जवानो—सांसारिक आत्मा से दूर रहिए
“हम ने संसार की आत्मा [सांसारिक आत्मा, ईज़ी-टू-रीड] नहीं, परन्तु वह आत्मा पाया है, जो परमेश्वर की ओर से है।”—१ कुरिन्थियों २:१२.
१, २. (क) आज दुनिया के जवानों और यहोवा की सेवा करनेवाले जवानों में कौन-सा फर्क देखा जा सकता है? (ख) इन जवान साक्षियों की तारीफ में क्या कहा जा सकता है?
“हमारी नयी नस्ल निराश, ठुकराई हुई महसूस करती है। उसे दुनिया की फिक्र नहीं है।” ऑस्ट्रेलिया के अखबार, द सन-हॆरल्ड ने ऐसा कहा। इसमें आगे कहा गया कि “अब जानलेवा हमलों के लिए [पिछले साल से] २२ प्रतिशत ज़्यादा जवानों को अदालत में लाया जाता है . . . जवान लोगों में आत्महत्या भी इतनी बढ़ गयी है कि यह सन् १९६५ से अब तिगुनी हो चुकी है . . . ऐसे जवानों की संख्या बढ़ रही है जो बड़ों से दूर होते जा रहे हैं, और यह दूरी एक बहुत ही गहरी खाई बन गयी है। वे नशीली दवाओं और शराब लेकर खुद को तबाह कर रहे हैं।” यह हकीकत कोई एक ही देश की बात नहीं है। आज जवानों की इस हालत को लेकर दुनिया भर में माता-पिता, टीचर और डॉक्टर परेशान हैं।
२ लेकिन दुनिया के इन जवानों में और यहोवा की सेवा करनेवाले जवानों में ज़मीन आसमान का फर्क है! ऐसी बात नहीं कि इन जवान साक्षियों में खामियाँ है ही नहीं। उनकी भी अपनी लड़ाई है, वे भी “जवानी की अभिलाषाओं से” लड़ रहे हैं। (२ तीमुथियुस २:२२) लेकिन, कुल मिलाकर कहा जाए तो इन जवानों ने इस दुनिया के दबाव के आगे हार मानने से इंकार किया है और जो सही है वही करने के लिए उन्होंने साहस के साथ कदम उठाया है। शैतान की “युक्तियों” से लड़कर जीतनेवाले इन सभी जवानों को हम शाबाशी देना चाहते हैं! (इफिसियों ६:११) प्रेरित यूहन्ना की तरह, इनकी तारीफ में हम भी दिल से यह कहते हैं: “हे जवानो, मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि तुम बलवन्त हो, और परमेश्वर का वचन तुम में बना रहता है, और तुम ने उस दुष्ट पर जय पाई है।”—१ यूहन्ना २:१४.
३. शब्द “आत्मा” का मतलब क्या है?
३ लेकिन, उस दुष्ट, शैतान के खिलाफ अपनी लड़ाई को हमेशा जीतने के लिए आपको “सांसारिक आत्मा” का जमकर विरोध करना होगा, जिसके बारे में बाइबल में बताया गया है। (१ कुरिन्थियों २:१२, इज़ी-टू-रीड) एक विद्वान के अनुसार, “आत्मा” के लिए इस्तेमाल किए गए यूनानी शब्द का मतलब हो सकता है “एक व्यक्ति का स्वभाव, मिज़ाज, या मनोवृत्ति।” आपकी “आत्मा,” यानी आपके स्वभाव का आपकी बोलचाल, व्यवहार, काम, दरअसल आपकी ज़िंदगी के हर फैसले पर असर पड़ता है। लेकिन यह आत्मा या स्वभाव सिर्फ एक व्यक्ति का ही नहीं होता, बल्कि एक समूह का भी होता है। मिसाल के तौर पर, प्रेरित पौलुस ने मसीहियों के एक समूह को लिखा कि “हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम्हारी [यानी पूरी कलीसिया की] आत्मा पर होता रहे।” (फिलेमोन २५) तो फिर इस संसार का भी स्वभाव या आत्मा है। लेकिन वह कैसा स्वभाव है? “सारा संसार उस दुष्ट [शैतान] के वश में पड़ा है।” सो, अगर यह सारा संसार ही शैतान के अधिकार में है, तो क्या उसका स्वभाव अच्छा हो सकता है?—१ यूहन्ना ५:१९.
