यशायाह
60 “हे औरत, उठ!+ उठकर रौशनी चमका क्योंकि तेरी रौशनी आ गयी है,
यहोवा की महिमा का तेज तुझ पर चमका है।+
2 देख! धरती पर अँधेरा होनेवाला है,
राष्ट्रों पर घोर अंधकार छानेवाला है।
मगर यहोवा तुझ पर उजाला चमकाएगा,
उसकी महिमा का तेज तुझ पर दिखायी देगा।
4 आँख उठाकर अपने चारों तरफ देख!
वे सब इकट्ठा हो गए हैं और तेरे पास आ रहे हैं,
तेरे बेटे दूर-दूर से आ रहे हैं,+
तेरी बेटियों को गोद में उठाकर लाया जा रहा है।+
5 उस वक्त तेरा चेहरा दमक उठेगा,+
तेरा दिल उछल पड़ेगा और खुशी से भर जाएगा,
क्योंकि समुंदर की दौलत तेरे पास चली आएगी,
राष्ट्रों का खज़ाना तेरे पास आएगा।+
8 ये कौन हैं जो बादलों की तरह उड़े चले आ रहे हैं?
कबूतरों की तरह अपने कबूतरखाने की ओर आ रहे हैं?
तरशीश के जहाज़ सबसे आगे हैं,*
वे तेरे बेटों को दूर-दूर से ला रहे हैं,+
उनका सोना-चाँदी भी साथ ला रहे हैं
कि तेरे परमेश्वर यहोवा के नाम की, इसराएल के पवित्र परमेश्वर की बड़ाई हो,
क्योंकि परमेश्वर तेरी शोभा बढ़ाएगा।+
10 परदेसी तेरी शहरपनाह बनाएँगे,
उनके राजा तेरी सेवा करेंगे।+
मैंने क्रोध से भरकर तुझे मारा था,
पर अब तुझसे खुश होकर तुझ पर दया करूँगा।+
11 तेरे फाटक दिन-रात खुले रहेंगे,+
वे कभी बंद नहीं किए जाएँगे
ताकि राष्ट्रों की दौलत तेरे पास लायी जा सके
और ऐसा करने में उनके राजा सबसे आगे होंगे।+
12 जो राष्ट्र और राज्य तेरी सेवा नहीं करेंगे, उन्हें मिटा दिया जाएगा,
उन राष्ट्रों को खाक में मिला दिया जाएगा।+
हाँ, लबानोन की शान, खुद चलकर तेरे पास आएगी+
ताकि मेरे पवित्र-स्थान की शोभा बढ़े।
मैं अपने पाँव की जगह को महिमा से भर दूँगा।+
14 जिन्होंने तुझे सताया था, उनके बेटे आकर तेरे आगे झुकेंगे,
तेरा अपमान करनेवाले तेरे पैरों पर गिरकर तुझे प्रणाम करेंगे।
उन्हें कहना पड़ेगा कि तू यहोवा की नगरी है,
इसराएल के पवित्र परमेश्वर की सिय्योन नगरी।+
15 तुझे छोड़ दिया गया, तुझसे नफरत की गयी और तुझमें से होकर कोई नहीं जाता,+
पर अब मैं तुझे हमेशा के लिए गर्व करने की वजह बना दूँगा,
तू पीढ़ी-पीढ़ी तक खुशियाँ मनाने की वजह बन जाएगी।+
16 तू राष्ट्रों का दूध पीएगी,+
हाँ, राजाओं की छाती से पीएगी+
और तू जान लेगी कि मैं यहोवा, तेरा उद्धारकर्ता हूँ,
याकूब का शक्तिशाली परमेश्वर, तेरा छुड़ानेवाला हूँ।+
17 मैं ताँबे के बदले सोना,
लोहे के बदले चाँदी,
लकड़ी के बदले ताँबा
और पत्थर के बदले लोहा लाऊँगा।
मैं शांति को ठहराऊँगा कि तेरी निगरानी करे
और नेकी तुझे काम सौंपेगी।+
तू अपनी शहरपनाह का नाम उद्धार+ और अपने फाटकों का नाम तारीफ रखेगी।
19 तेरी रौशनी न दिन के सूरज से होगी,
न चाँद की चाँदनी से,
बल्कि यहोवा सदा के लिए तेरी रौशनी बनेगा+
और तेरा परमेश्वर तेरी शोभा ठहरेगा।+
20 अब से तेरा सूरज कभी नहीं डूबेगा,
न तेरे चाँद की चाँदनी फीकी पड़ेगी।
मातम मनाने के तेरे दिन खत्म हुए,+
क्योंकि यहोवा सदा के लिए तेरी रौशनी बनेगा।+
21 तेरे सभी लोग नेक होंगे,
वे इस देश में सदा बसे रहेंगे।
22 थोड़े-से-थोड़ा, एक हज़ार हो जाएगा
और छोटे-से-छोटा, ताकतवर राष्ट्र बन जाएगा।
मैं यहोवा, ठीक समय पर इस काम में तेज़ी लाऊँगा।”