करेंगे कि किस तरह अलग-अलग भाषाएँ बोलनेवाली कलीसियाएँ बारी-बारी से उस इलाके में काम करेंगी। इसके बाद, हर कलीसिया को अपने-अपने इलाके का टेरिट्री मैप कार्ड दिया जाएगा। सभी प्रचारकों से यह उम्मीद की जाएगी कि वे अपने इलाके में ही काम करें। उन्हें जिस इलाके का टेरिट्री मैप कार्ड नहीं मिला है, वहाँ काम न करें। लेकिन हम चाहे कोई भी भाषा बोलनेवाले समूह या कलीसिया के क्यों न हों, हमारे मसीही प्यार में भाषाएँ कभी आड़े नहीं आ सकतीं। हमारी सबसे पहली फिक्र होगी, हमारे इलाके में रहनेवालों की आध्यात्मिक ज़रूरत पूरी करना। (यूह. 13:34, 35) जो भाई प्रचार में अगुवाई लेते हैं, वे इसका फैसला करते वक्त कि पूरे इलाके में कैसे गवाही दी जानी चाहिए, प्यार, समझदारी और तरतीब से काम लेंगे।—याकू. 3:17, 18.
4. आज कौन-सी भविष्यवाणी पूरी हो रही है?
4 बाइबल में भविष्यवाणी की गयी है कि अलग-अलग भाषाएँ बोलनेवाले लोग खुशखबरी सुनेंगे। (प्रका. 14:6, 7) इसलिए जिस इलाके में कई कलीसियाएँ काम करती हैं, वे सब अगर एक-दूसरे को पूरा-पूरा सहयोग दें, तो बार-बार एक ही घर का दरवाज़ा खटखटाने से बचा जा सकता है। और बहुत-से नए लोगों तक खुशखबरी पहुँचायी जा सकती है, उन तक भी जो दूसरी भाषा बोलते हैं।—इफि. 4:16.