सांसारिक आत्मा क्या है
४, ५. (क) सच्चाई अपनाने से पहले इफिसुस कलीसिया के मसीही किस की रीत पर चल रहे थे? (ख) ‘आकाश [“हवा”] के अधिकार का हाकिम’ कौन है और यह “आकाश” या “हवा” क्या है?
४ पौलुस ने इफिसुस के मसीहियों को लिखा: “उस [परमेश्वर] ने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे। जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश [“हवा,” हिंदुस्तानी बाइबल] के अधिकार के हाकिम अर्थात् उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न माननेवालों में कार्य्य करता है। इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे।”—इफिसियों २:१-३.
५ इफिसुस के मसीही, सच्चाई सीखने से पहले अनजाने में ही शैतान, जो ‘आकाश [“हवा”] के अधिकार का हाकिम’ है, उसकी रीत पर चल रहे थे। यह “आकाश” या “हवा” क्या है? यह पृथ्वी का वायुमंडल या परिसर नहीं हो सकता, जिसमें शैतान और दुष्टात्माओं को आज सीमित करके रखा गया है। क्यों? क्योंकि पौलुस ने जब यह चिट्ठी लिखी, तब शैतान और दुष्टातमाएँ स्वर्ग में ही थीं, उन्हें पृथ्वी के घेरे में फेंका नहीं गया था। (अय्यूब १:६; प्रकाशितवाक्य १२:७-१२ से तुलना कीजिए।) यहाँ “आकाश” या “हवा” का लाक्षणिक मतलब है। यह ऐसी मनोवृत्ति या स्वभाव है जो शैतान के इस संसार पर पूरी तरह छाया हुआ है। (प्रकाशितवाक्य १६:१७-२१ से तुलना कीजिए।) और जिस तरह हवा हमारे चारों तरफ है, उसी तरह यह स्वभाव भी पूरी दुनिया में पाया जाता है।
६. ‘आकाश [“हवा”] का अधिकार’ क्या है, और कई युवाओं पर यह कैसे अधिकार चलाता है?
६ लेकिन यह ‘आकाश [“हवा”] का अधिकार’ क्या है? इसका मतलब वह ज़बरदस्त प्रभाव है जो यह “हवा” संसार के लोगों पर डालती है। पौलुस कहता है कि यह “हवा” या आत्मा “आज्ञा न माननेवालों में कार्य्य” करती है। इसलिए, सांसारिक आत्मा लोगों को कहना न मानने और विद्रोह करने के लिए उकसाकर उन पर अधिकार चलाती है। और युवाओं पर अपने साथियों से दबाव डलवाकर भी अधिकार चलाती है। साथियों के इस दबाव के बारे में एक युवा बहन कहती है कि “स्कूल में बच्चे अकसर कहते हैं कि तुम्हें किसी की परवाह करने की ज़रूरत नहीं है, अपनी मरज़ी से चलो। अगर तुम ऐसा करोगे तभी तुमको कोई पूछेगा।”
सांसारिक आत्मा कैसे ज़ाहिर होती है
७-९. (क) आज के जवान कौन-कौन-से कामों के द्वारा सांसारिक आत्मा दिखाते हैं? (ख) क्या आपने इनमें से कुछ बातों को अपने इलाके में होते देखा है?
