दाविद का सुरीला गीत।
23 यहोवा मेरा चरवाहा है।+
मुझे कोई कमी नहीं होगी।+
2 वह मुझे हरे-भरे चरागाहों में बिठाता है,
झील के किनारे आराम की जगह ले चलता है।+
3 वह मुझे तरो-ताज़ा करता है।+
अपने नाम की खातिर नेकी की डगर पर ले चलता है।+
4 चाहे मैं काली अँधेरी घाटी से गुज़रूँ,+
तो भी मुझे कोई डर नहीं,+
क्योंकि तू मेरे साथ रहता है,+
तेरी छड़ी और लाठी मुझे हिम्मत देती है।
5 तू मेरे दुश्मनों के सामने मेरे लिए मेज़ सजाता है।+
मेरे सिर पर तेल डालकर मुझे ताज़गी देता है,+
मेरा प्याला लबालब भरा है।+
6 बेशक, भलाई और अटल प्यार ज़िंदगी-भर मेरे साथ रहेंगे+
और मैं सारी उम्र यहोवा के भवन में निवास करूँगा।+