७ आज जवान लोग संसार की आत्मा के प्रभाव में आकर क्या-क्या करते हैं? बड़ों की बात का उल्लंघन करते हैं, किसी का लिहाज़ नहीं करते और बेईमानी करते हैं। एक मैग्ज़ीन में रिपोर्ट किया गया था कि कॉलेज के ७० प्रतिशत लड़के-लड़कियों ने अपने हाई स्कूल के दौरान नकल की थी। आज जवानों में ताने कसना, बदतमीज़ी से बोलना और गंदी बातें करना आम हो गया है। माना कि अय्यूब और प्रेरित पौलुस ने ऐसी बातें कहीं जिन्हें शायद लोग तानेबाज़ी कहें, लेकिन वह जायज़ बात पर अपना क्रोध प्रकट करने के लिए था। (अय्यूब १२:२, NW; २ कुरिन्थियों १२:१३) मगर, आज कई नौजवान बात-बेबात पर ही ऐसी ताना-कशी और गाली-गलौज करते हैं, जो दिल को बहुत ही गहरा ज़ख्म दे सकता है।
८ खेलकूद या मनोरंजन में भी सांसारिक आत्मा नज़र आती है। नाइट-क्लब, रेव या डांस पार्टियाँ,a और अलग-अलग तरीके से रंगरलियाँ मनाना जवानों में बहुत ही ज़ोर पकड़ता जा रहा है। उसी तरह कपड़ों और रूप-श्रंगार के मामले में भी जवानों ने हद पार कर दी है। बिलकुल ढीले-ढाले कपड़े पहनकर, शरीर के अलग-अलग अंगों को छिदवाकर, एकदम अजीबो-गरीब फैशन करके वे यही दिखाते हैं कि उन्हें आदर्शों की कोई परवाह नहीं है। (रोमियों ६:१६ से तुलना कीजिए।) ऐशो-आराम की चीज़ें इकट्ठा करने में भी संसार की आत्मा झलकती है। शिक्षा से संबंधित एक पत्रिका के मुताबिक “विक्रेता अपने शानदार विज्ञापनों के ज़रिए जवानों पर तरह-तरह की लुभावनी चीज़ों की बौछार करते रहते हैं।” अनुमान है कि एक अमरीकी जवान अपने हाई स्कूल की पढ़ाई खत्म करने तक टीवी पर ३,६०,००० विज्ञापन देख चुका होता है। हो सकता है कि आपके दोस्त भी आप पर नई-नई चीज़ें खरीदने का दबाव डालें। १४ साल की एक लड़की कहती है: “हर कोई पूछता है, ‘तुमने किस ब्राँड की स्वेटर, जैकॆट या जीन्स पहन रखी है?’”
९ बाइबल के ज़माने से ही घटिया संगीत का इस्तेमाल करके शैतान ने लोगों को बुरे चालचलन में फँसाया है। (निर्गमन ३२:१७-१९; भजन ६९:१२; यशायाह २३:१६ से तुलना कीजिए।) तो फिर इसमें कोई शक नहीं कि आज भी काम वासना भड़कानेवाले गाने बहुत पसंद किए जाते हैं, भले ही इन गानों में ऐसी अश्लील बातें खुलकर न बतायी जाती हों। साथ ही ज़ोरदार ताल और मादक धुनोंवाले गाने पसंद किए जाते हैं। बदचलनी या लैंगिक अनैतिकता में भी इस संसार की गंदी आत्मा दिखायी देती है। (१ कुरिन्थियों ६:९-११) द न्यू यॉर्क टाइम्स रिपोर्ट करता है कि “दोस्त बनाने के लिए सॆक्स अब एक रस्म बन गया है . . . इसलिए अब तक हाई-स्कूल के दो-तिहायी से ज़्यादा विद्यार्थियों ने संभोग किया है।” द वॉल स्ट्रिट जर्नल के एक लेख में कुछ ऐसे सबूत दिए गए कि ८ से १२ साल के बच्चे भी “सॆक्स में फँसने लगे हैं।” हाल ही में रिटायर हुई एक स्कूल काउँसलर कहती हैं: “अब तो छठी क्लास की लड़कियाँ भी गर्भवती होने लगी हैं।”b
सांसारिक आत्मा का विरोध करना
१०. मसीही परिवारों के कुछ जवानों को संसार की हवा कैसे लग गयी?
१० लेकिन अफसोस की बात है कि कुछ मसीही जवानों को भी इस संसार की हवा लग गई है। एक जापानी लड़की कहती है, “मैं मम्मी-डैडी और काँग्रगेशन के भाई-बहनों के सामने तो बहुत अच्छी लड़की बनकर रहती थी। मगर मेरी असलियत कुछ और थी।” केन्या की एक युवती कहती है: “मैं कुछ समय के लिए अंदर से कुछ और, और बाहर से कुछ और थी। पार्टियों में जाना, रॉक सुनना, गलत किस्म के दोस्तों के साथ उठना-बैठना, ये सब चलता था। मुझे पता था कि मैं जो कर रही हूँ ठीक नहीं है, मगर मैंने यह सोचकर इसे नज़रअंदाज़ किया कि शायद बाद में, मैं धीरे-धीरे सुधर जाऊँगी। मगर ऐसा हुआ नहीं। बात हाथ से निकल गई।” जर्मनी से एक और युवती कहती है: “मेरी दिखावटी ज़िंदगी तब शुरू हुई जब मैं बुरे लोगों के साथ दोस्ती करने लगी। मैंने सिगरॆट पीना शुरू किया। मैं मम्मी-डैडी को तकलीफ देना चाहती थी; मगर मैंने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारी थी।”
११. जब दस जासूसों ने बुरी रिपोर्ट सुनायी तो कालिब दबाव का विरोध कैसे कर सका?
११ लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सांसारिक आत्मा का विरोध करना नामुमकिन है। पुराने ज़माने के कालिब की मिसाल देखिए। जब दस बुज़दिल जासूसों ने वादा किए गए देश के बारे में बुरी खबर सुनायी, तो कालिब और यहोशू उनकी बातों में नहीं आए और दबाव में आकर उनकी हाँ में हाँ नहीं मिलायी। इसके बजाय उन्होंने बड़े साहस के साथ कहा: “जिस देश का भेद लेने को हम इधर उधर घूम कर आए हैं, वह अत्यन्त उत्तम देश है। यदि यहोवा हम से प्रसन्न हो, तो हम को उस देश में, जिस में दूध और मधु की धाराएं बहती हैं, पहुंचाकर उसे हमें दे देगा।” (गिनती १४:७, ८) कालिब उस दबाव का विरोध कैसे कर सका? यहोवा ने इसका जवाब दिया: “कालिब के साथ और ही [अलग] आत्मा है।”—गिनती १४:२४.
एक ‘अलग आत्मा’ दिखाना
१२. अपनी बोली में ‘अलग आत्मा’ दिखाना क्यों ज़रूरी है?
१२ आज इस संसार की आत्मा से बिलकुल ‘अलग आत्मा’ या स्वभाव दिखाने के लिए हिम्मत और साहस की ज़रूरत होती है। निरादर करनेवाली बोली और तानेबाज़ी से दूर रहकर हम ऐसी ‘अलग आत्मा’ दिखा सकते हैं। असल में देखा जाए तो ‘तानेबाज़ी’ के लिए यूनानी शब्द का मतलब है, “कुत्तों की तरह माँस फाड़ निकालना।” (गलतियों ५:१५ से तुलना कीजिए।) जिस तरह एक कुत्ता अपने पैने दाँतों से हड्डी में से माँस नोंच लेता है, उसी तरह ‘तानेबाज़ी’ से हम दूसरों की इज़्ज़त उतार देते हैं। लेकिन कुलुस्सियों ३:८ हमें उकसाता है कि हम “इन सब को अर्थात् क्रोध, रोष, बैरभाव, निन्दा और मुंह से गालियां बकना [अपशब्द बोलना, ईज़ी टू रीड] ये सब बातें छोड़ दो।” और नीतिवचन १०:१९ कहता है: “जहां बहुत बातें होती हैं, वहां अपराध भी होता है, परन्तु जो अपने मुंह को बन्द रखता वह बुद्धि से काम करता है।” सो, अगर कोई आपकी बेइज़्ज़ती करता है तो बदला लेने के लिए उस व्यक्ति पर ताना कसने के बजाय, आपमें इतना धीरज होना चाहिए मानो आप उसकी तरफ ‘दूसरा गाल भी फेरने’ के लिए तैयार हों। आप उससे अकेले में ठंडे दिमाग से बात कर सकते हैं।—मत्ती ५:३९; नीतिवचन १५:१.
१३. मसीही जवान भौतिक चीज़ों के लिए सही नज़रिया कैसे दिखा सकते हैं?
१३ भौतिक चीज़ों के बारे में भी सही नज़रिया रखकर हम ‘अलग आत्मा’ दिखा सकते हैं। हाँ, यह तो हर कोई चाहता है कि उसके पास बढ़िया से बढ़िया चीज़ें हों। यीशु मसीह भी एक वस्त्र पहनता था जो बहुत बढ़िया किस्म का था। (यूहन्ना १९:२३, २४) लेकिन, जब आप पर उन चीज़ों का इतना जुनून सवार हो जाता है कि आप मम्मी-डैडी से ज़िद्द करने लगते हैं कि उसे खरीदकर आपको दें, जो शायद उनके बस की बात न हो, या फिर जब आप दुनिया के दूसरे जवानों की तरह दिखने की हर कोशिश करते हैं, तो इसका मतलब है कि सांसारिक आत्मा आप पर अधिकार चला रही है, वह भी इतना कि आप खुद यकीन नहीं करेंगे। बाइबल कहती है कि “जो कुछ संसार में है, अर्थात् शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्ड, वह पिता की ओर से नहीं, परन्तु संसार ही की ओर से है।” जी हाँ, भौतिक चीज़ों के लालच में फँसकर सांसारिक आत्मा को खुद पर अधिकार चलाने मत दीजिए! जो भी आपके पास है, उसी में खुश रहना सीखिए।—१ यूहन्ना २:१६; १ तीमुथियुस ६:८-१०.
१४. (क) कैसे पता चलता है कि यशायाह के दिनों में खेल-कूद और मनोरंजन के बारे में परमेश्वर के लोगों का नज़रिया गलत था? (ख) नाइट-क्लब और लीलाक्रीड़ा में शामिल होने से कुछ मसीही जवानों ने कौन-सी बुराइयों का सामना किया?
१४ खेल-कूद और मनोरंजन की भी एक अपनी जगह है। भविष्यवक्ता यशायाह ने कहा: “हाय उन पर जो बड़े तड़के उठकर मदिरा पीने लगते हैं और बड़ी रात तक दाखमधु पीते रहते हैं जब तक उनको गर्मी न चढ़ जाए! उनकी जेवनारों में वीणा, सारंगी, डफ, बांसली और दाखमधु, ये सब पाये जाते हैं; परन्तु वे यहोवा के कार्य की ओर दृष्टि नहीं करते, और उसके हाथों के काम को नहीं देखते।” (यशायाह ५:११, १२) अफसोस की बात है कि हमारे कुछ जवान भाई-बहन इसी तरह की पार्टियों में जाने लगे हैं। कुछ मसीही जवानों से पूछा गया था कि नाइट-क्लब में क्या-क्या होता है। एक जवान बहन ने कहा: “वहाँ लड़ाई-झगड़ा तो रोज की बात है। कभी-कभी मैं भी उसमें फँस जाती हूँ।” एक जवान भाई ने कहा: “वहाँ शराब और सिगरॆट पीना तो चलता ही रहता है।” एक और जवान भाई ने कहा: “लोग पी लेते हैं और फिर बेवकूफों जैसी हरकतें करते हैं! ड्रग्स लेते हैं। गंदे काम भी होते हैं। अगर तुम यह सोचकर वहाँ जाते हो कि मुझे कुछ नहीं होनेवाला, तो तुम खुद को धोखा दे रहे हो।” इसीलिए बाइबल ऐसी रंगरलियों को या “लीलाक्रीड़ा” को “शरीर के काम” कहती है।—गलतियों ५:१९-२१; रोमियों १३:१३.
१५. बाइबल में मनोरंजन के बारे में कौन-सा सही नज़रिया दिया गया है?
१५ अगर आप ऐसे नुकसानदेह मनोरंजन से दूर रहते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपकी ज़िंदगी की खुशियाँ छिन जाएँगी। हम एक “आनन्दित परमेश्वर” की उपासना करते हैं जो चाहता है कि हम अपनी जवानी का पूरा-पूरा मज़ा उठाएँ! (१ तीमुथियुस १:११, NW; सभोपदेशक ११:९) लेकिन बाइबल चेतावनी देती है: “जो रागरंग [‘ऐय्याशी,’ ईज़ी-टू-रीड] से प्रीति रखता है, वह कंगाल होता है।” (नीतिवचन २१:१७) जी हाँ, अगर आप इस तरह के घटिया मनोरंजन को ही अपनी ज़िंदगी में सब कुछ बना लेते हैं, तो आप आध्यात्मिक अर्थ में कंगाल हो जाएँगे। बाइबल के सिद्धांतों को ध्यान में रखकर मनोरंजन चुनिए। ऐसे भी कई किस्म के मनोरंजन हैं जिनसे आप अपनी ज़िंदगी बरबाद करने के बजाए सँवार सकते हैं।c—सभोपदेशक ११:१०.
१६. कपड़े, सजने-सँवरने और संगीत के मामले में मसीही जवान कैसे दिखा सकते हैं कि वे दुनिया से अलग हैं?
१६ अगर आप अपने कपड़ों में, सजने-सँवरने में शालीनता दिखाएँ और दुनिया के फैशन के पीछे न भागें, तो इससे आप दूसरों से अलग नज़र आएँगे। (रोमियों १२:२; १ तीमुथियुस २:९) अच्छा संगीत चुनने के द्वारा भी आप दिखा सकते हैं कि आप दूसरों से अलग हैं। (फिलिप्पियों ४:८, ९) एक युवा बहन कहती है: “मुझे मालूम है कि मेरे पास ऐसे गानों की कैसेट्स हैं जिन्हें फेंक देना चाहिए, मगर क्या करूँ वो मुझे इतने पसंद हैं कि फेंकने को दिल नहीं चाहता!” उसी तरह एक जवान भाई ने कहा: “मैं गानों का दिवाना हूँ और यही मेरे लिए सबसे बड़ी मुश्किल है। अगर मुझे पता चला या मम्मी-डैडी ने कहा कि यह गाना ठीक नहीं है, तो उसे फेंकने के लिए मुझे अपने-आपको बहुत मनाना पड़ता है क्योंकि मुझे वह गाना बहुत ही पसंद होता है।” मगर हमारे प्यारे जवानो, शैतान “की युक्तियों से अनजान” मत रहो! (२ कुरिन्थियों २:११) वह जवान मसीहियों को यहोवा से दूर करने के लिए संगीत का इस्तेमाल कर रहा है! वॉच टावर की पुस्तकों में रैप, हॆवी मॆटल, आल्टरनेटिव रॉक, जैसे गीतों पर चर्चा की गयी है।d लेकिन हम संगीत के हर नए स्टाइल और रूप पर चर्चा नहीं कर सकते। इसलिए आपको अपना संगीत चुनते वक्त “विवेक” और “समझ” का इस्तेमाल करना चाहिए।—नीतिवचन २:११.
१७. (क) पॉर्नीया क्या है और इसमें क्या-क्या शामिल है? (ख) नैतिक चालचलन के बारे में परमेश्वर की इच्छा क्या है?
१७ इनके अलावा आपको अपना चालचलन भी शुद्ध रखना है। बाइबल कहती है कि “व्यभिचार से बचे रहो।” (१ कुरिन्थियों ६:१८) कई मसीही जवान ओरल या मौखिक सॆक्स और एकदूसरे के गुप्तांगों को कामुकता से हाथ लगाने जैसे कामों में शामिल हुए हैं और उन्होंने यह सोचा कि वे दरअसल व्यभिचार नहीं कर रहे, क्योंकि उन्होंने आपस में संभोग नहीं किया है। लेकिन यूनानी शब्द, पॉर्नीया या व्यभिचार का मतलब सिर्फ संभोग नहीं बल्कि हर तरह का अशुद्ध लैंगिक काम है। इसमें शादी किए बिना एक लड़के या लड़की के बीच मौखिक सॆक्स और लैंगिक अंगों को जानबूझकर स्पर्श करना शामिल है। परमेश्वर का वचन बाइबल इसके बारे में साफ-साफ कहता है: “परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम पवित्र बनो: अर्थात् व्यभिचार से बचे रहो। और तुम में से हर एक पवित्रता और आदर के साथ अपने पात्र को प्राप्त करना जाने।”—१ थिस्सलुनीकियों ४:३, ४.
१८. (क) जवान लोग संसार की आत्मा से अशुद्ध होने से कैसे बचे रह सकते हैं? (ख) अगले लेख में किस बात पर चर्चा की जाएगी?
१८ आप सांसारिक आत्मा द्वारा अशुद्ध होने से बचे रह सकते हैं, बशर्ते आप यहोवा की मदद लें! (१ पतरस ५:१०) और आपको शैतान के खतरनाक फंदों को पहचानने के लिए समझदारी की भी ज़रूरत होगी क्योंकि उसके फंदे आसानी से नज़र नहीं आते। इसलिए हमारा अगला लेख जवानों को समझदार होने या उन्हें अपनी ज्ञानेन्द्रियों को पक्का करने में मदद करेगा।
[फुटनोट]
a ये डांस-पार्टियाँ आम तौर पर रात भर चलती हैं। ज़्यादा जानकारी के लिए सजग होइए!, जनवरी ८, १९९८ का लेख “युवा लोग पूछते हैं—क्या रेव नुक़सान न करनेवाली मौज-मस्ती है?” देखिए।
b लगभग ११ साल की बच्चियाँ।
c सुझावों के लिए पुस्तक युवाओं के प्रश्न—व्यावहारिक उत्तर के पेज २९६-३०३ देखिए।
d अप्रैल १५, १९९३ की प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी) देखिए।
आइए दोहराएँ
◻ “संसार की आत्मा” क्या है और ये लोगों पर “अधिकार” कैसे चलाती है?
◻ आज के जवानों में संसार की आत्मा किन कामों से नज़र आती है?
◻ मसीही जवान अपनी बोली और मनोरंजन के मामले में ‘अलग आत्मा’ कैसे दिखा सकते हैं?
◻ मसीही जवान नैतिकता और संगीत के मामले में ‘अलग आत्मा’ कैसे दिखा सकते हैं?
[पेज 9 पर तसवीर]
कई जवानों के चालचलन को देखकर लगता है कि वे इस संसार की आत्मा के “अधिकार” में आ गए हैं
[पेज 10 पर तसवीर]
संगीत का चुनाव ध्यान से कीजिए
[पेज 11 पर तसवीर]
संसार की आत्मा का विरोध करने के लिए साहस की ज़रूरत होती है